एक ऐसा ऐप जिसकी मदद से आप जान सकते हैं अपने इलाके के नेताओं की रेटिंग
भारतीय वोटरों को अपने नेताओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है ऐप 'Neta'
इस ऐप को राजस्थान के अलवर और अजमेर में हुए उपचुनावों में पायलट प्रॉजेक्ट की तरह लॉन्च किया गया था। मई में कर्नाटक में हुए चुनावों में भी इसे उतारा गया था। दोनों चुनावों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब 2019 के लोकसभा चुनावों में इसे लॉन्च करने की योजना बन रही है।
हालांकि अभी यह स्टार्टअप मित्तल ने खुद के पैसों से शुरू किया है और अभी प्रॉफिट का कोई जरिया नहीं है। प्रथम ने अभी रेवेन्यू मॉडल का कोई ढांचा नहीं खड़ा किया है।
अमेरिका में अप्रूवल रेटिंग सिस्टम से प्रेरित होकर 27 वर्षीय उद्यमी प्रथम मित्तल ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसका नाम है, नेता। यह ऐप भारतीय वोटरों को अपने नेताओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है। अमेरिका में अप्रूवल रेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल राष्ट्रपति चुनावों के लिए जनता का समर्थन मापने के लिए किया जाता है। क्वॉर्ट्ज से बात करते हुए प्रथम ने बताया, 'हमने अपने अनुभवों से यह महसूस किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में जनता की राय और नेताओं को उत्तरदायित्व बनाने में रेटिंग सिस्टम का काफी योगदान रहा है।'
प्रथम की कंपनी का नाम 'शांति' है जिसके पास 'नेता' ऐप का मालिकाना हक है। वे कहते हैं, 'भारत में नेताओं की रेटिंग या लोकप्रियता जानने के लिए कोई पारदर्शी तरीका नहीं है। इस कमी को हम 'नेता' के जरिए पूरा करना चाहते हैं।' इस ऐप को राजस्थान के अलवर और अजमेर में हुए उपचुनावों में पायलट प्रॉजेक्ट की तरह लॉन्च किया गया था। मई में कर्नाटक में हुए चुनावों में भी इसे उतारा गया था। दोनों चुनावों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब 2019 के लोकसभा चुनावों में इसे लॉन्च करने की योजना बन रही है।
हालांकि अभी यह स्टार्टअप मित्तल ने खुद के पैसों से शुरू किया है और अभी प्रॉफिट का कोई जरिया नहीं है। प्रथम ने अभी रेवेन्यू मॉडल का कोई ढांचा नहीं खड़ा किया है। उनका कहना है कि वे चुनावों में मिले आंकड़े का विश्लेषण करेंगे और समय के मुताबिक उसे इस्तेमाल में लगाएंगे। प्रथम बताते हैं, 'हम लोगों के वोटिंग पैटर्न से मिले दिलचस्प डेटा को इकट्ठा करेंगे। अभी किसी को साफ तौर पर पता नहीं होता कि कौन समूह किसे वोट कर रहा है, लेकिन ऐप के आने के बाद यह स्थिति काफी हद तक साफ हो सकेगी।' अभी 'नेता' ऐप को कर्नाटक और राजस्थान में 25 लाख यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रथम मित्तल पेन्नसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वॉर्टन स्कूल से एमबीए के स्टूडेंट रह चुके हैं। उन्होंने 2012 में आउटग्रो नाम से एक कंपनी लॉन्च की थी जो कि वेबसाइट्स के लिए ऑनलाइन पोल और क्विज तैयार करती है। मित्तल के मुताबिक अभी आउटग्रो को 4,000 प्रकाशनों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। मित्तल पिछले साल भारत आए और यहां अपने अनुभव को दूसरे क्षेत्र में इस्तेमाल करने का फैसला कर लिया।
नेता ऐप में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों की जानकारी होती है और यूजर्स उन्हें अपनी रेटिंग दे सकते हैं। मित्तल का कहना है कि ऐप में ओटीपी का प्रावधान है इसलिए कोई भी फर्जी वोट नहीं डाल सकता। उनका कहना है कि हालांकि अभी यह नया ऐप है लेकिन लोगों में इसकी जागरूकता बढ़ रही है। 'नेता' का उद्देश्य 2019 के लोकसभा चुनावों में इसे इस्तेमाल करने की है। प्रथम का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट की पूरी पहुंच हो गई है इसलिए इस ऐप की सार्थकता और इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि 2019 के चुनावों तक 10 करोड़ वोटर इसे इस्तेमाल कर लेंगे।
(यह स्टोरी पहले क्वॉर्ट्ज में प्रकाशित हो चुकी है।)
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