फीफा के इतिहास में पहली बार मैदान में होंगी तीन महिला रेफरी
गुरुवार को फीफा ने 36 रेफरीज के नामों की घोषणा की, जिसमें से तीन रेफरी महिलाएं हैं.
फीफा वर्ल्ड कप यूं तो हर बार ही सुर्खियों में रहता है, लेकिन फीफा खुद फीफा के इतिहास में पहली बार बहुत सारे नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है. यह पहली बार हुआ है कि फुटबॉल से जुड़ा दुनिया का यह सबसे बड़ा आयोजन मिडिल ईस्ट के किसी देश में आयोजित हुआ है.
लेकिन इस बार जो सबसे कमाल की चीज हुई है और जो फीफा के इतिहास में पहली बार है, वो है पुरुषों के फुटबॉल मैच में महिला रेफरी का होना. यह पहली बार होगा कि खेल के मैदान में फुटबॉल घुमा रहे पुरुष खिलाडि़यों की रेफरी साथ में दौड़ती मुंह में सीटी दबाए महिलाएं होगी.
गुरुवार को फीफा ने 36 रेफरीज के नामों की घोषणा की, जिसमें से तीन रेफरी महिलाएं हैं. टूर्नामेंट वाले दिन के लिए तीन असिस्टेंट महिला रेफरी भी शामिल की गई हैं. इस बार फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन कतर में हो रहा है, जो 21 नवंबर से शुरू हुआ और अब 18 दिसंबर तक चलेगा.
महिला रेफरियों में सबसे जाना-माना नाम फ्रांस की स्टेफनी फ्रेपार्ट का है. स्टेफनी चैंपियंस लीग में रेफरी बनने वाली पहली महिला थीं. स्टेफनी के अलावा जिन दो महिलाओं का नाम रेफरी की सूची में शामिल किया गया है, वो हैं जापान की योशिमी यामाशिता और रवांडा की सलीमा मुकानसंगा. इसके अलावा मैक्सिको की डेज मेडिना, अमेरिका की कैथरीन नेसबिट और ब्राजील की नेउजा बेक असिस्टेंट रेफरी होंगी.
14 दिसंबर, 1983 को फ्रांस में जन्मी 38 वर्षीय स्टेफनी फ्रेपार्ट फ्रांस में फुटबॉल की दुनिया में एक जाना-माना नाम है. वह 2009 से फीफा इंटरनेशनल रेफरीज की सूची में शामिल हैं और अब तक बहुत सारे हाई प्रोफाइल इंटरनेशनल मैचेज में रेफरी की भूमिका निभा चुकी हैं. उन्होंने 2019 में फ्रेंच लीग वन मेन्स फुटबॉल मैच में रेफरी की भूमिका निभाई थी और इस तरह वह यूरोपीय मेन्स फुटबॉल मैच और लीग 1 में रेफरी की भूमिका निभाने वाली दुनिया की पहली महिला हैं.
योशिमी यामाशिता 20 फरवरी, 1986 को टोक्यो में जन्मी जापान की 36 वर्षीय इंटरनेशनल फुटबॉल रेफरी हैं. वह 2019 में फ्रांस में हुए फीफा वुमेन्स वर्ल्ड कप का हिस्सा थीं. इसके अलावा वह 2020 समर ओलिंपिक्स में अमेरिका और स्वीडन के बीच हुए मैच में रेफरी थीं.
Edited by Manisha Pandey