गुजरात के 60 वर्षीय बुजुर्ग विकलांग ने कबाड़ के सामान से बनाई इलेक्ट्रिक बाइक
इंसानी जुनून और जज्बे के सामने सारी मुश्किलें बौनी पड़ जाती हैं। यह बात गुजरात के सूरत के रहने वाले विष्णु पटेल पर सटीक बैठती हैं। बचपन से ही पोलियो का शिकार हो गए विष्णु ने रिसाइकिल किए गए ई-वेस्ट से एक इलेक्ट्रिक बाइक बना डाली है। पटेल ने दावा किया कि उन्होंने अभी तक बैट्री से चलने वाली 7 गाड़िययां तैयार की हैं। इसमें दोहिया और तीन पहिया वाहन शामिल हैं।
योरस्टोरी से बात करते हुए विष्णु के बेटे निखिल पटेल ने कहा, 'एक बार चार्ज करने पर हमारे द्वारा बनाई गई गाड़ी 35-45 किलोमीटर तक चलती है। खास बात यह है कि इससे किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। इसके अलावा विकलांग लोगों को गाड़ी बैक करने में काफी दिक्कत होती है, इसलिए हमारी गाड़ियों में ऐसी सुविधा की गई है कि उन्हें गाड़ी पीछे करने में किसी तरह की मेहनत न करनी पड़े।'
गाड़ियां बनाने के लिए विष्णु खराब गाड़ियों के पुर्जे, टीवी के रिमोट्स, मोबाइल फोन और लैपटॉप के ई-वेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। एएनआई को दिए इंटरव्यू में वे कहते हैं, 'लोग इलेक्ट्रॉनिक कचरे को फेंक देते हैं, लेकिन मैं इनका सही उपयोग करके गाड़ियां बना रहा हूं। मैं विकलांग समुदाय के लिए ज्यादा से ज्यादा तीन पहिया वाहन बनाना चाहता हूं।'
विष्णु के भीतर ऐसी गाड़ियां बनाने की तमन्ना यूट्यूब वीडियो को देखकर जगी थी। उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था जिसमें कबाड़ से बाइक बनाने का तरीका बताया गया था। इससे वे प्रेरित हुए और तब से इस काम में लगे हुए हैं। एक विकलांग व्यक्ति का जुगाड़ की मदद से ऐसी गाड़ियां बनाना वाकई प्रेरित करने वाला है। हम सब को विष्णु से सीख लेने की जरूरत है कि अक्षमता सिर्फ हमारे दिमाग का वहम होता है, क्योंकि इंसान चाह ले तो वह कुछ भी कर सकता है।
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