मैथ्स सॉल्व कर बनाई अरबों की संपत्ति
मैथ्स एजूकेशन को बनाया बेहद आसान
Thursday July 16, 2015 , 8 min Read
इस सीरीज में स्रमाना मित्रा अपनी किताब ‘विजन इंडिया 2020’ के कुठ चैप्टर्स को शेयर कर रही हैं। वह स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए 45 ऐसे इंट्रेस्टिंग आइडियाज़ शेयर कर रही हैं, जिनसे कि वो बिलियन डॉलर एंटरप्राइज बन सकें। इन ऑर्टिकल्स को बिजनेस फिक्शन के रूप में लिखा गया है जैसे कि हम 2020 में जी रहे हों और बीते दशक के परिदृश्य की चर्चा कर रहे हों। हम उम्मीद करते हैं कि इन आइडियाज से आपको अपने स्टार्ट-अप को कामयाब बनाने में मदद मिलेगी।
2004 में मैं और मेरे पति डोमिनिक ट्रेम्पोन्ट ने के-12 एजुकेशन से जुड़े मुद्दों का अनुसंधान करना शुरू किया, खासकर मैथ और साइंस से जुड़े मुद्दों पर हमारा फोकस था। हम दोनों की ही एजुकेशन में रूचि है। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर की तलाश करने वाले बच्चों की घटती संख्या के बारे में हमारी जागरूकता ही इस अनुसंधान का प्रेरणा था।
डोमिनिक कभी स्टीव जॉब्स के राइट-हैंड एक्जिक्यूटिव रह चुके थे। वह स्मार्टकार्ड के वर्ल्ड लीडर जेमप्लस के सीईओ भी रह चुके थे। इसके अलावा वह नॉलेज-मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर कंपनी कनीसा में भी बतौर सीईओ काम कर चुके थे। मगर शिक्षा के क्षेत्र में उनको अनुभव तब हुआ जब वो इंटरनेशनल स्कूल ऑफ द पेनिन्सुला के बोर्ड में पांच साल तक रहे।
अपने इस प्रयत्न में हमने मैक्रो-लेवल मार्केट रिसर्च किया और डायरेक्ट फीडबैक के लिए हाईस्कूल के बहुत सारे टीचर्स और पैरेंट्स का इंटरव्यू लिया। हमने क्लास की साइज, स्किल गैप एनालिसिस, पढ़ाने के तरीके और सप्लीमेंटल ट्यूटरिंग से जुड़े सवाल पूछे। सेन फ्रैंसिस्को के गैलिलियो हाईस्कूल में एक युवा और प्रतिभाशाली मैथ टीचर ने हमसे कुछ महत्वपूर्ण बातें शेयर की। उन्होंने बताया- “मुझे अपने छात्रों में स्किल गैप्स का मोटा-मोटी अंदाजा है, मगर मेरे पास 180 छात्र हैं। इसलिए वीक एरियाज को जानते हुए भी मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता हूं।”
इस इंटरव्यू से दो मुख्य बातें सामने आईं-
1-) टीचिंग का कोई स्टैंडर्डाइज्ड मेथडोलॉजी नहीं था।
2-) पर्सनलाइज्ड स्किल गैप के एनेलिसिस के लिए कोई मेथडोलॉजी नहीं था।
ऐस किसी मेथडोलॉजी के अभाव में जब बच्चा एक ग्रेड से अगले ग्रेड में जाता है, तो बहुत सारी परेशानियां पैदा होती हैं। सातवीं क्लास के अलजेब्रा का सी आठवीं क्लास में लुढ़कर डी हो जाता है और नवीं क्लास में आते-आते ये लुढ़ककर एफ हो जाता है। कहने का मतलब ये कि जैसे-जैसे कोई कमजोर बच्चा अगले क्लास में जाता है उसका मैथ और भी कमजोर होने लगता है। अगर आप गुणा-भाग भी नहीं जानते तो आप द्विघात समीकरण कैसे हल करेंगे।
एक और गंभीर समस्या के बारे में पता चला। 2002 की नेशनल एजुकेशन एसोसिएशन ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में लिखा है- “महज 43 हजार डॉलर की औसतन सालाना सेलरी के साथ टीचिंग की अन्य बेहतरीन प्रोफेशन से तुलना नहीं की जा सकती। जब एक टैलेंटेड व्यक्ति के पास इससे ज्यादा आकर्षक विकल्प मौजूद हो तो वह टीचिंग में क्यों आए?” टीचर्स और मैथ-साइंस के ट्यूटर्स में से एक तिहाई से भी कम का रिलेवेंट बैकग्राउंड है। और अमेरिकी स्कूल इन टीचर्स से टीचिंग मेथडोलॉजी और उसे कार्यान्वित करने की उम्मीद रखते हैं। जैसे अलजेब्रा और मैथ के प्रत्येक टीचर ये उम्मीद पाली जाती है कि वो पहियों का फिर से आविष्कार करें!
हालांकि, भारत में बड़ी तादाद में छात्र मैथ और साइंस से ग्रेजुएट हो रहे हैं और इनमें एडवांस्ड डिग्री ले रहे हैं। ये छात्र दुनिया भर में टेक्नोलॉजी-बेस्ड टीचिंग मेथडोलॉजी को आगे बढ़ा सकते हैं।
अब आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस की बात करते हैं। मैंने आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के सिद्धांतो पर आधारित दो कंपनियों की स्थापना की थी। डोमिनिक भी नॉलेज मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर कंपनी कनीसा को चला रहे थे। आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस की डीप नॉलेज की वजह से हम इस नतीजे पर पहुंचे कि हमें कंटेंट के नॉलेज बेस और टीचिंग के मेथडोलॉजी के बीच सामंजस्य बढ़ाने की जरूरत थी। इस मेथडोलॉजी में पर्सनलाइज्ड स्किल-गैप एनेलिसिस भी शामिल है। जैसे कोई स्टूडेंट अगर बेसिक अलजेब्रा की पढ़ाई कर रहा है तो उसके नॉलेज गैप की पहचान के लिए टेस्ट की जरूरत है।
हमने अपने रिसर्च में जो एक और अहम बात नोट की वो ये थी कि हर बच्चे के पढ़ने का अपना एक अलग स्टाइल होता है। हार्वर्ड के डेवलपमेंट साइकोलॉजिस्ट होवार्ड गार्डनर के राइटिंग्स के आधार पर हमने मल्टीपल इंटेलीजेंस (काइनस्थेटिक, इंटरपर्सलनल, वर्बल-लिंग्विस्टिक, लॉजिकल-मैथमेटिकल, नेचुरलिस्टिक, इंट्रापर्सलन, विजुअल-स्पेटियल और म्यूजिकल)थियरी का अध्ययन किया। हमारा असेसमेंट सिस्टम बच्चों को उनके लर्निंग स्टाइल के आधार पर कैटेगराइज्ड करता है और उन्हें राइट ट्रैक पर लाने की दिशा देता है। एक बार जब उनके स्किल-गैप्स की पहचान हो जाती है तो उनके लर्निंग स्टाइल के मुताबिक ही उनके स्किल-गैप को खत्म करने के तरीकों को चुनता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी बच्चे की विजुअल लर्निंग स्टाइल है तो उसे विजुअल डायग्राम के फ्रैक्शन सिखाया जा सकता है। वहीं किसी बच्चे की म्यूजिकल लर्निंग स्टाइल है तो उसे सिखाने में म्यूजिकल एनालॉजिज की मदद ली जा सकती है।
वास्तव में वेंचर कैपिटलिस्ट्स एजुकेशन मार्केट के कोई बहुत शौकीन नहीं हैं। लिजेंडरी जॉन डोएर ने ही सिर्फ इसे थोड़ी बहुत कामयाबी के साथ भेदने की कोशिश की। जो लोग इस मार्केट में कुछ करने की हिम्मत दिखाते भी हैं वो अपर्याप्त फंडिंग की वजह से कुछ खास नहीं कर पाते। और इसीलिए ये धारणा बरकरार है कि आप एजुकेशन में पैसा नहीं बना सकते।
2008 में हम एजुकेशनल वेंचर हॉटचाक के फाउंडर एडवर्ड फील्ड्स से मिले। हॉटचाक एक ऑनलाइन कम्यूनिटी अप्लिकेशन है जो टीचर्स, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को किंडरगार्टेन से लेकर ग्रेड 12 तक कनेक्ट करता है। पिछले कई प्रयासों के नाकाम होने के बाद ऐसा लग रहा है कि हॉटचाक अपने काम में सफल हो रही है।
हॉटचाक के स्ट्रेट्जी की खूबसूरती क्या है? कंपनी स्कूल एडमिनिस्ट्रेटर्स तक को भी अपनी सेवाएं देने की कोशिश नहीं करती। वो सिर्फ अपने कोर यूजर्स टीचर्स, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स पर फोकस करते हैं। हॉटचाक को सितंबर 2004 में लॉन्च किया गया और 2008 की शुरुआत में ही 3 लाख 75 हजार से ज्यादा टीचर्स इसके मेंबर बन चुके थे। हर महीने 188 देशों के 71 लाख से ज्यादा यूनिक विजिटर्स इसकी साइट को यूज करते हैं। इससे 72 हजार स्कूल जुड़ चुके हैं जिनमें सिर्फ अमेरिका से ही 93 फीसदी स्कूल हैं।
2009 में हमने ल्यूसिड को 80 लाख डॉलर की पूंजी के साथ लॉन्च किया। इसमें इमरजेंस कैपिटल की अगुवाई में निवेश हुआ। ये एक पावर प्वाइंट फाइनेंसिंग था क्योंकि कोई दूसरा बेहतर विकल्प मौजूद नहीं था। हमें ग्रेड-6 से ग्रेड-12 तक के लिए मैथ (अंक गणित, बीज गणित, रेखा गणित, त्रिकोणमिति और कैलकुलस) के उपयुक्त मेथडोलॉजी को खोजने में तीन साल तक समय लगा। तब हमने उस मेथडोलॉजी से जुड़े बहुत सारे कंटेंट को भारत में अपने डेवलपमेंट सेंटर की मदद से जारी किया। हमनें इस प्रक्रिया में टीचर्स को भी भागीदार बनाया।
इसके बाद मार्केट में छाप छोड़ने की चुनौती सामने आई।
टीचर्स, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स हमारे टारगेट मार्केट थे। 2008 में अमेरिका में 32 लाख टीचर्स, 5.5 करोड़ स्टूडेंट्स और एक लाख चालीस हजार से ज्यादा पब्लिक और प्राइवेट स्कूल थे। वहीं दुनियाभर में 2.9 करोड़ टीचर 46.4 करोड़ स्टूडेंट्स थे। अकेलेइंग्लिश स्पीकिंग इंटरनेशनल मार्केट में ही 13 लाख टीचर्स थे। मगर एक चीज हर जगह कॉमन थी- जरूरी एजुकेशन रिसोर्सेज की कमी।
हम एक वर्ल्डवाइड सर्विस बनना चाहते थे ताकि हर देश के हर स्कूल के हर मैथ टीचर अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाने में हमारे मेथडोलॉजी का इस्तेमाल कर सके। हमें एक ऐसा बिजनेस मॉडल ढूढ़ना था जो हमें इस काम में मदद करता।
हमने नॉर्थ अमेरिका को चुना और हॉटचाक के साथ पार्टनरशिप की। हम दोनों ने मिलकर मिडल स्कूल और हाई स्कूल के मैथ टीचर्स की कम्यनिटी बनाया जिससे कि वो एक दूसरे से इंटरेक्ट कर सकें और विचारों का आदान-प्रदान कर सकें। हमारे टीचर्स जिस भी स्कूल में पढ़ाते हैं हमने वहां के पैरेंट्स की भी कम्यूनिटी बनाई। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हमारे मेथडोलॉजी को अपनाने वाले प्रत्येक टीचर्स को पैरेंटस से तारीफ मिली और पैरेंट्स ने उन्हें उनकी सर्विस के लिए पहले से ज्यादा भुगतान किया। भारत, ब्रिटेन, मिडल ईस्ट और ऑस्ट्रेलिया समेत पूरी दुनिया में टीचर्स और परिवार हमारी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। और ये मुख्य तौर पर वर्ड ऑफ माउथ की ही देन है।
हम मैथ के अलावा बॉयोलॉजी, फीजिक्स, केमिस्ट्री, वर्ल्ड हिस्ट्री, वर्ल्ड ज्योग्राफी और इंग्लिश की पढ़ाई के लिए भी अपनी सेवाएं देने के बारे में सोच रहे हैं।
इन सबके बीच हम अपने रेवेन्यूज को औसतन 113 फीसदी की दर से बढ़ा रहे हैं।
हम 2017 तक प्रॉफिटेबल बन सकते थे, मगर हमें कोई जल्दी नहीं थी। हम एक बड़ी समस्या पर काम कर रहे हैं और हमने इसे दुरुस्त करने का फैसला किया है। हम अपने मेथडोलॉजी में उच्च स्तर की पर्सनलाइजेशन का इस्तेमाल करते हैं और इस स्तर के पर्सनलाइजेशन को हासिल करने के लिए अच्छा कंटेंट सपोर्ट देते हैं। इस पर्सनलाइजेशन का दायरा लर्निंग स्टाइल्स से लेकर स्किल-गैप एनेलिसिस और इंट्रेस्ट-बेस्ड एक्जाम्पल्स तक फैला हुआ है। एक फुटबाल प्रेमी को फीजिक्स के कॉन्सेप्ट्स जैसे वेलोसिटी और एक्सिलिरेशन को समझाने के लिए फील्ड से जुड़े रूपकों का इस्तेमाल किया जाता है। हमने प्रभावशाली कंटेट के लिए डिस्कवरी चैनल, ए एंड ई, सीएनएन और नेटफ्लिक्स के साथ पार्टनरशिप किया है ताकि हम हिस्ट्री, आर्ट हिस्ट्री, ज्योग्राफी और दूसरे कोर्सेज से जुड़े बेहतरीन कंटेट तैयार कर सकें।
2018 तक प्रभावशाली के-12 टीचिंग मेथडोलॉजी के लिए हमारी एक अलग पहचान बन गई। इसी वजह से गेट्स फाउंडेशन ने हमें फंड का प्रस्ताव दिया ताकि हमारे मेथडोलॉजी की मदद से दुनिया भर के गरीब बच्चों को पढ़ाया जा सके।
आज हम वहां खड़े हैं जहां हमारा ऑपरेटिंग मार्जिन 29 फीसदी है औ हमारा रेवेन्यू 5.6 अरब डॉलर है। आज हम एजुकेशन टेक्नोलॉजी के वर्ल्ड लीडर हैं।