इस बार बजट से फिनटेक सेक्टर को है ख़ासा उम्मीद, विदेशी निवेशकों के लिए भी खास हो सकता है बजट
आगामी बजट में फिनटेक सेक्टर भी सरकार से ख़ासी उम्मीदें लगाए बैठा है। पारंपरिक बैंकिंग व्यवस्था के सामने लोगों का भरोसा जीतना फिनटेक सेक्टर के लिए फिलहाल बड़ी चुनौती है।
देश का बजट बस कुछ दिनों दूर है और ऐसे में देश के फिनटेक सेक्टर को भी बजट से ख़ासी उम्मीद है। डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा में फिनटेक सेक्टर एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। एक तरफ जब सरकार डिजिटल इकॉनमी को लगातार बढ़ावा दे रही है, ऐसे में बजट पर इस सेक्टर की निगाहें टिकी हुई हैं।
देश में फिनटेक सेक्टर बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और निवेशकों का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, ऐसा क्यों है? इकनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए क्रेड के संस्थापक और सीईओ कुनाल शाह ने बताया कि देश में वित्तीय सेवाएँ 50 प्रतिशत पब्लिक कैपिटलाइजेशन और 50 प्रतिशत प्रॉफ़िट पूल पर टिकी हुई हैं और यही बात निवेशकों को आकर्षित करती है। हालांकि फिनटेक स्टार्टअप के लिए यह सब इतना आसान भी नहीं है।
शाह के अनुसार देश में लंबे समय तक पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम का बोलबाला रहा है, ऐसे में लोगों का फिनटेक क्षेत्र के नए खिलाड़ी अभी ग्राहकों का उतना भरोसा नहीं जीत पाये हैं। इसी के साथ उन्हे नियामकों से भी इस सेक्टर को नियमों में ढील देने की आशा है।
देश में क्रेडिट व्यवस्था अभी भी उतनी सक्षम नहीं है। क्रेडिट कार्ड काफी सीमित लोगों तक ही पहुँच पाया है। इसी के साथ लोगों के बीच अभी सामान्य निवेश को लेकर भी जागरूकता की कमी है, जिसके चलते वित्तीय क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका है।
कुनाल के अनुसार कर नियमों में अधिक सहूलियत होने चलते विदेशी निवेशकों को भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश लिए आकर्षित करना आसान हो जाएगा।
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से देश की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद वित्तमंत्री द्वारा पेश किए जाने वाला यह बजट कई मायनों में खास है। इसके पहले प्रधानमंत्री भी अर्थशास्त्र के विद्वानों के साथ भी बैठक कर चुके हैं। बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से होनी है और इस सत्रह का समापन 11 फरवरी को होगा, इसी बीच 1 जनवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने बजट पेश करेंगी।