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मुनाफा कमाने में नाकाम हो रहीं एडटेक कंपनियां, निवेशक छोड़ रहे साथ, 9 महीने में करीब आधी हुई फंडिंग

प्राइवेट इंवेस्टमेंट ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के पता चलता है कि जनवरी से सितंबर के 9 महीने के दौरान फंडिंग 45 फीसदी तक घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गई है.

मुनाफा कमाने में नाकाम हो रहीं एडटेक कंपनियां, निवेशक छोड़ रहे साथ, 9 महीने में करीब आधी हुई फंडिंग

Friday October 07, 2022 , 3 min Read

कोविड-19 लॉकडाउन हटने और ऑफलाइन एजुकेशन मार्केट के खुलने के बाद फंडिंग हासिल करने की समस्या का सामना कर रहे एडटेक मार्केट का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल के 9 महीने में एडटेक स्टार्टअप्स की फंडिंग करीब आधी रह गई है.

प्राइवेट इंवेस्टमेंट ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के पता चलता है कि जनवरी से सितंबर के 9 महीने के दौरान फंडिंग 45 फीसदी तक घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गई है. विश्लेषण में माना गया है कि फंडिंग में आने वाली यह कटौती इंवेस्टर्स का विश्वास डिगने के कारण हुई है क्योंकि यूनिकॉर्न्स लाभ हासिल करने में संघर्ष कर रही हैं.

वहीं, इस बीच एक्सपर्ट्स अगले साल खासकर शुरुआती फंडिंग को लेकर एक बड़ी मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं जो कि विलय और अधिग्रहण (M&A) को बढ़ावा दे सकता है. इस दौरान छोटे स्टार्टअप अधिग्रहण का लक्ष्य बन सकते हैं.

Tracxn के आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 की पहली तिमाही में एडटेक स्टार्टअप्स ने प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्मों से 1.4 अरब डॉलर जुटाए, लेकिन यह 2022 की दूसरी तिमाही में 59 फीसदी घटकर 574 मिलियन डॉलर रह गया. वहीं, तीसरी तिमाही में फंडिंग 75 फीसदी तक घटकर केवल 142 मिलियन डॉलर रह गया है.

IvyCap Ventures वेंचर्स के संस्थापक और MD विक्रम गुप्ता ने कहा कि M&A अनिवार्य है क्योंकि निवेशकों का Test-Prep. और K-12 सेगमेंट में विश्वास खो रहा है, यहां तक ​​कि अधिकांश VC बड़ी मात्रा में बिना निवेश वाले फंड को इंवेस्ट नहीं कर रहे हैं. साल 2021 में एडटेक फंडिंग ने 310 राउंड में 4.2 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड स्तर हासिल किया था. यह महामारी के चरम के दौरान साल 2019 में 220 राउंड में उठाए गए 2.3 बिलियन डॉलर से भी अधिक था.

दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान अधिकतर स्कूल, कॉलेज और एजुकेशन इंस्टीट्यूट बंद थे इसलिए एडटेक स्टार्टअप्स को भारी उछाल देखने को मिला था लेकिन अब कोविड-19 महामारी के ढलान पर जाने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद से जब सभी स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स खुल गए हैं तब एडटेक कंपनियां लाभ को बरकरार रख पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. एडटेक कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही हैं और खर्चों में कटौती भी कर रही हैं.

11 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं एडटेक कंपनियां

साल 2022 की शुरुआत से अब तक एडटेक कंपनियां 11 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. आर्थिक संकट का हवाला देते हुए फरवरी में Lido Learning ने 1200 कर्मचारियों को निकाल दिया था. वहीं, बायजू ने करीब 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. सॉफ्टबैंक समर्थित अनअकेडमी ने सेल्स और मार्केटिंग और कुछ कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को मिलाकर 750 लोगों को निकाला है. Vedantu ने भी तीन चरणों में 700 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया.

FrontRow और Udayy ने क्रमश: 300 और 100 कर्मचारियों को निकाला है. उदय की को-फाउंडर सौम्या यादव ने तो यहां तक कहा दिया था कि वह अपना कारोबार बंद कर देंगी और 8.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग निवेशकों को वापस लौटा देंगी. Eruditus ने भी जून 2022 में 80 लोगों को कंपनी से निकाला था. जबकि 2021 में इस 1300 लोगों को हायर किया था. एडटेक प्लेटफॉर्म LEAD (पहले LEAD School) ने करीब 90 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था.

अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर

हालांकि, भारतीय एडटेक कंपनियों ने सेक्टर में उथल-पुथल के बावजूद, साल 2022 में वैल्यूएशन में बड़ी वृद्धि दर्ज की है. डीलरूम ने आगे अनुमान लगाया कि 2022 तक भारतीय एडटेक फर्मों का संयुक्त वैल्यू लगभग 45 बिलियन डॉलर है. इसका मतलब है कि भारत एडटेक कपनियों की संयुक्त वैल्यू के मामले में भारत केवल अमेरिका और चीन से पीछे है.


Edited by Vishal Jaiswal