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कालाधन रखने वालों को मिलेगा एक और मौका

दस नवंबर से अबतक कुल 11.85 लाख करोड़ रपये 500 और 1,000 रपये नोट के रूप में जमा हो चुके हैं।

कालाधन रखने वालों को मिलेगा एक और मौका

Monday December 12, 2016 , 3 min Read

सरकार अघोषित धन रखने वालों को एक और मौका देने के लिये प्रस्तुत योजना को इस सप्ताह अधिसूचित कर सकती है, जिसके तहत नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा अघोषित धन पर 50 प्रतिशत कर और जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। इस योजना के तहत घोषित धन का एक चौथाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में जमा करना होगा। यह जमा चार साल के लिये होगी और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

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राजस्व विभाग इस सप्ताह के अंत तक पीएमजीकेवाई 2016 को अधिसूचित करेगा जो ‘कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 का हिस्सा है। लोकसभा ने 29 नवंबर को इसे मंजूरी दी।

एक अधिकारी ने कहा, ‘अधिसूचना में इस बात का ब्योरा होगा कि किस प्रारूप में घोषणा की जानी है और कर भुगतान के तरीकों यानी इसे किस्तों में देना है या एक बार में पूरा भुगतान करना है, का जिक्र होगा। इसमें पीएमजीकेवाई योजना के समाप्त होने की तारीख भी होगी।’ कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 को धन विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश किया गया। ऐसे में इसके लिये राज्यसभा की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।

संविधान के तहत लोकसभा द्वारा पारित धन विधेयक को उसकी प्राप्ति की तारीख से 14 दिन के भीतर राज्यसभा को उसकी मंजूरी देनी होती है। 14 दिन की अवधि उस दिन से गिनी जाती है जिस दिन विधेयक राज्यसभा सचिवालय को मिलता है। इस मामले में यह तिथि 30 नवंबर थी।

दस नवंबर से अबतक कुल 11.85 लाख करोड़ रपये 500 और 1,000 रपये नोट के रूप में जमा हो चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि चलन में कुल नोटों में पुराने नोट 86 प्रतिशत या 14.5 लाख करोड़ रपये हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘14 दिन की अवधि 14 दिसंबर को समाप्त होगी। उसके बाद इसे मंजूरी के लिये राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उसके बाद इसे इस सप्ताह अधिसूचित किया जाएगा।’ अधिसूचना में यह भी जिक्र हो सकता है कि पीएमजीकेवाई में घोषणा करने पर कोष के स्रोत के बारे में नहीं पूछा जाएगा और संपत्ति कर, दिवाली कानून तथा अन्य कराधान कानून से छूट होगी। लेकिन फेमा, पीएमएलए, नारकोटिक्स और विदेशी कालाधन कानून के तहत कोई छूट नहीं होगी।

गौरतलब है, कि कालाधन के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी है और लोगों से इसे बैंकों में जमा कराने को कहा। उसके बाद से लोग पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने के लिये कतारों में लग रहे हैं।