DST इंस्टीट्यूट ने बनाई कोविड-19 के विभिन्न म्युटेंट स्ट्रेंस का पता लगाने वाली नई मल्टीप्लेक्स RT-PCR किट
DST इंस्टीट्यूट के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, "यह विशेष RT-PCR किट SARS-CoV-2 म्यूटेशन का आसानी से पता लगाकर कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार बनेगा।"
वैश्विक महामारी के लिए ज़िम्मेदार कोविड-19 वायरस के विभिन्न म्युटेंट स्ट्रेंस की पहचान करने के मामले में हाल ही में विकसित की गई मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट काफी ज़्यादा कारगर और सटीक है।
हम जानते हैं कि महामारी की दूसरी लहर कई अलग-अलग म्युटेंट्स के साथ हमें प्रभावित कर रही है, ऐसे में वायरस की सटीकता के साथ पहचान करने के लिए मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर जाँच में लक्षित जीन का चयन करना महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
वैसे तो कोरोना वायरस अन्य आरएनए वायरस की तुलना में कम त्रुटियां करता है, मगर एस, आर और एन जीन में म्युटेशंस अक्सर आरटी-पीसीआर जाँच में हस्तक्षेप करते हैं। उदाहरण के तौर पर, आरएनए में 6 बेसिस को को हटाने की वजह से “वेरिएंट ऑफ कंसर्न” बी1.1.7 (यूके वेरिएंट के नाम से भी जाना जाता है) में 69-70डेल हैं।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नॉलॉजी (SCTIMST) द्वारा विकसित ये नई मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट म्युटेंट स्ट्रेंस की एक श्रंखला की पहचान करने के लिए आंतरिक नियंत्रण के तौर पर एसएआसएस सीओवी2 के दो अलग-अलग जीन को टार्गेट करती हैः आरडीआरपी एंड ओआरएफबी-एनएसपी14 और ह्युमन आरएनएसई पी जीन।
कई अध्ययनों से पता चला है कि आरडीआरपी और ओआरएफ1बी-एनएसपी14 जीन कोविड-19 का पता लगाने में अधिक कारगर होते हैं। कोविड की दूसरी लहर में कई वेरिएंट पर निशाना साधने के लिए, आरडीआरपी और ओआरएफ-एनएसपी14 जैसे दो अधिक सटीक जीन का उपयोग करके ज़्यादा सटीक परिणाम दिए जा सकते हैं। ओआरएफबी-एनएसपी14 कोविड-19 में सबसे कम म्युटेटेड जीन में से एक है और वर्तमान में, ओआरएफ-एनएसपी14 की मदद से कोविड का पता लगाने के लिए बाजार में कोई किट उपलब्ध नहीं है।
नई किट मल्टीप्लेक्स टैकमैन केमिस्ट्री पर आधारित है, जो सिंगल रिएक्शन में तीनों जीन को बढ़ाती है। नैसॉफैरिन्जियल स्वैब नमूनों से आरएनए अलगाव के लिए आवश्यक समय के अलावा, जाँच के लिए एम्प्लिफिकेशन समय 45 मिनट है। दो पुष्टिकारक जीन की मल्टीप्लेक्सिंग से संभावित नए वेरिएंट की पहचान करने में मदद मिलेगी। यदि दो जीन में से कोई एक बढ़ने में विफल हो जाता है तो भी उसे अनुक्रम विश्लेषण के लिए चिन्हित किया जा सकता है।
आईसीएमआर ने इस किट को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में मान्यता दिलाई है, और जांच के दौरान पाया गया है कि इस किट में कोविड-19 का पता लगाने के मामले में 97.3% संवेदनशीलता और 100% विशिष्टता है।
एससीटीआईएमएसटी ने इस किट के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए 14 मई, 2021 को ह्यूवेल लाइफसाइंसेज, हैदराबाद के साथ एक नॉन-एक्सक्लुसिव लाइसेंस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि “यह विशेष आरटी-पीसीआर किट एसएआरसी-सीओवी-2 म्यूटेशन का आसानी से पता लगाकर कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार बनेगा।”