1000 में से 20 के पास है अपनी कार
भारत में 2040 तक यात्री कार स्वामित्व में 775 फीसदी का इज़ाफा होगा: रिपोर्ट
एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत में अगले 24 सालों में यात्री कार स्वामित्व (पैसेंजर कार ओनरशिप) में 775 फीसदी का उछाल आएगा और प्रति 1,000 निवासियों पर कारों की संख्या मौजूदा 20 से बढ़कर 175 तक हो जाएगी।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते एक दशक में यात्री कार स्वामित्व करीब तीन गुना हो गया है। इससे उत्सर्जन में इज़ाफा हुआ है और लोगों की सेहत को भी भारी नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन में प्रस्तावित समन्वित शहरी नियोजन एवं सार्वजनिक परिवहन में निवेश परिवहन से जुड़े वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए एक बेहतर विकल्प की पेशकश करता है।
वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘नए नीतिगत परिदृश्य में यात्री कार स्वामित्व आज प्रति 1,000 निवासियों पर 20 से भी कम कार से बढ़कर 2040 में प्रति 1,000 लोगों पर 175 कार तक पहुंच जाएगा..और समग्र सड़क यात्री वाहन गतिविधि में छह गुना से ज्यादा इज़ाफा होगा।’’ हल्के एवं भारी शुल्क वाहन के बेड़ों में ईंधन की खपत में सुधार के बाद भी परिवहन तेल की मांग में भारी इज़ाफा होने की संभावना है। परिवहन तेल की मौजूदा मांग 1.5 मिलियन बैरल प्रति दिन से बढ़कर 2040 तक 5 मिलियन बैरल प्रति दिन से भी ज्यादा होने की संभावना है।
भारत-5 को छोड़कर अप्रैल 2020 से भारत-छह उत्सर्जन मानक पूरे देश में लागू करने के सरकार के कदम पर रिपोर्ट में कहा गया कि इन मानकों को अमल में लाने से गैसोलीन और डीजल ईंधन 10 पार्ट प्रति मिलियन (पीपीएम) सल्फर तक सीमित हो जाएगा जिससे ‘‘भारत ईंधन सल्फर मानकों में वैश्विक तौर पर अग्रणी देशों की कतार में आ जाएगा।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कुल यात्री वाहन - किलोमीटर का तीन-चौथाई शहरी इलाकों में चलाया जाता है। (पीटीआई)