बजट में Ease of doing business को लेकर अहम ऐलान, कारोबारों के लिए PAN बनेगा कॉमन आइडेंटिफायर
बजट भाषण में कारोबार करना आसान बनाने से जुड़ी भी कुछ घोषणाएं हुईं.
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट (Union Budget 2023-24) को संसद में पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कई बड़े और अहम ऐलान किए. बजट भाषण में कारोबार करना आसान बनाने से जुड़ी भी कुछ घोषणाएं हुईं. इनमें से एक घोषणा कारोबारों के लिए PAN को कॉमन आइडेंटिफायर के तौर पर इस्तेमाल करने की रही. बजट 2023 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन बिजनेस एस्टेबिलिशमेंट्स के लिए स्थायी खाता संख्या यानी PAN होना अपेक्षित है, उनके मामले में निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को सामान्य पहचानकर्ता (कॉमन आइडेंटिफायर) के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.
यह भी कहा गया कि इससे कारोबार करना आसान होगा और इसे एक लीगल मैनडेट के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा. वर्तमान में, उद्यमों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जारी कई आइडेंटिटीज (PF, ESIC, PAN, CIN, TAN, आदि) प्राप्त करने की जरूरत होती है. इसने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें कॉरपोरेट अनुपालन और जोखिम प्रोफाइल के निर्माण के लिए कोई सिंगल आइडेंटिफायर नहीं है. इसी को देखते हुए इंडस्ट्री ऑब्जर्वर्स चाहते थे कि बजट, व्यवसाय संचालन करने के लिए आवश्यक कई आइडेंटिटीज की समस्या को हल करे.
42 केंद्रीय अधिनियमों में होगा संशोधन
इसके अलावा वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने के लिए 39000 से ज्यादा कंप्लायंसेज को कम किया गया है और 3400 से ज्यादा कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया है. ट्रस्ट बेस्ड गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 42 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके लिए जन विश्वास बिल पेश किया है. बजट 2023 भारत की अर्थव्यवस्था की क्षमता को सामने लाने के लिए कई उपायों को प्रस्तावित करता है.
MSME के लिए भी राहत भरा बजट
बजट में दी गई राहतों के दायरे में MSME (Micro, Small and Medium Enterprises) भी रहे. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्तमान में 2 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले माइक्रो एंटरप्राइजेस और 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले कुछ प्रोफेशनल्स, प्रिजंप्टिव टैक्सेशन का लाभ उठा सकते हैं. इन सीमाओं को उन करदाताओं के लिए क्रमश: 3 लाख करोड़ रुपये और 75 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया जाता है, जिनकी नकदी प्राप्तियां 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं. इसके अलावा एमएसएमई को समय पर भुगतान की प्राप्ति में सहायता करने के लिए, उन्हें किए जाने वाले भुगतानों पर होने वाले खर्चों के लिए डिडक्शन को तभी मंजूर करने का प्रस्ताव करती हूं, जब उनका भुगतान वास्तविक रूप से कर दिया गया हो.
इसके अलावा कोविड महामारी के दौरान प्रभावित एमएसएमई को राहत देने के लिए भी ऐलान किया गया. बजट स्पीच में कहा गया कि ऐसे एमएसएमई, जो महामारी काल में अपने कॉन्ट्रैक्ट्स को एग्जीक्यूट करने में नाकाम रहे, उनके लिए ऐलान किया गया है कि बिड या परफॉरमेंस सिक्योरिटी से संबंधित जब्त राशि का 95 प्रतिशत भाग सरकार और सरकारी उपक्रमों की ओर से उन्हें लौटा दिया जाएगा.