दिल के मरीजों का मुफ्त में इलाज कर गरीबों की सेवा कर रहे डॉक्टर मनोज
डॉ. मनोज ने कभी किसी गरीब मरीज को सिर्फ पैसों की वजह से इलाज के लिए मना नहीं किया। वे मैरियन कार्डिएक केयर एंड रिसर्च फाउंडेशन नाम से एक संगठन चलाते हैं जिससे गरीबों का इलाज संभव हो पाता है।
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन आधुनिक युग में इलाज कराना इतना महंगा हो गया है कि गरीबों को अपना घर और जमीन बेचने की नौबतत आ जाती है। ऐसे में पुणे के एक कार्डियो और हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जन मनोज दुरैराज ने गरीबों को मुफ्त में हार्ट सर्जरी करवाने का जिम्मा ले लिया। डॉ. मनोज ने कभी किसी गरीब मरीज को सिर्फ पैसों की वजह से इलाज के लिए मना नहीं किया। वे मैरियन कार्डिएक केयर एंड रिसर्च फाउंडेशन नाम से एक संगठन चलाते हैं जिससे गरीबों का इलाज संभव हो पाता है।
पहले एम्स और फिर मेलबॉर्न यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया से डॉक्टरी की शिक्षा हासिल करने वाले डॉ. मनोज बीते एक दशक से गरीबों की सेवा में लगे हैं। उन्होंने अब तक 350 से भी अधिक हार्ट सर्जरी मुफ्त में की होंगी। इनमें से अधिकतर मरीज महिलाएं और बच्चे थे। गरीबों का इलाज करने के लिए वे पहले सरकारी सहायता का उपयोग करते हैं। अगर मरीज महाराष्ट्र का होता है और वह बीपीएल कैटिगरी से होता है तो उसे सरकारी सहायता दिलवाकर डॉ. मनोज उसकी सर्जरी करते हैं।
लेकिन अगर मरीज के पास महाराष्ट्र राज्य का बीपीएल कार्ड नहीं होता है तो फिर उसका इलाज वे अपने चैरिटेबल फाउंडेशन के जरिए करते हैं। अगर अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है तो वे दानकर्ताओं से मदद की अपील करते हैं। एक साल पहले उन्होंने अहमदनगर की 12 साल की एक लड़की की हार्ट सर्जरी करने के लिए 6.5 लाख रुपये इकट्ठे किए थे। डॉ. मनोज कहते हैं कि यह लोगों का प्यार ही है जिसकी वजह से वे ऐसा कर पाते हैं।
एक बार सर्जरी होने के बाद ऐसा नहीं है कि मनोज अपने मरीजों को भूल जाते हैं। वे मरीजों का पूरा ख्याल रखते हैं और समय-समय पर उन्हें मुफ्त सलाह के साथ दवाइयां भी देते रहते हैं। अभी हाल ही में महाराष्ट्र के ही जलगांव की रहने वाली एक 14 साल की लड़की प्रेरणा की हार्ट सर्जरी की गई। डॉक्टरों की टीम में डॉ. मनोज भी शामिल थे।
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