100 गाँव बनेंगे डिजिटल गाँव
डिजिटल भुगतान प्रणाली के तहत 100 गांवों को जोड़ेगा आईसीआईसीआई बैंक
सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने 100 गांवों को डिजिटल भुगतान प्रणाली के तहत लाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत वह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ाएगा।
आईसीआईसीआई बैंक जल्द ही 100 गांवों को ‘आईसीआईसीआई डिजिटल गांव’ में बदलेगा।
यह बैंक के नोटबंदी के बाद देशभर में डिजिटल भुगतान को बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है जिसमें ग्रामीण भारत भी शामिल है। बैंक ने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा ग्रामीण कार्यक्रम है जिसमें उन्हें डिजिटल लेनदेन की सुविधा दी जाएगी।
बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा कि हम इन गांवों में नकदी रहित व्यवस्था का विकास करेंगे। पहले 100 दिनों में करीब 10000 ग्रामीणों को हम प्रशिक्षण देंगे और उन्हें रिण उपलब्ध कराएंगे जिससे वह अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें। उधर दूसरी तरफ बैंक सुविधा से वंचित गांवों में पहुंचने के इरादे से निजी क्षेत्र का आईसीआईसीआई बैंक ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा में मोबाइल शाखाओं की तैनाती की है। इसका मकसद ग्राहकों को आसानी से वित्तीय जरूरतें पूरा करने में मदद करना है।
आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर ने कहा, ‘बैंक सुविधाओं से अब भी वंचित गांवों में मोबाइल शाखाओं की तैनाती की गयी है। यह बैंक का सुदूर गांवों तक विस्तार की दिशा में एक और कदम है। मोबाइल शाखाएं 25,000 ग्रामीण ग्राहकों को सेवाएं दे रही हैं। इससे ग्राहकों को अपनी दैनिक वित्तीय जरूरतों को आसानी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
यह पहल बैंक की देश के दूरदराज क्षेत्रों में बैंक सेवाएं पहुंचाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
साथ ही आईसीआईसीआई बैंक ने देश भर में सैन्य क्षेत्रों में अप्रचलित नोटों की अदला बदली के लिए विशेष मुद्रा विनिमय शिविर लगाए हैं।बैंक ने एक बयान में कहा है कि वह छावनियों, आर्डनेंस फैक्टरियों, बटालियनों व रेजीमेंट सहित विभिन्न सैन्य क्षेत्रों में नोटों की अदला बदली की विशेष व्यवस्था कर रहा है।
इसके साथ ही उसने जैसलमेर व बाड़मेर जैसे दूरदराज के सीमावर्ती इलाकों में भी विशेष व्यवस्था की है। बैंक ने इन शिविरों के जरिए हजारों सैन्यकर्मियों को सेवाएं दी हैं।