कभी करनी पड़ी थी गार्ड की नौकरी, अब आईपीएल में दिखाएगा अपनी धाक
अपनी आजीविका चलाने के लिए ये क्रिकेटर करता था कभी गार्ड की नौकरी...
इस बार जम्मू-कश्मीर के एक ऐसे क्रिकेटर की चर्चाएं हो रही हैं जो अपनी आजीविका चलाने के लिए कभी गार्ड की नौकरी करता था। उस क्रिकेटर का नाम है मंजूर डार। मंजूर को किंग्स इलेवन पंजाब ने 20 लाख रुपये में खरीदा।
कश्मीर अक्सर अशांति के माहौल में पत्थर बाजी और हमलों के लिए सुर्खियों में रहता है। लेकिन मंजूर जैसे खिलाड़ी कश्मीर का नाम रोशन कर रहे हैं और वहां के युवाओं को सीख भी दे रहे हैं कि शांति और समृद्धि के लिए हाथ में पत्थर नहीं बैट और बॉल पकड़ना होगा।
भारत में क्रिकेट प्रेमियों को हर साल आईपीएल का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह आईपीएल अपने साथ रोमांच के साथ ही ऐसे युवा क्रिकेटरों को हमसे मिलवाता है जिनके किस्से सुनकर देश के तमाम होनहार क्रिकेटरों को लगता है कि वे भी अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा कर सकते हैं। इस बार जम्मू-कश्मीर के एक ऐसे क्रिकेटर की चर्चाएं हो रही हैं जो अपनी आजीविका चलाने के लिए कभी गार्ड की नौकरी करता था। उस क्रिकेटर का नाम है मंजूर डार। मंजूर को किंग्स इलेवन पंजाब ने 20 लाख रुपये में खरीदा। मंजूर का आईपीएल के चुना जाना पूरे कश्मीर के लिए गर्व की बात है।
मंजूर कश्मीर के बांदीपुरा जिले के एक किसान परिवार में पैदा हुए। उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। लेकिन घर की स्थिति कुछ ऐसी थी कि परिवार का गुजारा भी चलाना था। वे क्रिकेट खेलते रहे, लेकिन घर की जिम्मेदारियों पर भी उनका ध्यान हमेशा रहा। मंजूर का परिवार काफी लंबा हैष वह अपने 12 भाइयों-बहनों में सबसे बड़े हैं। घर की कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से मंजूर को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। क्रिकेट न छोड़ना पड़े इसलिए उन्होंने रात में गार्ड का काम करना शुरू किया। वे रात में गार्ड की नौकरी करते और दिन में क्रिकेट खेलते। क्रिकेट की प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें हर रोज दस किलोमीटर का सफर कर शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम जाना पड़ता था।
अपनी मेहनत और लगन के बूते मंजूर को बीते साल 2017 में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट टीम में विजय हजारे ट्रॉफी के लिए चुन लिया गया। अपनी धुआंधार बैटिंग के लिए प्रसिद्ध मंजूर ने घरेलू क्रिकेट में काफी नाम कमाया। इसके लिए उन्हें पांडव नाम दे दिया गया। 9 टी-ट्वेंटी मैचों में मंजूर का औसत 30.83 रहा है। उनका स्ट्राइक रेट 146 रहा है जो काफी अच्छा माना जा सकता है। मंजूर मीडियम पेस से बॉलिंग भी करते हैं। वह मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करने के लिए आते हैं और विपक्षी टीम के लिए कभी भी घातक सिद्ध हो सकते हैं।
कश्मीर अक्सर अशांति के माहौल में पत्थर बाजी और हमलों के लिए सुर्खियों में रहता है। लेकिन मंजूर जैसे खिलाड़ी कश्मीर का नाम रोशन कर रहे हैं और वहां के युवाओं को सीख भी दे रहे हैं कि शांति और समृद्धि के लिए हाथ में पत्थर नहीं बैट और बॉल पकड़ना होगा। कश्मीर की घाटियों में संघर्ष करने वाला यह खिलाड़ी अब क्रिस गेल, एरोन फिंच, युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा है। हालांकि अभी तक के मैचों में मंजूर को खेलने का मौका नहीं मिला है। लेकिन उन्हें कई बार नेट पर प्रैक्टिस करते हुए देखा गया है। उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले मैचों में उन्हें खेलने का मौका जरूर मिलेगा।
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