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तैनाती के दौरान गोली लगी थी, मेजर ने खुद ही कर डाला बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण, 10 मीटर दूर से स्नाइपर शॉट होगा बेकार

तैनाती के दौरान गोली लगी थी, मेजर ने खुद ही कर डाला बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण, 10 मीटर दूर से स्नाइपर शॉट होगा बेकार

Thursday December 26, 2019 , 2 min Read

सेना के मेजर ने खुद ही ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट का निर्माण किया है, जो स्नाइपर शॉट से भी सेना के जवानों को बचा ले जाएगी।

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मेजर अनूप मिश्रा, साथ में बुलेटप्रूफ जैकेट पहने सेना का जवान (चित्र साभार ANI)


दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना इंडियन आर्मी अपने जवानों की रक्षा और उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जवानों को एडवांस हथियार और तकनीक प्रदान करने के लिए सेना नई-नई खोज करती रहती है। ऐसी ही एक खोज इंडियन आर्मी में मेजर के तौर पर तैनात अनूप मिश्रा ने की है।


मेजर ने ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की है जिसे पहनने के बाद जवानों पर स्नाइपर राइफल की गोली भी असर नहीं करेगी। इस जैकेट को जवानों पर होने वाले स्नाइपर हमलों के लिए तैयार किया गया है। उनकी इस जैकेट की हर कोई तारीफ कर रहा है।


मेजर ने इस जैकेट को सेना को सुपुर्द करते हुए बताया कि यह जैकेट पहनने के बाद अगर जवान पर कोई स्नाइपर 10 मीटर की दूरी से भी निशाना लगाएगा तो जैकेट पर गोली का असर नहीं होगा।


दरअसल जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान एक ऑपरेशन में उन्हें एक गोली लगी थी लेकिन उन्होंने एक बुलेटप्रूफ जैकेट पहन रखी थी, जिसके कारण वह बच गए, लेकिन वह अनुभव काफी दर्द भरा रहा। वहीं से उन्होंने तय किया कि वह अपनी एक खास बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार करेंगे जिससे जवानों को सुरक्षा तो मिले ही, इसके साथ-साथ ट्रॉमा भी कम तकलीफदेह हो।


मेजर अनूप मिश्रा ने बताया,

'हमने पुणे में मिलिट्री इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लेवल 4 की बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की है। यह जैकेट स्नाइपर राइफल बुलेट हमलों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने वाले हम दुनिया के तीसरे देश हैं।'

वह आगे कहते हैं,

'लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और कश्मीर घाटी में हमारे जवानों को हो रहे स्नाइपर हमलों से बचने के लिए सैनिकों को एक फुल बॉडी प्रोटेक्शन वाली जैकेट की जरूरत है।'