खिचड़ी नहीं फास्टफूड कहिए हुजूर, 'खिचड़ीवाला' की सेवा लीजिए ज़रूर
मनीष और सागर ने शुरू किया 'खिचड़ीवाला' खिचड़ीवाला में 15 तरह की खिचड़ी मिलती हैहर दिन 120-130 ऑर्डर मिलते हैं45 रुपए से लेकर 120 रुपए तक की मिलती है खिचड़ी
कहते हैं ना दिखावे पर मत जाओ, अपनी अक्ल लगाओ। अपनी अक्ल के इस्तेमाल से दो युवाओं ने न सिर्फ साधारण सी खिचड़ी को एक नई पहचान दे दी बल्कि खुद भी बन गए बिजनेस के उस्ताद। एक साधारण ‘खिचड़ी’, दो युवा उद्यमियों मनीष खानचंदानी और सागर भजानी के लिए कामयाबी का नुस्खा साबित हुई है। दोनों की ये जोड़ी नागपुर में एक रेस्टोरेंट चलाती है जहां वे 15 तरह की खिचड़ी बेचते हैं।
‘मरीजों का मुख्य भोजन’ समझी जाने वाली खिचड़ी पर इन दोनों ने अपनी दुकान में काफी प्रयोग किया है और इसे उचित मूल्य पर विभिन्न स्वादों में पेश कर इसकी रिब्रांडिंग की है। सागर का कहना है, “खिचड़ी सदियों से हमारे भोजन का अभिन्न हिस्सा रही है, हम लोगों ने इसके मुख्य रेसिपी को बरकरार रखते हुए इसमें थोड़ा-बहुत सामान डालकर स्वाद बदलने की कोशिश की है। अब तक ये सबकुछ बहुत अच्छा रहा है।"
एक वर्कशॉप से बिजनेस मॉडल: 21 दिन का सफर
खाने के बेहद शौकीन और 'खिचड़ीवाला' के पीछे मुख्य दिमाग रहे मनीष ने अपने शौक के लिए एमबीए पूरा करने के बावजूद कैंपस इंटरव्यू में हिस्सा नहीं लिया। 'खिचड़ीवाला' के लिए मनीष के कारोबारी आइडिया से सागर इतने प्रभावित हुए कि वो भी साथ आ गए। सागर अपने एक ही तरह के काम से थक चुके थे। एक सच्चाई ये भी थी कि ये आइडिया बिल्कुल नया और अनोखा था। दोनों इस साधारण सी खिचड़ी को अलग तरीके से, खासकर फास्टफूड के तौर पर बेचना चाहते थे.
'खिचड़ीवाला' में सेहतमंद भोजन परोसे जाते हैं
'खिचड़ीवाला' के संस्थापकों का मानना है कि आज बाजार में जो फास्टफूड बिक रहे हैं वो सेहत के लिए उचित नहीं हैं। इसलिए उनकी शुरू से ही कोशिश थी कि वो सिर्फ वैसे ही खाना परोसें जो सेहतमंद हों और ऐसे में खिचड़ी से बेहतर दूसरा कुछ नहीं हो सकता था।
लस्सी, बटर-मिल्क और शिकंजी जैसे पेय भी यहां बेचे जाते हैं, लेकिन यहां वातित यानी गैस वाले कोल्डड्रिंक्स बिल्कुल भी नहीं बेचे जाते। इनके रेस्टोरेंट में पैक कर पार्सल, होम डेलिवरी और बैठकर खाने की व्यवस्था है, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय बैठकर खाने की व्यवस्था है। इनकी कमाई का बड़ा हिस्सा रेस्टोरेंट में बैठकर खाने वाले ग्राहकों से ही आता है जबकि 33फीसदी कमाई होम डिलिवरी से होती है। दोनों उद्यमियों का मानना है कि इनका रेस्टोरेंट जिस जगह पर है, उससे भी इनके कारोबार को बढ़ाने में काफी मदद मिली है।
इनका रेस्टोरेंट नागपुर के आईटी पार्क के पास है, ऐसे में इनके पास ज्यादातर ग्राहक इस आईटी पार्क में काम करने वाले लोग ही हैं जो लंच ब्रेक के समय इनके रेस्टोरेंट पहुंचते हैं. एक सामान्य दिन में ये 120-130 खिचड़ी के ऑर्डर सर्व करते हैं। इनकी कीमत भी बेहद आकर्षक है, जो 45 रुपये से शुरू होकर 120 रुपये तक जाती है।
शुरुआती निवेश
दोनों ने अपने कारोबार की शुरुआत कंपनी की सामान्य सी मदद, सागर की नौकरी से बचाए गए सेविंग्स और परिवार से मिले कर्ज से की थी। हालांकि, इस एक साल पुरानी कंपनी ने बाजार में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है और अब वो मई के आखिर में नागपुर में अपना दूसरा आउटलेट खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद अब उनकी अगली योजना फ्रेंचाइज़ी देने की है।
सागर ने कहा, “अभी सात लोगों ने हमसे फ्रेंचाइज़ी खोलने के लिए गंभीरता से पूछताछ की। इनमें से पांच नागपुर से बाहर के हैं। बेशक, हम अपने इस कारोबार को नागपुर से बाहर ले जाना चाहते हैं लेकिन हम ऐसा तीसरी तिमाही के बाद ही करेंगे.”
खिचड़ीवाला के बेस्टसेलर्स
'खिचड़ीवाला' के मेन्यू की सबसे लोकप्रिय खिचड़ी, गार्लिक खिचड़ी है, जिसमें हल्का सा लहसन का स्वाद होता है। (इसमें खिचड़ी के लिए चावल और दूसरे दलहन के साथ छोटे-छोटे लहसन के टुकड़े भी डाले जाते हैं).
साउजी खिचड़ी उन लोगों को काफी पसंद आती है, जिन्हें मसालेदार खिचड़ी खाने का शौक है। इसका नाम नागपुर के एक मसालेदार पकवान साउजी से पड़ा है। इस खिचड़ी में मसाले का काफी इस्तेमाल होता है। इनके रेस्टोरेंट की सबसे लोकप्रिय खिचड़ी इटैलियन खिचड़ी है. इसे इटैलियन रिसोटो का भारतीयकरण कहा जा सकता है।इस खिचड़ी में चीज, स्वीट कॉर्न, कैप्सीकम इत्यादि डाले जाते हैं। यूरोपीय मसाले जैसे ऑरगैनो, थाइम और बैसिल मिलाने से ये एक अनोखा स्वाद देती है।