छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी ने वृद्ध महिला के पैरों में पहनाई चरण पादुका, बस्तर को दी महिलाओं द्वारा संचालित रेल सेवा की सौगात
यह लेख छत्तीसगढ़ स्टोरी सीरीज़ का हिस्सा है (जल्द आ रहा है योरस्टोरी पर)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' लॉन्च की। मोदी ने इसके अलावा छत्तीसगढ़ को कई और भी सौगाते दीं। पीएम मोदी ने यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बस्तर जैसे इलाके में इस रेल सेवा की सबसे खास बात यह है कि इसके संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं संभाल रही हैं। यहां स्टेशन प्रबंधक, लोको पायलट, गार्ड और टीटी जैसे सभी पदों पर महिलाएं काम कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ में अंबेडकर जंयती के मौके पर केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य आश्वासन कार्यक्रम 'आयुष्मान भारत' की शुरूआत की। जयंती के खास मौके पर इस योजना को छत्तीसगढ़ से शुरू करते हुए उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बीजापुर और बस्तर जैसे इलाकों में हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया और उत्तरी बस्तर में रेल सेवा की भी शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने बस्तर संभाग के अंतर्गत बीजापुर जिले के जांगला गांव में आयुष्मान भारत योजना के प्रथम चरण में पूरे देश के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया। नरेंद्र मोदी ने कहा, "आयुष्मान भारत योजना के पहले चरण में देश के लगभग डेढ़ लाख बड़े गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। हमारा लक्ष्य बीमारियों के इलाज से पहले बीमारी को रोकने का होगा।" ये सेंटर सेंटर गरीबों के लिए पारिवारिक डॉक्टर (फैमिली डॉक्टर) के रूप में काम करेंगे।
आयुष्मान भारत योजना के तहत बीजापुर के दूरस्थ गांव में हेल्थ सेंटर खुल जाने से गरीबों, पीड़ितों, वंचितों, महिलाओं और आदिवासियों को ताकत मिलेगी। इसके तहत बनने वाले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में मधुमेह, रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों के परीक्षण की सुविधाएं दी जाएंगी। पहले जहां गांव के लोगों को अच्छा इलाज मिलना मुश्किल था वहीं उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। पीएम श्री मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत हमारा अगला लक्ष्य 50 करोड़ लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सालाना पांच लाख रूपए तक स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा देने का होगा।
मोदी ने जनसभा में हरी झंडी दिखाकर राज्य के उत्तर बस्तर जिले के भानुप्रतापपुर से दल्लीराजहरा तक नई रेल सेवा का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ के बस्तर में रेल सेवा की शुरुआत होना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तरी बस्तर (कांकेर) के लोग रेल सेवा से दूर थे। उन्हें राजधानी रायपुर जाने के लिए सड़क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता था और इसमें धन के साथ ही काफी समय भी लगता था, लेकिन रेल सेवा शुरू होने के बाद कांकेर समेत सभी आसपास के इलाकों के लोग अब दुर्ग से होते हुए राजधानी रायपुर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यह रेल सेवा दल्ली राजहरा से रावघाट और जगदलपुर तक बनने वाली लगभग 235 किलोमीटर रेल परियोजना का एक हिस्सा है। पीएम ने कहा, "अगले दो वर्ष के भीतर इस परियोजना के तहत जगदलपुर तक रेल लाइन पहुंच जाएगी।"
बस्तर जैसे इलाके में इस रेल सेवा की सबसे खास बात यह है कि इसके संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं संभाल रही हैं। यहां स्टेशन प्रबंधक, लोको पायलट, गार्ड और टीटी जैसे सभी पदों पर महिलाएं काम कर रही हैं। पीएम ने इन महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा, कि छत्तीसगढ़ की बेटियां जंगलों के बीच से ट्रेन को ले जा रही हैं। रेल सेवा की शुरुआत पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा,"बस्तर जैसे सुदूर क्षेत्र व राज्य के हर कोने तक सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।"
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर अंचल में इंटरनेट सुविधाओं के विस्तार के लिए बस्तर नेट परियोजना के प्रथम चरण का भी शुभारंभ किया, जिसमें लगभग 400 किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये दूर-दराज के गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जा सकेगी। दूर दराज के गांवों तक इंटरनेट की आसानी से पहुंच हो जाने पर वहां के लोग पूरी दुनिया से जुड़ सकेंगे और इंटरनेट का लाभ लेते हुए अपनी जिंदगी बेहतर बनाएंगे।
पीएम मोदी ने जांगला के कार्यक्रम में बीजापुर और भैरमगढ़ के लिए पेयजल आपूर्ति योजना का भूमिपूजन किया। उन्होंने नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली 1998 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए भी भूमिपूजन करते हुए इन्द्रावती और मिंगाचल नदियों में बनने वाले उच्च स्तरीय पुलों का भी शिलान्यास किया। नरेंद्र मोदी ने जांगला में विकास केन्द्र के शुभारंभ का उल्लेख करते हुए कहा, "लोगों को पंचायत, राशन की दुकान, अस्पताल और स्कूल जैसी सेवाएं इस केन्द्र में एक ही जगह पर मिलेंगी। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि छत्तीसगढ़ में ऐसे 14 विकास केन्द्र बनने जा रहे हैं, जो देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेंगे।"
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में पीएम मोदी ने प्रदेश में चल रही कई योजनाओं की जानकारी लेते हुए प्रतीकात्मक तौर पर लाभार्थियों को सामान वितरित किया। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी बहुल जिले के बीजापुर के ग्राम जांगला में आयोजित आमसभा में छत्तीसगढ़ सरकार की तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए चलायी जा रही चरण पादुका योजना के तहत वंदलापाल भैरमगढ़ निवासी वयोवृद्ध महिला श्रीमती रतनी बाई को मंच में स्वयं अपने हाथों से चरण पादुका पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। इसी तरह उन्होंने राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत धनोरा बीजापुर की बुजुर्ग महिला श्रीमती सोम्मी हपका के कानों में आवाज की मशीन लगाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ गांव में ही डिजिटल इंडिया अभियान के तहत संचालित कॉमन सर्विस सेंटर और ग्रामीण बी.पी.ओ. केन्द्र को देखने गए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री जी मन, वचन और कर्म से जनता के प्रधानसेवक हैं। इसका जीवित उदाहरण आज मैंने अपनी आंखों से देखा जब उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहक माता रतनी बाई को बडी सौम्यता के साथ एक बेटे की भाँति चरण-पादुका पहनाई।"
बीजापुर जैसे इलाके में कनेक्टिविटी का आभाव है इसलिए ये क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। इन इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यहां के लोगों को गांव में ही सारी सुविधाएं प्रदान करने की योजना बनाई गई और उस पर काम किया गया। इसी के तहत ग्रामीण इलाकों में रोजगार समेत कई सारी जानकारियां देने के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों की शुरुआत की गई है। यहां फोन के जरिए सारी जानकारी हासिल की जा सकती है। छत्तीसगढ़ की 9990 ग्राम पंचायतों मे कुल 18,587 कॉमन सर्विस सेंटर चल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में ये कॉमन सर्विस सेंटर डिजिटल इंडिया के तहत लोगों को विभिन्न ऑनलाईन सेवाएं प्रदान करने का काम करते हैं। राज्य में 1,000 लोगों पर 139 लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इस आंकड़े के साथ ही छत्तीसगढ़ देश में पहला स्थान रखता है। डिजिटल ट्रांजक्शन में भी छत्तीसगढ़ का देश में पहला स्थान है। यहां 1,000 लोगों पर ट्रांजैक्शन राशि 33,297 रूपये है। पीएम मोदी ने जांगला में ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, "आर्थिक असंतुलन को खत्म करने और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बैंक एक अच्छा माध्यम है। केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे इलाकों में बैंक शाखाओं के विस्तार के साथ-साथ अब देश के डाकघरों में भी बैंकिंग सेवाओं की शुरूआत की जा रही है।"
साथ ही प्रधानमंत्री ने ये भी कहा, कि “विकास की दौड़ में जो पीछे छूट गए थे या छोड़ दिए गए थे, उनमें आज विकास और अधिकारों की आकांक्षा जागी है। यह चेतना डॉ. अम्बेडकर की देन है। जनता, जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी सब मिलकर संकल्प लें तो देश के आदिवासी बहुल बीजापुर जैसे 100 से ज्यादा आकांक्षी जिले महत्वाकांक्षी जिलों के रूप में परिवर्तन के नये मॉडल बनकर उभरेंगे।"
पीएम मोदी ने हिंसा के रास्ते पर जाने वाले नौजवानों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की। उन्होंने कहा, "बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमें संविधान दिया है, आपके हकों की रक्षा का पूरा ख्याल संविधान में है। आपके हकों की चिंता करना सरकार का दायित्व है। आपको शस्त्र उठाने और जिंदगी तबाह करने की जरूरत नहीं है।" मोदी ने माता-पिताओं से भी अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को गलत रास्ते पर जाने से रोकें। उन्होंने कहा, "आपके बच्चे, आपकी कुछ बेटियां इस राह पर चल पड़ी हैं। लेकिन जरा सोचिए उनके मुखिया कौन हैं। वे बाहर से आए हैं और वे मरते नहीं हैं बल्कि आपके बच्चों को आगे कर-करके उनको मरवा रहे हैं।"
पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके हकों की चिंता करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा, "आपको शस्त्र उठाने की जरूरत नहीं है, जिंदगी तबाह करने की जरूरत नहीं है। हमें विकास के रास्ते पर जाना है। आपके बच्चों को स्कूली शिक्षा मिले, फसलों का पूरा दाम मिले, आपको सम्मान की जिंदगी मिले। इसके लिए सुरक्षाबलों के जवान अपनी जिंदगी खपा देते हैं।" पीएम ने समस्त नागरिकों से विकास के रास्ते पर चलकर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान किया।
पूरा बस्तर संभाग और खासतौर पर बीजापुर जैसे जिले काफी पिछड़े माने जाते थे। छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के प्रयासों की बदौलत जिस तरह से इन क्षेत्रों में काम हो रहा है, उम्मीद की जा सकती है कि बीजापुर जिले पर पिछड़े और कमजोर जिले का लेबल अब नहीं रहेगा। वैसे भी बीजापुर प्रदर्शन सूचकांकों में सबसे अभिलाषी जिला है। छत्तीसगढ़ सरकार के ये सराहनीय कदम बाकी प्रदेश की सरकारों के लिए एक मॉडल के रूप में खड़े हो रहे हैं।
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