पहली भारतीय महिला शेफ गरिमा अरोड़ा को मिला 'मिशलिन स्टार' अवॉर्ड
मूलतः मुंबई में जन्मीं, पढ़ीं-लिखीं एवं डेढ़ साल से बैंकॉक में 'GAA' नाम से रेस्तरां चला रहीं शेफ गरिमा अरोड़ा ऐसी पहली भारतीय महिला बन गई हैं, जिन्हे 'मिशेलिन स्टार' अवॉर्ड से नवाजा गया है।
रेस्टोरेंट को पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी काफी सफ़ल और भरोसेमंद व्यवसाय माना जाता है। रोटी, कपड़ा और मकान इंसान की बुनियादी जरूरतें हैं। इसलिए इनसे सम्बंधित बिज़नेस का बाज़ार भी पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहता है।
मुंबई में जन्मीं शेफ गरिमा अरोड़ा 'मिशेलिन स्टार' अवॉर्ड हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उनके बैंकॉक स्थित डेढ़ साल पुराने रेस्तरां 'GAA' को यह अवॉर्ड मिला है। इस रेस्तरां से पहले गरिमा सिलेब्रिटी शेफ गॉर्डन रामसे और भारत के स्टार शेफ गगन आनंद के साथ भी काम कर चुकी हैं। गरिमा से पहले भारतीय शेफ श्रीराम अयलुर, विकास खन्ना, विनीत भाटिया, अल्फ्रेड प्रसाद, अतुल कोचर, करुणेश खन्ना, मंजूनाथ मुरल आदि को भी इस अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। उन्नीस सौ के दशक में बैंकाक में स्थापित 'मिशेलिन गाइड' एक नियामक प्राधिकरण है, जो बताता है कि कौन सा रेस्तरां बेहतर भोजन के लायक है। उसी की ओर से गरिमा को 'मिशेलिन स्टार' अवॉर्ड से नवाजा गया है। गरिमा अरोड़ा को बचपन से ही खान-पान का शौक रहा है। उनके पिता भी ज्यादातर सफर में रहने के कारण तरह-तरह के खान-पान के शौकीन थे। वह जब भी घर पर होते, परिजनों के लिए तरह-तरह के डिश बनाते रहते। उन्ही से गरिमा को भी पहली बार खान-पान का हुनर मिला।
रेस्टोरेंट को पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी काफी सफ़ल और भरोसेमंद व्यवसाय माना जाता है। रोटी, कपड़ा और मकान इंसान की बुनियादी जरूरतें हैं। इसलिए इनसे सम्बंधित बिज़नेस का बाज़ार भी पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहता है। समय के साथ बहुत से अच्छे बदलावों ने रेस्टोरेंट के व्यवसाय की रूप-रेखा जरुर बदली है परन्तु बाज़ार में नए मौकों की कभी भी कमी नहीं रही है। इस व्यवसाय में नवीनीकरण की सीमा व्यवसायी और उसकी परिकल्पना से भी आगे है जिसका सबसे बड़ा प्रमाण है, आये दिन दुनियाभर में नए-नए तरीके के रेस्टोरेंट का खुलना और ग्राहकों को लुभाना। गरिमा अरोड़ा ने मुंबई के जयहिंद कॉलेज से मैस मीडिया की पढ़ाई की है। वह पहले फार्मा जर्नलिस्ट भी रह चुकी हैं। बाद में शेफ बनने के लिए उन्होंने पैरिस के ले कॉर्डन ब्लू में पहला औपचारिक प्रशिक्षण लिया। उसके बाद दुबई में दो साल और कोपेनहेगन के हाई-एंड रेस्तरां नोमा में भी तीन साल काम किया। पिछले साल 2017 में स्थापित 'GAA' बैंकाक का पहला और एकमात्र ऐसा रेस्तरां है, जो भारतीय महिला द्वारा चलाया जाता है। ‘मिशेलिन गाइड बैंकाक, फुकेत और फांग-एनगा 201 9 चयन’ का दूसरा संस्करण है और इसने कुल 27 भोजन प्रतिष्ठानों को मान्यता दी है।
अब तो 'मिशेलिन स्टार' का खिताब पाना गरिमा अरोड़ा के लिए एक बड़े सपने के सच होने जैसा है। बैंकॉक में डेढ़ साल पहले अपना रेस्तरां खोलने से पहले गरिमा जिस मशहूर शेफ गगन आनंद के रेस्तरां 'गगन' में एक साल कार्यरत रहीं, वह विगत सात वर्षों से एशिया के पचास मशहूर रेस्तरांओं में नंबर एक है। गरिमा कहती हैं कि कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच आज किसी रेस्तरां का इस इंडस्ट्री में कामयाब होना कत्तई आसान नहीं है। इसके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से हर वक्त अलर्ट रहना होता है। जब लोग अपने घरों में आराम फरमा रहे होते हैं, एक शेफ को अपने बिजनेस की कठिनाइयों पर पार पाते रहना होता है। कोई दिन ऐसा नहीं होता, जब उसे तरह-तरह की दिक्कतों से दो-चार नहीं होना पड़ता है। किसी महिला के लिए, वह भी विदेश में तो सक्सेस होना और भी बड़ा चैलेंज है।
बैंकाक वैसे भी दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाता है। वहां एक से एक शानदार रेस्तरां हैं। यहां के लेबुआ होटल के सिरोको रूफटॉप रेस्टोरेंट में भोजन करना एक अलग तरह के अनुभवों से गुजरना होता है। इस होटल की 63वीं मंजिल पर स्थित सिरोको विश्व का सबसे ऊंचा रेस्टोरेंट है और बैंकॉक में सबसे प्रतिष्ठित डाइनिंग विकल्पों में से एक है। भारत में कई ऐसे शेफ हैं, जिन्होंने अपने जायकों के दम पर दुनिया में अलग पहनचान बना ली है। उन्हीं में एक हैं गगन आनंद, जिनके साथ गरिमा काम कर चुकी हैं। गगन अपने जायकों के दम पर लगातार चार बार 'मिशेलिन स्टार' अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। भारतीय गगन काफी समय से अपने डेलिशियस फूड के जरिए बैंकॉक के लोगों को भारत के मजेदार और स्वादिष्ट जायकों से रूबरू कराते आ रहे हैं।
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