एसबीआई में पांच एसोसिएट बैंक, भारतीय महिला बैंक का विलय अगले वित्त वर्ष में!
पहले यह कहा गया था कि विलय प्रक्रिया मार्च 2017 तक पूरी हो जाएगी।
भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरूंधत्ती भट्टाचार्य ने संकेत दिया है, कि उनके पांच एसोसिएट बैंक तथा भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का विलय अगले वित्त वर्ष खिसक सकता है क्योंकि उन्हें अभी भी इस संबंध में सरकार की अधिसूचना का इंतजार है।
यह पूछे जाने पर, कि क्या नोटबंदी के कारण विलय में विलम्ब हो सकता है? अरूंधत्ती ने जवाब दिया, ‘संभवत: एक तिमाही या उसके आसपास विलय में देरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि हमें अभी सरकार से मंजूरी नहीं मिली है और अगर हमें अभी मंजूरी मिलती भी है तो भी अंतिम तिमाही में विलय बहुत बुद्धिमानी भरा नहीं होगा, क्योंकि आईटी प्रणाली में काफी कुछ बदलाव की जरूरत होगी।’
प्रस्तावित विलय से एसबीआई एक वैश्विक आकार का बैंक बन जाएगा और दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल होगा। उसके पास 22,500 शाखाएं, 58,000 एटीएम तथा 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ 37,000 अरब रुपये या 555 अरब डालर से अधिक की संपत्ति होगी।
अरूंधत्ती ने कहा, कि सामान्य तौर पर बैंक आईटी प्रणाली में बदलाव मध्य फरवरी तक बंद कर देता है। कभी-कभी आईटी प्रणाली बिल्कुल अनभिज्ञ चीजों पर प्रभाव डाल सकती है। इसीलिए हम वार्षिक खाताबंदी के वक्त कोई जोखिम नहीं लेते और वार्षिक खाताबंदी के बाद हम उस पर गौर भी करना चाहेंगे।
यह पूछे जाने पर, कि विलय प्रक्रिया पूरी होने के लिये उनके पास कोई नया समय है? इस पर अरूंधती ने कहा, ‘फिलहाल नहीं। पहले सरकार से मंजूरी मिलने दीजिए, उसके बाद ही हमें पता चलेगा।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार को विलय योजना को अधिसूचित करना है। पहले यह कहा गया था कि विलय प्रक्रिया मार्च 2017 तक पूरी हो जाएगी।
एसबीआई के तीन सूचीबद्ध एसोसिएट बैंक, स्टेट बैंक अॉफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक अॉफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक अॉफ त्रावणकोर तथा दो गैर-सूचीबद्ध बैंक स्टेट बैंक अॉफ पटियाला तथा स्टेट बैंक अॉफ हैदराबाद हैं।