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डॉ. केके अग्रवाल की विरासत को आगे बढ़ाने का वादा करती हैं उनकी बेटी नैना अग्रवाल, HCFI के जरिए जारी रहेंगे उनके नेक काम

नैना अग्रवाल एक प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ और चिकित्सक डॉक्टर केके अग्रवाल की बेटी हैं। डॉ. केके अग्रवाल ने महामारी के दौरान अपने ज्ञानवर्धक वीडियो से लाखों लोगों को उम्मीद दी थी। उन्होंने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की भी स्थापना की, जो जरूरतमंदों के लिए कई स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम चलाता है।

डॉ. केके अग्रवाल की विरासत को आगे बढ़ाने का वादा करती हैं उनकी बेटी नैना अग्रवाल, HCFI के जरिए जारी रहेंगे उनके नेक काम

Tuesday June 15, 2021 , 5 min Read

जब इस साल मई में कोविड-19 के कारण हृदय रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक और पद्म श्री पुरस्कार विजेता डॉक्टर केके अग्रवाल का निधन हो गया, तो हजारों लोगों ने उनके जाने पर शोक व्यक्त किया। जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवा और सहायता प्रदान करने वाले एक गैर सरकारी संगठन हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के संस्थापक के रूप में डॉ. अग्रवाल ने अपने जीवनकाल में लाखों लोगों के जीवन को संवारा था।


वह कोविड-19 और अन्य मुद्दों पर अपने ज्ञानवर्धक वीडियो के लिए प्रसिद्ध थे। बड़ी संख्या में लोगों ने उनके शांत, आश्वस्त तरीके से लोगों को चिंताओं को दूर करने वाले वीडियोज को देखा और सही समय पर सही जानकारी हासिल की।

डॉक्टर केके अग्रवाल

डॉक्टर केके अग्रवाल

अपने आखिरी वीडियो में, डॉ. अग्रवाल ने कहा था, “पिक्चर बाकी है। शो मस्ट गो ऑन।" उनकी मृत्यु चिकित्सा बिरादरी और आम लोगों दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी बेटी नैना अग्रवाल ने YourStory के साथ बातचीत में कहा कि उनके पिता की विरासत, आशा का संदेश और स्वास्थ्य सेवा के लिए उनका समर्पण जारी रहेगा।


वह कहती हैं, "उनका जाना केवल हमारे परिवार के लिए क्षति नहीं है, उन्होंने इतने वर्षों में इतने लोगों को प्रभावित किया है कि यह देश, हर परिवार और घर जिन्हें उन्होंने उम्मीद दी, उनके लिए भी एक बड़ी क्षति है।"

शो चलता रहेगा

नैना और उनका परिवार उनके विजन को जीवित रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और अपने एनजीओ एचसीएफआई को उसी तरह से चला रहा है जिस तरह से वह समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ चलाते।


नैना और उनका भाई डॉक्टर माता-पिता के साथ बड़े हुए, लेकिन उन्होंने कम्युनिकेशन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला किया। वह एक पीआर एजेंसी चलाती हैं जबकि उनके भाई का अपना हेल्थकेयर स्टार्टअप है। हालांकि, एचसीएफआई के ट्रस्टी के रूप में, नैना हमेशा अपने पिता के काम में शामिल रही हैं।


वह कहती हैं, “कॉलेज में रहते हुए, मैंने एनजीओ के भीतर एक युवा विंग शुरू की और जरूरतमंद लोगों तक प्रोस्थेटिक्स पहुंचाने के लिए लगभग 30,000 रुपये एकत्र किए। बड़े होने के दौरान, मैंने उन्हें हमेशा टीवी पर देखा, राष्ट्रीय आपदा के दौरान, हमारे घर पर रात 1 बजे भी पत्रकार होते थे।” वह कुछ वर्षों से एचसीएफआई के कम्युनिकेशन साइड में शामिल हैं, विभिन्न कार्यक्रमों पर काम कर रही हैं।


नैना ने एचसीएफआई की विभिन्न गतिविधियों को रेखांकित किया और बताया कि इसने लोगों को कैसे प्रभावित किया है।


वह कहती हैं, “हम COVID-19 परामर्श की आवश्यकता वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक निःशुल्क ओपीडी चला रहे हैं। झारखंड या पटना में बैठा कोई भी व्यक्ति इस तक पहुंच सकता है। मेरे पिता का पूरा दर्शन महामारी के डर को खत्म करना था। उन्होंने लागत प्रभावी उपचार विधियों पर भी सलाह दी।"

सभी के लिए अच्छी सेहत

डॉ. केके अग्रवाल भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से पद्मश्री प्राप्त करते हुए

डॉ. केके अग्रवाल भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से पद्मश्री प्राप्त करते हुए

अग्रवाल ने कई स्वास्थ्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया। उन्होंने COVID-19 से उबर चुके और दूसरों को शिक्षित करने के इच्छुक लोगों को प्रशिक्षित किया ताकि वे और लोगों को इस बारे में जानकारी दे सकें कि वे अपना स्वयं और अपने परिवार का ख्याल कैसे रखें। उन्हें पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग कैसे करें, डॉक्टर को कब दिखाना है, कौन सी हेल्पलाइन उपलब्ध हैं आदि के बारे में प्रशिक्षित किया।


एचसीएफआई में ऑनलाइन बेसिक कंसल्टेशन के लिए स्वयंसेवी डॉक्टर भी हैं जो बीमारी से पीड़ित लोगों को सही सलाह देते हैं। फाउंडेशन में 70+ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी हैं जो उन लोगों के लिए नि: शुल्क प्रदान किए जाते हैं जिन्हें उनकी आवश्यकता होती है।


एनजीओ न्यायाधीशों, वकीलों, पुलिस, कॉर्पोरेट कर्मचारियों को केवल हाथों द्वारा दिए जाने वाले सीपीआर के बारे में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे जारी रखने की योजना है।


वह कहती हैं, “एक अन्य प्रोग्राम है जो उन लोगों की हार्ट सर्जरी का खर्च उठाता है जिसे वे वहन नहीं कर सकते। हमने इसके लिए नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट और मेदांता के साथ करार किया है।"


डॉ. केके अग्रवाल रिसर्च फंड महामारी और अन्य प्रासंगिक विषयों के आसपास रिसर्च पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। स्कूलों, कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों और नर्सिंग कॉलेजों में शैक्षिक कार्यक्रम जारी हैं, वहीं डॉक्टर विभिन्न विषयों पर आर्टिकल के जरिए योगदान करते हैं।


वह बताती हैं, "एचसीएफआई एक परफेक्ट हेल्थ फेयर भी चलाता है, जो पिछले साल डिजिटल हो गया था - जहां मीडिया, डॉक्टरों, हार्टकेयर परिवारों, आरडब्ल्यूए, स्कूलों और कॉलेजों के साथ नियमित सत्र आयोजित किए जाते हैं।"


उनके पास 11,500 से अधिक वीडियो का भंडार है, जिसे उनकी मां और चिकित्सा टीम आज के समय में प्रासंगिकता के अनुसार छान-बीन कर रही है और एडिट कर रही हैं।


वह बताती हैं, “उद्देश्य यह है कि उनकी आवाज जारी रहनी चाहिए क्योंकि इसने बहुत से लोगों को उम्मीद दी थी। उनका लक्ष्य लोगों को महामारी, टीकाकरण से नहीं डरने के लिए आश्वस्त करना था।”


जब डॉ. अग्रवाल का निधन हुआ, तो नैना कहती हैं कि दुनिया भर से संदेशों की बाढ़ आ गई थी। उनकी प्रार्थना सभा जो केवल निमंत्रण तक ही सीमित थी, 13 घंटे तक चली, जिसमें लोग लगातार श्रद्धांजलि दे रहे थे। ऐसे लोग थे जिनसे वह कभी मिले भी नहीं थे, लेकिन वे उनके लिए हर दिन काम करते थे।


नैना कहती हैं, “वह उस तरह के व्यक्ति थे, जिसने अपने ऑफिस के एक छोटे से कमरे से कुछ कैमरों के साथ इतिहास रचा था। उन्होंने रविवार को भी काम किया ताकि लोगों को अच्छी सलाह मिल सके। उनकी विरासत हमारे लिए महत्वपूर्ण है और लोगों के लिए हम सेवा करना जारी रखेंगे।”


Edited by Ranjana Tripathi