ईडी ने फेमा उल्लंघन के लिए बायजू रवींद्रन, Think & Learn को भेजा कारण बताओ नोटिस
ईडी का बयान, जिसमें फेमा के कुल 9,362 करोड़ रुपये के उल्लंघन का उल्लेख है, BYJU'S द्वारा विदेशी मुद्रा उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट सामने आने के कुछ ही घंटों बाद आया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को अपनी जांच के निष्कर्ष पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन करने के लिए
की पैरेंट कंपनी Think & Learn Private Limited और फाउंडर और सी बायजू रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया.ईडी ने एक बयान में कहा, फेमा के तहत निर्णायक प्राधिकरण ने "फेमा, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 9362.35 करोड़ रुपये के नोटिस जारी किए." यह बात संकटग्रस्त एडटेक कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट सामने आने के कुछ ही घंटों बाद आई है.
एजेंसी के बयान में कहा गया है कि, जांच पूरी होने पर, यह निर्धारित किया गया कि BYJU'S की पैरेंट कंपनी और रवींद्रन ने "भारत के बाहर किए गए अग्रिम प्रेषण (advance remittances) के खिलाफ आयात के दस्तावेज जमा करने में विफल होने, बाहर किए गए निर्यात की आय को भी साबित करने में विफल होकर फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन किया है." भारत में कंपनी ने प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के खिलाफ दस्तावेज दाखिल करने में देरी की. और कंपनी भारत के बाहर किए गए प्रेषण के खिलाफ दस्तावेज दाखिल करने में विफल रही. इतना ही नहीं, BYJU'S कंपनी में प्राप्त एफडीआई के खिलाफ शेयर आवंटित करने में विफल रही.
BYJU'S ने ED के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
ईडी ने कहा कि उसने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश और कंपनी के व्यावसायिक आचरण से संबंधित कई शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की.
एजेंसी ने कहा, "कंपनी ने यह भी कहा था कि उसने भारत के बाहर महत्वपूर्ण विदेशी प्रेषण और विदेशों में निवेश किया था जो कथित तौर पर फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन था और इससे भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ था."
दिए गए विवरण के आधार पर, अप्रैल में, ईडी ने विदेशी मुद्रा कानूनों के संदिग्ध उल्लंघनों को लक्षित करते हुए, बेंगलुरु में BYJU'S के तीन ठिकानों की तलाशी ली.
तलाशी के दौरान, एजेंसी ने एडटेक कंपनी के सभी निवेश और विदेशी लेनदेन के दस्तावेज जब्त कर लिए. ईडी ने कहा कि रवींद्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी के बयान भी दर्ज किए गए थे.
एजेंसी ने कहा कि बेंगलुरु स्थित एडटेक कंपनी ने कथित तौर पर 2011 से 2023 तक लगभग 28,000 करोड़ रुपये का एफडीआई हासिल किया. इसके अलावा, यह भी बताया गया कि एडटेक फर्म ने उसी अवधि में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के रूप में विभिन्न विदेशी न्यायालयों में 9,754 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए. ईडी ने कहा था कि कंपनी ने विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए 944 करोड़ रुपये आवंटित किए, जिसमें विदेश भेजा गया धन भी शामिल है.
ईडी 2011 से FEMA के साथ BYJU'S के अनुपालन की जांच कर रहा है. साथ ही, एडटेक फर्म कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय दोनों की जांच के दायरे में आ गई है.
इससे पहले बुधवार को, रवींद्रन ने एक नोट में शेयरधारकों को आश्वासन दिया कि विदेशी मुद्रा उल्लंघन के आरोपों के बीच एडटेक कंपनी फेमा दिशानिर्देशों का पालन कर रही है.
रवींद्रन ने शेयरधारकों को लिखे एक नोट में कहा, "हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि BYJU'S हमेशा फेमा नियमों का पूरी तरह से अनुपालन करता रहा है." YourStory ने नोट की एक कॉपी देखी है.
BYJU'S प्रमुख ने कहा कि "भारत की सबसे बड़ी" कानून फर्मों में से एक ने इस पर उचित परिश्रम किया था, और एडटेक कंपनी में "कोई फेमा उल्लंघन नहीं पाया".
(Translated by: रविकांत पारीक)