ई-गेमिंग फेडरेशन ने ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर के लिए 18% GST बनाए रखने का अनुरोध किया
ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), जो भारत में शीर्षस्थ ऑनलाइन स्किल गेमिंग ऑपरेटर्स का प्रतिनिधि संगठन है, ने सरकार से जीएसटी लगाने के लिए सकल गेमिंग राजस्व (GGR) का विचार करने और इस सेवा को 18% के स्लैब में रखने का अनुरोध किया है।
जीएसटी कौंसिल (GST Council) ने फरवरी 2022 में ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स (GoM) का पुनर्गठन किया था। GoM को विभिन्न कैसिनो, रेस कोर्स, और ऑनलाइन गेमिंग के लिए जीएसटी की दरों का अध्ययन करने का काम दिया गया। पैनल के विचारणीय विषय में कहा गया था कि यह विभिन्न कैसिनो, रेसकोर्स, और ऑनलाइन गेमिंग पोर्टलों द्वारा प्रस्तावित सेवाओं के मूल्य की और कुछ कैसिनो के लेन-देन की कर-देयता की जाँच करेगा- ये सभी जाँच वर्तमान क़ानूनी प्रावधानों और न्यायालय के आदेशों के सन्दर्भ के दायरे में किया जाएगा।
इसके अलावा, अगर कोई विकल्प अनुशंसित किया जाता है, तब मंत्री-समूह कानूनी प्रावधानों में अपेक्षित बदलावों और इस प्रकार के मूल्यांकन प्रावधान के संचालन की जाँच करेगा। समूह अन्य समान सेवाओं, जैसे कि लॉटरी आदि पर प्रभाव का आंकलन भी करेगा।
इसके पहले इसी महीने में मेघालय के मुख्यमंत्री कौनराड संगमा, संयोजक, मंत्री-समूह ने विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग के लिए संभावित जीएसटी दरों, कर आरोपित करने के लिए मूल्यांकन की विधियों, और इस प्रकार की गतिविधियों के सम्बन्ध में अन्य तकनीकी बातों पर चर्चा करने के लिए अन्य सदस्यों तथा अधिकारियों के साथ बैठक की।
फिलहाल, गेमिंग प्लेटफॉर्मों द्वारा प्रत्येक गेम के लिए संकलित कमीशन (ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यु - GGR) पर 18% की दर से कर आरोपित किया जाता है, जिसमें बेटिंग (सट्टा) या गैंबलिंग (जुआ) शामिल नहीं हैं। यह दर विश्व की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों के अनुरूप है क्योंकि यूएसए, यूके, जर्मनी, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की कर संरचना 15% से लेकर 20% तक है। हाल के वर्षों में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इस व्यावसायिक क्षेत्र से वर्ष 2020 में 115 बिलियन रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ था और इसे 38% के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के दर से वर्ष 2025 के आने तक 384 बिलियन रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। इस उद्योग ने वर्ष 2020 में सरकारी खजाने में 15 से 20 बिलियन रुपये तक का योगदान किया था और अनुमान है कि वर्ष 2025 तक यह योगदान 35 से 50 बिलियन तक पहुँच जाएगा।
अगर मौजूदा करारोपण व्यवस्था को संशोधित किया जाता है और ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यु (GGR) के बदले बाजी की रकम (स्टेक) पर आरोपित किया जाता है, तो यह भारतीय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की बढ़ती संभावना के लिए विनाशकारी साबित होगा। बढ़ोतरी से कर लगभग 800% - 900% तक बढ़ जाएगा और अवैध बाज़ार परिचालन को बढ़ावा मिलेगा। इसके चलते अनैतिक ऑपरेटर्स (मुख्यतः विदेशी) के साथ खिलाड़ियों का संपर्क होगा जिससे सरकार के लिए कर राजस्व काफी घटेगा, और एक विधि सम्मत उभरता व्यावसायिक क्षेत्र समाप्त हो जाएगा, जो वर्ष 2030 के आने तक 25 बिलियन डॉलर का वार्षिक राजस्व और लाखों नौकरियाँ पैदा कर सकता है।
ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), जो भारत में शीर्षस्थ ऑनलाइन स्किल गेमिंग ऑपरेटर्स का प्रतिनिधि संगठन है, ने सरकार से जीएसटी लगाने के लिए सकल गेमिंग राजस्व (GGR) का विचार करने और इस सेवा को 18% के स्लैब में रखने का अनुरोध किया है।
इन अनुशंसाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए EGF के सीईओ, समीर बर्डे ने कहा कि, “उच्चतर कर का बोझ होने से यह उद्योग अव्यवहार्य हो जाएगा। गेमिंग प्लेटफॉर्म के ऑपरेटर्स किसी अर्थपूर्ण स्तर पर परिचालन जारी रखने में असमर्थ हो जाएंगे। विकास, नवाचार, रोजगार के अवसर, सरकारी राजस्व और सबसे बढ़कर जिम्मेदार और सुरक्षित गेमिंग बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे। हम जीओएम से इस उद्योग की विशिष्ट ज़रूरतों पर विचार करने और 18% की दर को बरकरार रखते हुए GGR पर जीएसटी की वर्तमान व्यवस्था को जारी रखने की अनुशंसा करने का अनुरोध करते हैं। ऑनलाइन गेमिंग जुआ से अलग है और सर्वोच्च न्यायालय तथा अनेक उच्च न्यायालयों ने कुशलता-आधारित गेम्स को विधि-सम्मत व्यावसायिक गतिविधि होने की पुष्टि की है। इसलिए, ऑनलाइन स्किल गेमिंग के तर्कसंगत करारोपण से सभी हिस्सेदारों के लिए परस्पर लाभकारी स्थिति पैदा करने में मदद मिलेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गेमिंग उद्योग को एक संभावित विश्व अग्रणी के रूप में अनुमोदित करते हुए वर्तमान वैश्वीकृत और डिजिटलीकृत अर्थव्यवस्था में इस उद्योग की सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया है। इस व्यावसायिक क्षेत्र को वित्त मंत्री द्वारा इस वर्ष के अपने बजट भाषण में एनीमेशन, विजुअल आर्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (AVGC) कार्य बल की स्थापना की घोषणा के बाद और भी प्रोत्साहन मिला है।
“हमें भारत के गेमिंग सेक्टर में एक नए युग का आरम्भ दिख रहा है।यह तथ्य कि सरकार इस उद्योग को सहारा दे रही है, सचमुच उत्साहवर्द्धक है। फिर भी, इस व्यावसायिक क्षेत्र के असली विकास की कहानी प्रगतिशील और अनुकूल नीतियों सेनिर्धारित होगी जो सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को स्थापित करने और जिम्मेदार गेमिंग को प्रोत्साहित करने वाली होगी।”