पुराने नोट बंद होने से खुदरा, थोक कारोबार प्रभावित
व्यापारियांे के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स :कैट: ने आज कहा कि पुरानी उंचे मूल्य की मुद्रा बंद करने से खुदरा के साथ साथ थोक व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कैट ने बयान में कहा कि बाजारों से भीड़ गायब है। नोट बंद होने के बाद से ग्राहकांे की आवाजाही काफी घट गई है। ‘‘न केवल खुदरा कारोबार बल्कि थोक व्यापार भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।’’ कैट ने वित्त मंत्री अरण जेटली से आग्रह किया है कि इलेक्ट्रानिक भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं। इसके अलावा व्यापारियांे तथा उपभोक्ताओं के हाथ में मुद्रा का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’ इसके अलावा कैट ने बाजारो में नई करंेसी के वितरण के लिए विशेष शिविर लगाने का भी आग्रह किया है। एनटीएल समूह के प्रबंध निदेशक अरण गुप्ता ने कहा कि उंची मुद्रा को बंद किया जाना एक स्वागतयोग्य कदम है। उन्होंने कहा कि इससे विनिर्माण क्षेत्र पर नकारात्मक असर मामूली ही होगा। सिर्फ उपभोक्ता आधारित कुछ कंपनियां ही इससे अस्थायी रूप से प्रभावित होंगी।
गुप्ता ने कहा कि संगठित क्षेत्र की कंपनियांे के लिए यह सरकार की ओर से मास्टरस्ट्रोक है क्यांेकि इससे सभी को समान अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कम नकदी के लेनदेन से असंगिठत क्षेत्र भी कानूनी दायरे में आएगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं पीएचडी चैंबर आफ कामर्स ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह अग्रिम वेतन का भुगतान नए करंेसी नोटांे में करे। साथ ही मौजदा नकदी संकट की स्थिति से निपटने के लिए सेवानिवृत्त बैंक अधिकारियांे को नियुक्त करे। वित्त मंत्री अरण जेटली को दिए ज्ञापन में पीएचडी चैंबर आफ कामर्स ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की कंपनियां कर्मचारियांे को पूरे या आंशिक रूप से वेतन का अग्रिम भुगतान करंे। इसके लिए कर्मचारियांे को 500 रपये का नया नोट दिया जाएगा। चैंबर ने कहा कि इससे बैंकांे पर लंबी-लंबी कतारांे को कम करने में मदद मिलेगी।