'इंटरनेट क्रांति' की वजह से आ रही है मोबाइल बिल में गिरावट
पिछले एक साल में मंथली मोबाइल बिल 30-32 पर्सेंट घट चुका है...
सब्सक्राइबर्स का मोबाइल बिल पिछले एक साल में औसतन 25-32 पर्सेंट घट चुका है। सबसे ज्यादा फायदा डेटा के हेवी प्रीपेड यूजर्स को हुआ है, जिनके बिल में 60-70 पर्सेंट कमी आई है।
ऑपरेटर्स कस्टमर्स को बनाए रखने के लिए बंडल्ड डेटा और वॉयस पैकेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। जोशी ने कहा कि नए बिजनेस मॉडल और एग्रेसिव टैरिफ वॉर के चलते एवरेज मोबाइल मंथली बिल और 30 पर्सेंट घट सकता है।
केपीएमजी का अनुमान है कि बिल में डबल डिजिट में गिरावट आ सकती है। पिछले एक साल में मंथली मोबाइल बिल 30-32 पर्सेंट घट चुका है।
इंटरनेट के जमाने में फोन कॉल्स और एसएमएस पर होने वाले खर्च में काफी गिरावट आई है। अब लोग फोन की जगह वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप के जरिए अपनी बातचीत कर लेते हैं। इसके साथ ही डेटा सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने अपने इंटरनेट पैक के दाम भी घटा दिए हैं। इसीलिए सब्सक्राइबर्स का मोबाइल बिल पिछले एक साल में औसतन 25-32 पर्सेंट घट चुका है। सबसे ज्यादा फायदा डेटा के हेवी प्रीपेड यूजर्स को हुआ है, जिनके बिल में 60-70 पर्सेंट कमी आई है।
मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स का बिल आने वाले समय में काफी कम हो सकता है। अगले साल इसमें औसतन लगभग 25 से 30 पर्सेंट की कमी आ सकती है। हेवी कंजम्पशन वाले डेटा यूजर्स के बिल में भारी कमी हो सकती है। एनालिस्टों और इंडस्ट्री इनसाइडर्स इसकी वजह टेलीकॉम कंपनियों के बीच चल रही प्राइस वॉर को बता रहे हैं। सब्सक्राइबर्स का मोबाइल बिल पिछले एक साल में औसतन 25-32 पर्सेंट घट चुका है। सबसे ज्यादा फायदा डेटा के हेवी प्रीपेड यूजर्स को हुआ है, जिनके बिल में 60-70 पर्सेंट कमी आई है। यह भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के वॉयस और डेटा रेट घटाने की वजह से हुआ है।
इन कंपनियों ने रिलायंस जियो की वजह से रेट घटाए हैं। वैसे जियो का डेटा रेट अब भी मार्केट रेट से कम है जबकि यह वॉयस फ्री में मुहैया करा रही है। डेलॉयट हैस्किंस एंड सेल्स एलएलपी के पार्टनर हेमंत जोशी के मुताबिक, 'एवरेज मंथली मोबाइल बिल 2016 के 349 रुपये से घटकर 2017 में लगभग 240-280 रुपये रह गया है।' ऑपरेटर्स कस्टमर्स को बनाए रखने के लिए बंडल्ड डेटा और वॉयस पैकेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। जोशी ने कहा कि नए बिजनेस मॉडल और एग्रेसिव टैरिफ वॉर के चलते एवरेज मोबाइल मंथली बिल और 30 पर्सेंट घट सकता है। केपीएमजी का अनुमान है कि बिल में डबल डिजिट में गिरावट आ सकती है।
पिछले एक साल में मंथली मोबाइल बिल 30-32 पर्सेंट घट चुका है। केपीएमजी इंडिया में टेलीकॉम पार्टनर और हेड मृत्युंजय कपूर कहते हैं, 'आने वाले समय में मंथली मोबाइल में बिल में कमी कंज्यूमर को मिलने वाले डिफरेंशिएटर के असर पर डिपेंड करेगी। कुछ डिफरेंशिएटर खास कस्टमर सेगमेंट के लिए पेश किए गए हैं और उनकी कामयाबी खासतौर पर रूरल इलाकों में पहुंच और कस्टमर्स की स्वीकार्यता पर निर्भर करेगी।'
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