भारत में 2021 के दौरान R&D सेक्टर में आई 343.64 मिलियन डॉलर की FDI इक्विटी, 2020 से 516% अधिक
रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (R&D) में टॉप FDI इक्विटी हासिल करने वाले राज्यों में कर्नाटक अव्वल, दूसरे व तीसरे नंबर पर तेलंगाना और हरियाणा. सिंगापुर करता है R&D में सबसे ज्यादा FDI इक्विटी का 40 फीसदी निवेश, अगले पायदान पर जर्मनी और अमेरिका हैं.
भारत ने रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (R&D) सेक्टर में कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान 343.64 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign direct investment - FDI) इक्विटी फ्लो हासिल किया. यह पिछले कैलेंडर वर्ष 2020 (55.77 मिलियन डॉलर) की तुलना में 516 फीसदी अधिक है. R&D सेक्टर में 100 फीसदी स्वचालित मार्ग के तहत लागू कानूनों/विनियमनों, सुरक्षा और अन्य शर्तों के अधीन FDI की अनुमति है.
कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान R&D में FDI इक्विटी प्राप्त करने वाले राज्यों में कर्नाटक है. इसके बाद तेलंगाना और हरियाणा का स्थान है. कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान जिन राज्यों ने कैलेंडर वर्ष की तुलना में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हासिल की, वे हैं — तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु.
कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान R&D सेक्टर में सिंगापुर शीर्ष निवेश करने वाला देश है, जिसकी R&D में कुल FDI इक्विटी की 40 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद जर्मनी (35 फीसदी) और अमेरिका (11 फीसदी) का स्थान है. इसके अलावा, जर्मनी, मॉरीशस, फ्रांस, सिंगापुर, ओमान और अमेरिका जैसे कई देशों से FDI इक्विटी इन्फ्लो में पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई.
डेमलर ट्रक इनोवेशन सेंटर कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान R&D मे कुल FDI इक्विटी की 35 फीसदी हिस्सेदारी के साथ R&D में शीर्ष FDI इक्विटी फ्लो हासिल करने वाली कंपनी थी. इसके बाद अगले पायदान पर अराजेन लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (34 फीसदी) और स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड (21 फीसदी) हैं.
ये रुझान एक मजबूत और प्रगतिशील R&D सेक्टर का संकेत देते हैं जो इनोवेशन को प्रोत्साहन देकर और प्रोडक्टिविटी बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाएगा, जिससे उच्च आर्थिक विकास होगा.
अनुसंधान और विकास (R&D) ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो उच्च आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक स्थायी पूंजी का संचार करता है और अन्य लाभों के साथ टेक्नोलॉजी हस्तांतरण, रणनीतिक क्षेत्रों के विकास, अत्यधिक इनोवेशन, प्रतिस्पर्धा और रोजगार सृजन में योगदान देता है. तेजी से बढ़ती आर्थिक संवृद्धि और विकास के लिए घरेलू पूंजी, टेक्नोलॉजी और कौशल के पूरक के लिए R&D गहन FDI आकर्षित करने व इसे प्रोत्साहन देने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है.