नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मां को बीबीसी ने दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में किया शामिल
मेहरुन्निसा सिद्दिकी को बीबीसी ने दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में किया शामिल...
बीबीसी हर साल दुनियाभर की उन 100 महिलाओं की सूची जारी करता है जो बाकी महिलाओं के हक के लिए भी आवाज उठाती हैं। इस साल अभी तक सिर्फ 60 नामों की लिस्ट जारी हुई है, लेकिन बहुत जल्द ही बाकी 40 महिलाओं के नाम सामने आएंगे।
दुनियाभर के अलग-अलग देशों की ये महिलाएं अललग-अलग क्षेत्रों में उत्पीड़न, गैरबराबरी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठा चुकी हैं।
मुंबई के शुरुआती दिनों में नवाज को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। उनके पास रहने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। मुंबई के गोरेगांव में चार दोस्त के साथ एक कमरे में रहा करते थे।
अपनी काबिलियत और शानदार अदाकारी के बलबूते बॉलिवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जिंदगी में एक और मुकाम जुड़ गया है। उनकी मां मेहरुन्निसा सिद्दिकी को बीबीसी ने दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। हिंदी सिनेमा में अपनी ऐक्टिंग से सबको हैरान कर देने वाले नवाजुद्दीन ने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के बुढ़ाना गांव में पैदा हुए नवाज का सफर काफी चुनौतियों से भरा रहा। आज उनकी झोली में नेशनल अवॉर्ड समेत फिल्मफेयर जैसे पुरस्कार शामिल हैं, लेकिन बीबीसी द्वारा जारी इस लिस्ट के बाद उन्हें अपनी मां पर और गर्व होगा।
नवाजुद्दीन ने इस अच्छी खबर के बारे में सूचित करते हुए ट्विटर पर अपनी अम्मी के साथ एक ब्लैक ऐंड वाइट फोटो शेयर किया है। उन्होंने लिखा, 'एक महिला जिसने रूढ़िवादी समाज से लड़ते हुए तमाम मुसीबतों से जूझते हुए इतनी हिम्मत दिखाई- मेरी मां।' बीबीसी हर साल दुनियाभर की उन 100 महिलाओं की सूची जारी करता है जो बाकी महिलाओं के हक के लिए भी आवाज उठाती हैं। इस साल अभी तक सिर्फ 60 नामों की लिस्ट जारी हुई है, लेकिन बहुत जल्द ही बाकी 40 महिलाओं के नाम सामने आएंगे। दुनियाभर के अलग-अलग देशों की ये महिलाएं अललग-अलग क्षेत्रों में उत्पीड़न, गैरबराबरी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठा चुकी हैं।
इस लिस्ट को चार भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें लिंग के आधार पर भेदभाव, महिला अशिक्षा और उत्पीड़न जैसे मुद्दे शाममलि होते हैं। हालांकि नवाज की मां मेहरुन्निसा इस लिस्ट में शामिल होने वाली भारत से इकलौती महिला नहीं हैं। उद्यमी अदिति अवस्थी, लेखक इरा त्रिवेद और क्रिकेटर मिताली राज को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। हेल्थकेयर उद्यमी नित्या 16 साल की स्टूडेंट प्रियंका रॉय और टीचर तूलिका किरन भी इसमें शामिल हैं। इस लिस्ट में बाकी दो महिलाएं उर्वशी साहनी और विकलांगता कार्यकर्ता विराली मोदी भी हैं। इन सभी के काम के बारे में भी एक सीरीज प्रकाशित की जाएगी जिसे अक्टूबर में पढ़ा जा सकेगा।
1974 में पैदा हुए नवाज ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार से केमिस्ट्री में ग्रैजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित थियेटर इंस्टीट्यूट नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग के गुर सीखे। उसके बाद उन्हें बॉलिवुड में छोटे-मोटे रोल मिलते रहे। उन्होंने 1999 में आमिर खान की फिल्म सरफरोश में एक बहुत ही छोटा सा किरदार निभाया था, लेकिन किसी ने उन्हें नोटिस नहीं किया। इसके बाद 2007 में आई अनुराग कश्यप की फिल्म ब्लैक फ्राइडे से उन्होंने सुर्खियां बटोरी। इस फिल्म को इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ लॉस एंजेल्स में ग्रैंड जूरी अवॉर्ड मिला था। मुंबई के शुरुआती दिनों में नवाज को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। उनके पास रहने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। मुंबई के गोरेगांव में चार दोस्त के साथ एक कमरे में रहा करते थे। जहां वे किराया देने के बजाय अपने दोस्तों के लिए खाना बनाते थे।
आमिर खान की सरफरोश के बाद उन्होंने रामगोपाल वर्मा की फिल्म शूल में काम किया था। इसके बाद वे राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित मुन्नाभाई एमबीबीएस में भी दिखाई दिए। उन्होंने इरफान खान के साथ एक शॉर्ट फिल्म में भी काम किया था। नवाजुद्दीन को 2012 में आई फिल्म 'तलाश' के लिए स्पेशल जूरी का नेशनल अवॉर्ड मिला था। उन्हें 'बदलापुर' और 'द लंच बॉक्स' के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी हालिया फिल्म 'बाबू मोशाय बंदूकबाज' आई थी। नवाजुद्दीन आज फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शर्तों पर काम करने के लिए जाने जाते हैं।
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