2,000 तक डिजिटल पेमेंट करने पर मिल सकती है GST में छूट
यदि सरकार ने दी राहत, तो जीएसटी के बाद भी कुछ चीज़ें हो सकती हैं सस्ती...
नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में काफी बड़ी संख्या में इजाफा हुआ है। रिजर्व बैंक के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में 67 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए जो इस साल मार्च में बढ़कर 89 करोड़ पर पहुंच गए।
नकद भुगतान का चलन कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा सकता है। सरकार शुरू में 2,000 रुपये तक के पेमेंट पर छूट दे सकती है।
वित्त मंत्रालय, आरबीआई, कैबिनेट सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के मंत्रालय चर्चा कर रहे हैं कि यह कैशबैक या डिस्काउंट आम लोगों को किस रूप में दिया जाए।
जीएसटी लागू होने के बाद कई सारी चीजों के टैक्स में थोड़ा सा इजाफा हो गया है। इससे दुकानदारों, व्यापारियों से लेकर आम आदमी तक को अच्छी खासी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इसी मुश्किल को देखते हुए सरकार डिजिटल भुगतान पर थोड़ी सी और राहत देने के बारे में सोच रही है। अगर ऐसा हुआ तो आपके लिए चीजें थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। नकद भुगतान का चलन कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा सकता है। सरकार शुरू में 2,000 रुपये तक के पेमेंट पर छूट दे सकती है।
कैशलेस इकनॉमी बनाने के लिए सभी तरह के डिजिटल भुगतान, खासकर छोटे लेनदेन को प्रोत्साहित करने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिस्काउंट या कैश बैक के रूप में डिजिटल पेमेंट का फायदा देने के प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक, कैबिनेट सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'इसका लक्ष्य भारत को कम नकदी लेनदेन आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की सरकार की योजना के मुताबिक सभी तरह के डिजिटल पेमेंट्स और खासकर छोटे लेनदेन करनेवालों को फायदा देने का है।'
नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में काफी बड़ी संख्या में इजाफा हुआ है। रिजर्व बैंक के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में 67 करोड़ डिजिटल पेमेंट्स हुए जो इस साल मार्च में बढ़कर 89 करोड़ पर पहुंच गए। हालांकि, जून महीने में सिर्फ 84 करोड़ ट्रांजैक्शन ही डिजिटल मीडियम से हुए। सूचना तकनीक मंत्रालय डिजिटल पेमेंट्स को लेकर सरकार के प्रयासों की अगुवाई कर रहा है और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स को और लोकप्रिय बनाने के लिए तरह-तरह के कदम उठाने पर विचार कर रहा है। हाल ही में हुई एक मीटिंग में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के बाद डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स से लेनदेन की स्थिति का विश्लेषण किया गया। इस मीटिंग में आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद और वित्त मंत्रालय समेत सरकार के विभिन्न विभागों तथा कैबिनेट सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावे देने की जरूरत का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते रहे हैं। इससे विभिन्न सरकारी विभागों पर डिजिटल पेमेंट को ज्यादा स्वीकृति दिलाने का दबाव है। 71वें स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने लोगों से नकद लेनदेन कम करने की अपील की थी। सूत्र ने बताया कि डिस्काउंट या कैश बैक का फायदा देने का विचार छोटे लेनदेन करनेवालों के लिए हो रहा है क्योंकि इनकी तादाद बहुत बड़ी है और लोग इतनी रकम तक का लेनदेन नकदी में ही करते हैं।
2,000 रुपये तक का नकद लेनदेन करनेवालों की तादाद काफी बड़ी है और अगर इन्हें फायदा दिया जाए तो डिजिटल पेमेंट्स को तो बढ़ावा मिलेगा ही, लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से कदम बढ़ाएंगे। इससे व्यवस्था में मौजूद छेद बंद होंगे और काले धन के खिलाफ लड़ाई को ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि सरकार 20 प्रतिशत टैक्स छूट का फायदा कैसे पहुंचाएगी।
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