Startups fight Covid-19: अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन तक, इस वॉट्सऐप बॉट के जरिए तुरंत पाएं कोरोना से जुड़ी वेरिफाइड लीड्स
कोविड-19 से जुड़े संसाधनों के लिए दिव्यांश अनुज और उत्कर्ष रॉय ने इंट्रोबॉट नाम का एक चैटबॉट बनाया है। 400 वॉलंटियर्स की टीम से लैस और 'कोविड सिटीजंस' जैसी कई पहलों के साथ यह इंट्रोबॉट तेजी से वेरिफाइड लीड और जीवन रक्षक दवाओं से जुड़े लीड हासिल करने का प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है।
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने इस समय विकराल रूप लिया हुआ है। ऐसे में देश के हर कोने के लोग इस समय जीवन-रक्षक चिकित्सा संसाधनों को तलाश करते हुए एक-दूसरे पर और नए तकनीकी विकल्पों पर भरोसा कर रहे हैं।
लोग इस समय अस्पताल में खाली बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा, दवाएं, और ऐसे अन्य संसाधनों को खोजने के लिए वेरिफाइड जानकारी की तलाश में हैं। ऐसे में इंट्रोबॉट, नाम का वॉट्सऐप चैट बॉट तेजी से देश भर के वेरिफाइड लीड्स को हासिल करने का जरिया बनता जा रहा है।
IntroBot को दो उद्यमियों- दिव्यांश अनुज और उत्कर्ष रॉय ने बनाया है। यह एक वॉट्सऐप एआई सामुदायिक चैटबॉट है, जिसे 400 स्वयंसेवकों की एक टीम चलाती है। साथ ही इसने COVID Citizens और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में मौजूद ऐसी दूसरी पहल के साथ साझेदारी की है।
यह सभी चीजों पर रियल टाइम में वेरिफाइड लीड उपलब्ध कराता है। इसमें अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन, प्लाज्मा, दवाइयां, और कोविड से जुड़े तमाम संसाधन शामिल हैं। इससे इंट्रोबॉट ग्राउंड पर लोगों का कीमती समय और कीमती जीवन बचाने में मदद कर रहा है।
अधिक जानकारी के लिए इंट्रोबॉट सॉल्यूशंस पर हमारा पूरा वीडियो देखें-
इंट्रोबॉट का इस्तेमाल कैसे करें?
अगर किसी को कोई जानकारी चाहिए, तो वह इंट्रोबॉट का इस्तेमाल कर कैसे उसे हासिल कर सकता है? खैर, इसके लिए आपको बस अपना एक वॉट्सऐप अकाउंट होना चाहिए, जहां आप IntroBot के कोविड चैटबॉट नंबर (+1-234-517-8991) को जोड़ सकते हैं।
यूजर्स को शुरुआत में एक मैसेज भेजना होगा, और वो मैसेज होगा- 'COVID'। इसके बाद बॉट आपको तुरंत जवाबी मैसेज भेजेगा, जिसमें आपको वह एक तय प्रारूप में यह बताने के लिए कहेगा कि आपको क्या चाहिए।
इसका मतलब यह है कि आपको उस चीज का नाम टाइप करना होगा, जिसकी आप तलाश कर रहे हैं। साथ ही आपको अपनी जगह का नाम बताना होगा। उदाहरण के लिए, आप टाइप कर सकते हैं कि आपको दिल्ली में ऑक्सीजन बेड या मेरठ में प्लाज्मा चाहिए।
इसके बाद बॉट आपको सप्लायर्स की एक वेरिफाइड लीड भेजता है जिससे आप संपर्क कर सकते हैं।
को-फाउंडर उत्कर्ष बताते हैं,
“अगर मैं एक यूजर्स हूं और मुझे कोलकाता में ऑक्सीजन सिलेंडर की तलाश है, तो हमारा बॉट तुरंत रियल-टाइम डेटाबेस को चेक करेगा और मुझे यानी यूजर्स को उस संसाधन के लिए कुछ वेरिफाइड नंबर प्रदान करेगा। यूजर्स को उस नंबर पर कॉल करना होगा। इसमें बैक-एंड पर हम जो खास काम करते हैं, वह यह है कि हम सभी अनुरोध का बोझ किसी एक वेरिफाइड लीड्स पर नहीं बढ़ाते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पास मौजूद 18,000 से अधिक सप्लायर्स की सूची में से, हम सभी सप्लायर्स को बराबर संख्या में रिक्वेस्ट भेजें, ताकि वे भी इस तरह के रिक्वेस्ट को संभाल सकें।”
एक बार जब इंट्रोबॉट द्वारा शेयर किए लीडस् से यूजर्स का काम बन जाता है, तो उन्हें सिर्फ यह बताने वाला एक संदेश भेजना होता कि उन्हें यह मददगार लगा।
अगर नहीं, तो वे यह कहकर प्रतिक्रिया दे सकते हैं - जवाब नहीं मिला, स्टॉक खत्म हो गया, या अमान्य नबंर। फिर बॉट ऑटोमेटिक रूप से उनके साथ एक और वेरिफाइड लीड शेयर करता है।
इस तरह, इंट्रोबॉट की टीम रियल-टाइम में जानकारी को लगातार सत्यापित कर पाती है और यह सुनिश्चित करती है कि लीड अपडेटेड हो। इससे बॉट भी उन लोगों के साथ सत्यापित लीड्स शेयर करने में सक्षम बनता है, जिन्हें ग्राउंड पर इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
इंट्रोबॉट की लोकप्रिय होने के पीछे का कारण इसका सरल होना है। उत्कर्ष बताते हैं, "सबसे अच्छी बात यह है कि किसी को कोई ऐप डाउनलोड नहीं करना है, न ही किसी वेबसाइट पर जाना है। अगर आपके पास वॉट्सऐप है, तो बस यह आपके फोन में है। हमने जानबूझकर इसे सरल रखा है और हर एक संदेश के माध्यम से सोचा है जो बाहर जाता है। हमने डेटा गोपनीयता के बारे में भी सोचा है और यह सुनिश्चित किया है कि यह यूजर्स के लिए बेहद आसान और ग्राउंड पर उन लोगों को मदद दिलाने में सहायक हो, जो ऐसी जानकारी की तलाश में हैं।"
इंट्रो बॉट का प्रभाव
इंट्रो बॉट टीम का मिशन इस महामारी के बीच लाखों लोगों की जान बचाने का है। ऐसे में यह भी साफ करना जरूरी है कि टीम को सूचना का लोकतांत्रिककरण करना बेहद अहम है।
उत्कर्ष कहते हैं, "दिव्यांश और मैं लगातार सूचना लोकतांत्रिककरण के बारे में बात करते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में जिस किसी के पास भी स्मार्टफोन है, उस तक इस जानकारी की पहुंच हो। ऐसा इसलिए क्योंकि हम जो समस्या इस देश में देख रहे हैं, वह यह है कि कुछ लोगों के पास बहुत अधिक पहुंच है, जबकि कई अन्य लोगों के पास कोई सूचना नहीं है। ऐसा दवा की आपूर्ति, टीकों, सूचनाओं, डॉक्टरों तक पहुंच आदि सभी मामलों में देखा गया है। हम इसे बदलना चाहते हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम जमीनी स्तर पर लोगों पर छाप छोड़ सकें।"
और इंट्रोबोट ने अपने लॉन्च होने के पहले ही हफ्ते में इसी चीज को हासिल किया।
सिर्फ सात दिनों में, इंट्रोबॉट ने ग्राउंड स्तर पर 5,00,000 से अधिक लोगों की मदद की है, जिनमें से कम से कम 20,000 ने कहा है कि उन्होंने लीड को मददगार पाया है। उत्कर्ष अनुमान लगाते हैं कि इस तरह से इंट्रोबॉट ने कम से कम 15,000 लोगों की जान बचाई होगी।
कुल मिलाकर, इंट्रोबॉट ने हजारों जानें बचाने में मदद की है। इसमें जज्बे से भरी वॉलंटियर्स की पूरी टीम के साथ-साथ समान सोच वाली पहलों जैसे COVID Citizens, COVIDFYI, Fireside, Wakefit, School of Accelerated Learning, Indian School of Business आदि में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में मौजूद तमाम संगठनों का भी योगदान है।
उत्कर्ष कहते हैं, “एक समूह के रूप में हमारा मिशन इस महीने के अंत तक एक लाख लोगों की जान बचाने का है। हम सभी अपने जज्बे, अपने संसाधन, अपनी बुद्धि, अपने कौशल, अपने दोस्तों और परिवारों को जून या जुलाई में आने वाली बड़ी लहर और पीक के लिए तैयार रहने के लिए इकट्ठा कर रहे हैं।”
अच्छाई के लिए तकनीक और समुदाय का लाभ उठाना
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में टेक्नोलॉजिस्ट, इनोवेटर्स और इनेबलर्स की एक टीम द्वारा इस व्यापक तैयारी में कई अन्य तकनीकी इनोवेशंस को लॉन्च करने के प्रयास भी शामिल हैं।
ऐसा ही एक इनोवेशन टियर I और II शहरों से भी दूर रह रहे लोगों की मदद करने के लिए स्थानीय भाषा में मदद मुहैया कर रहा है, जो इस सप्ताह लॉन्च होने वाला है।
दूसरा है ट्विटर पर हजारों की संख्या में लोगों द्वारा शेयर की जा रही लीड को इकठ्ठा करना और सोशल मीडिया पर विभिन्न फॉर्म फैक्टर में दूसरों तक पहुंचाना।
उत्कर्ष कहते हैं, "हम एक ट्विटर बॉट पर भी काम कर रहे हैं, जो असल में ट्विटर पर मांगे गए उन सभी अनुरोधों से गुजरेगा, जिनमें COVID 19 हैशटैग हैं। ट्विटर बॉट के माध्यम से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि हम उन्हें तुरंत जवाब दें। क्योंकि उनमें से कई को शायद वॉट्सऐप बॉट के बारे में पता नहीं है। हमने इसे बनना पहले ही शुरू कर दिया है। साथ ही हम पहले से ही सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम इंस्टाग्राम, फेसबुक ग्रुप, ट्विटर से लीड इकट्ठा करें और इसे केंद्रीय डेटाबेस में डालें।”
उत्कर्ष कहते हैं कि हमारा प्रमुख ध्यान एक केंद्रीय डेटाबेस बनाने पर है, जो भरोसेमंद होने के साथ ही ग्राउंड स्तर पर हो रहे बदलावों को भी अपने में दिखाने वाला हो।।
वह कहते हैं, “इस समय तक हर कोई समझ चुका है कि लोगों को लीड और मेडिकल जानकारी की जरूरत है। यह बड़ा पहलू नहीं है। बड़ा पहलू यह है कि हम देश भर से डेटा जुटाकर एक केंद्रीय डेटाबेस कैसे बनाते हैं, जो विश्वसनीय, सत्यापित, सभी फर्जी और धोखाधड़ी वाली जानकारियों को हटाने वाला हो। साथ ही हम सप्लायर्स पर भरोसा कर सकते हैं और दूसरी ओर, वह तेजी से बदलता भी हो।”
इसका मतलब यह सुनिश्चित करना है कि उस पर सटीक और वेरिफाइड जानकारी शेयर हो। फिर चाहे वो किसी ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी हो, जो किसी विशेष सप्लायर्स के पास उपलब्ध है, और जो छत्तीसगढ़ या रायपुर में रात 12 बजे उपलब्ध है।
यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि जमीन पर स्थिति तेजी से बदल रही है, संसाधन तेजी से खत्म हो रहे हैं और कोरोना से प्रभावित परिवार जीवन रक्षक संसाधनों के स्रोत के लिए इन्हीं सप्लायर्स तक पहुंचते हैं।
उत्कर्ष कहते हैं, “हमने बहुत सारे स्वयंसेवी प्रयास किए हैं। साथ ही लगातार हो रहे बदलावों पर नजर रखने के लिए तकनीकी प्रयास किए हैं। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि हम अपने चैटबॉट और तकनीक के उपयोग और समुदाय का लाभ उठाकर इसे रियल टाइम सत्यापित करें। ऐसा इसलिए क्योंकि हम समझते हैं कि लोग अकेले ऐसा नहीं कर सकते हैं।”
बहुत कुछ किया जाना बाकी है
इन प्रयासों के अलावा, टीम आगे चलकर परामर्श सेवाओं को जोड़ने पर भी विचार कर रही है।
असल में, हमारा लक्ष्य सभी समस्याओं का एक 911-आधारित ऑडियो समाधान बनना है, जिसका उपयोग लोग अपनी जरूरत की सहायता प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। फिर चाहे वह जरूरत किसी जानकारी को हासिल करने की हो या केयरटेकर की सेवा या एक वॉलंटियर्स को नियुक्त करना हो जो उन्हें जमीन पर या कहीं रिमोट लोकेशन से मदद कर सके।
टीम एक और बॉट भी बना रही है, जिसका फोकस सप्लाई वाले पहलू पर होगा। सप्लाई के बारे में जानकारी भी इस उम्मीद में जोड़ा जा सके कि अधिक लोगों की मदद की जा सके।
इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे वॉलंटियर्स और समान विचार विचारधारा वाले सहयोगियों की टीम के बारे में उत्कर्ष कहते हैं, "हम समझते हैं कि यह समय अभी बहुत नाजुक है क्योंकि हम हर मिनट जानें बचा रहे हैं। इसलिए हर कोई चौबीसो घंटे, सातों दिन काम कर रहा है। हम सभी के पास हमारे बैकअप हैं और हम लगातार कोड, तकनीकी नवाचार और निरंतर संपर्क प्रयास कर रहे हैं। यह तो सिर्फ शुरुआत है।”
टीम कोरोना संकट से लड़ने के लिए अपनी जान लगा रही है। फिर भी अभी अधिक से अधिक लोगों की मदद करने और उन तक जितना संभव हो उतना जल्दी मदद पहुंचाने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।
इसके लिए उत्कर्ष YourStory से कहते हैं, हम सभी को साथ आने की जरूरत हैं।
वह कहते हैं, "आपके प्लेटफॉर्म (YourStory) के जरिए, हम हम लोगों को यह बताना पसंद करेंगे कि हमें अधिक सहयोग, अधिक धन, अधिक स्वैच्छिक सहायता, अधिक तकनीकी पूंजी की जरूरत है। ऐसे में यदि कोई हम तक पहुंचना चाहता हैं तो हम अपने ट्विटर हैंडल और लिंक्डइन प्रोफाइल पर उपलब्ध हैं। हमें सही तरह के संसाधनों को इकठ्ठा करने, उन्हें सही दिशा देने और उन्हें सही लोगों के साथ जोड़ने में खुशी होगी। हम सब इसी तरह एक साथ काम कर सकते हैं।"
अधिक जानकारी के लिए इंट्रोबॉट सॉल्यूशंस पर हमारा पूरा वीडियो देखें