इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सुविधाओं के लिये ईवीआई टेक्नोलॉजीज ने बीएसएनएल के साथ हाथ मिलाया
भारत ही नहीं दुनियाभर में अब इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स का चलन बढ़ने लगा है। इस साल अप्रैल में मारुति ने अपनी डीज़ल कारों को बंद करने का ऐलान किया है। वहीं, कई और देश साल 2030 तक पेट्रोल-डीज़ल के व्हीकल को बंद करने का फैसला कर चुके हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये बैटरी चार्ज सुविधायें उपलब्ध कराने वाली कंपनी ईवीआई टेक्नालाजीज (ईवीआईटी) ने सोमवार को कहा कि उसने बैटरी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ समझौता किया है।
दोनों के बीच 10 साल का सहमति ज्ञापन समझौता हुआ है। समझौते के तहत ईवीआईटी देशभर में बीएसएनएल के पांच हजार से अधिक स्थानों पर बैटरी चार्ज करने की सुविधायें उपलब्ध करायेगी। इसमें बैटरी की अदला-बदली के साथ ही बैटरी चार्ज करने की सुविधायें उपलब्ध होंगी।
कंपनी ने एक वक्तव्य में कहा है कि समझौते के तहत ईवीआईटी शुरुआत में होने वाला पूरा निवेश खुद करेगी। इसमें बैटरी चार्जिंग सुविधा परिचालन और रखरखाव सभी कुछ शामिल है।
इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल इसके साथ ही बैटरी चार्जिंग सुविधाओं के लिये जरूरी स्थान और बिजली कनेक्शन उपलब्ध करायेगी।
बीएसएनएल महाराष्ट्र के मुख्य महा प्रबंधक कुमार मिश्रा ने कहा कि इस पहल से स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और कार्बन उत्सर्जन कम होगा। समझौते के तहत पहला चार्जिंग स्टेशन अगले महीने महाराष्ट्र और हरियाणा में खोलने की योजना है।
आपको बता दें कि इससे पहले भारत में जापान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी पैनासॉनिक (Panasonic) 25 शहरों में 1 लाख स्ट्रॉन्ग चार्जिंग स्टेशन लगाने की घोषणा कर चुकी है। कंपनी का फोकस भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसके मुकाबले चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराने का है। कंपनी पार्किंग स्टेशन, मॉल, पेट्रोल पंप आदि पर चार्जिंग स्टेशन लगाएगी। इसके अलावा फ्रेंचाइजी भी देगी।
वहीं सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने इसे सर्विस की श्रेणी में रखा है, जिसके लिए इस पर कमीशन और सर्विस चार्ज फिक्स होगा। गाइडलाइन के मुताबिक पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के मालिकों को CCS, CHAdeMO, Type-2 AC, Bharat AC 001 जैसे चार्जर इंस्टॉल करने होंगे।
(Edited by रविकांत पारीक )