बुनियादी सुविधाओं की कमी के बावजूद भारत की 200 कंपनियों ने चीनी प्रतिद्वंदी कंपनियों को पीछे छोड़ा
भारत की शीर्ष 200 कंपनियों ने देश में बुनियादी सुविधाओं की कमी के बावजूद अपनी चीनी प्रतिद्वंदी कंपनियों को मात दी है। यह जानकारी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की एक रपट में दी गई है।
यह रपट ‘इंडियाज टॉप कंपनीज सेट टू गेन इवन एज चाइनाज कंटिन्यू टू फील द पेन’ और ‘द मिसिंग पीस इन इंडियाज इकोनोमिक ग्रोथ स्टोरी: रोबस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’ नाम से प्रकाशित हुई है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के आकलनकर्ता मेहुल सुक्कावाला ने कहा, ‘‘बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की शीर्ष 200 कंपनियों का उनकी चीनी प्रतिद्धंदी कंपनियों से किए गए हमारे आकलन के मुताबिक उनके सामने यह आया है कि चीन में सूचीबद्ध कंपनियों में सरकारी प्रभाव भारत के बजाय कहीं ज्यादा है।’’ सुक्कावाला ने कहा कि इस वजह से कंपनियों के पूंजीगत खर्च के लचीलेपन पर सीधा असर पड़ता है, जिससे कमजोर लाभ और कभी-कभी ज्यादा कर्ज के रूप में यह दिखाई देता है।
भारत और चीन के बीच निजी क्षेत्र का अंतर महत्वपूर्ण है। निजी कंपनियां शुद्ध रिण में करीब 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं और भारत की 200 शीर्ष कंपनियों का कर पूर्व लाभ चीन की शीर्ष कंपनियों की तुलना में 20 प्रतिशत से कम है।
भारतीय निजी कंपनियों ने भारत की सरकारी कंपनियों और चीन की कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
एसएंडपी को अगले दो से तीन सालों में भारत की शीर्ष कंपनियों के और बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। लेकिन भारत में परिचालन की स्थितियों में बेहतरी उसके बुनियादी ढांचे पर निर्भर करेगी जो अभी भी अपर्याप्त बनी हुई है। भारत के बुनियादी ढांचे की ख़स्ता हालत की वजह से ही भारत सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के सामने बड़ी बाधाएं खड़ी हुई हैं।-पीटीआई