Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

अब शेयरों पर भी ले सकते हैं 5 करोड़ तक का लोन, Tata Capital लेकर आया है ये खास फीचर

Tata Capital ने डिजिटल 'शेयरों पर लोन' देने वाली सेवाएं शुरू कर दी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये 'शेयरों पर लोन' आखिर होता क्या है? और ये लोन लेने के लिए कैसे अप्लाई करें?

अब शेयरों पर भी ले सकते हैं 5 करोड़ तक का लोन, Tata Capital लेकर आया है ये खास फीचर

Tuesday May 24, 2022 , 4 min Read

Tata Group की फाइनेंंस संबंधी सेवाएं देने वाली कंपनी Tata Capital Ltd ने 'शेयरों पर लोन' (Loan Against Shares - LAS) देने वाली सुविधा को लॉन्च कर दिया है. टाटा कैपिटल उन चुनिंदा कंपनियों और बैंकों में से एक है जो पूरी तरह से डिजिटल शेयरों पर लोन दे रही हैं. इस सुविधा के जरिए कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों को एक आसान और सहज अनुभव प्रदान करना है.

ग्राहक केवल अपने डीमैटरियलाइज्ड शेयरों को ऑनलाइन गिरवी रखकर 5 करोड़ रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं, जिसकी सुविधा NSDL (National Securities Depository Limited) द्वारा दी गई है. संबंधित डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट द्वारा जरुरी अप्रुवल के बाद पूरी प्रक्रिया उसी दिन पूरी हो जाती है. ग्राहक केवल कागज रहित, तेज और सरल उपयोगकर्ता अनुभव के लिए टाटा कैपिटल की वेबसाइट पर जाकर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. ग्राहक के पोर्टफोलियो में शेयरों के मूल्य के आधार पर लोन की राशि को कस्टमाइज किया जाता है.

टाटा कैपिटल की डिजिटल 'शेयरों पर लोन' सुविधा के मुख्य लाभ हैं:

  • पेपरलेस प्रोसेस - लोन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करने से लेकर लोन अकाउंट क्रिएट करने तक, पूरी प्रक्रिया पेपरलेस है.
  • NSDL के जरिए ऑनलाइन KYC और शेयरों को गिरवी रखना.
  • E-Nach सुविधा/सर्विस के साथ लोन के डॉक्यूमेट्स पर इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर
  • डिस्बर्समेंट, रिपेमेंट, अतिरिक्त शेयर गिरवी रखने आदि के लिए तैयार किया गया ऑनलाइन पोर्टल उपयोग में आसान है.

यहां ध्यान देने वाली बात है कि E-Nach — एक ऐसी पेमेंट सर्विस है, जिसके जरिए आप अपने बैंक अकाउंट से आसानी से अपने लोन की किस्तों का भुगतान कर सकते हैं. यह सुविधा पेपरलेस है, जिसका सीधा-सीधा मतलब है कागज़ी कार्रवाई से छुटकारा. E-NACH का मतलब है इलेक्ट्रॉनिक नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (Electronic National Automated Clearing House)

E-Nach के जरिए आपको बस अपनी नेट बैंकिंग डिटेल या डेबिट कार्ड के साथ मैंडेट के रजिस्ट्रेशन के लिए एक बार का प्रमाणीकरण (authentication) पूरा करना होगा. इसके बाद बाकी बचे सभी पेमेंट्स में आपके हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी.

Abonty Banerjee, Chief Digital Officer, Tata Capital

Tata Capital की चीफ़ डिजिटल ऑफिसर, एबंटी बनर्जी

LAS को लॉन्च करते हुए टाटा कैपिटल की चीफ़ डिजिटल ऑफिसर, एबंटी बनर्जी ने कहा, "डिजिटल 'शेयरों पर लोन' हमारे ग्राहकों को उनकी वित्तीय जरुरतों को पूरा करने में सक्षम बनाने के हमारा प्रयास है. यह बेहद सरल और सुविधाजनक है. इसके अलावा, इस सुविधा को कस्टमाइज किया जा सकता है और ग्राहकों के पास पैसा तैजी से पहुंच सकता है. हमें विश्वास है कि यह सुविधा हमारे ग्राहकों को अत्यधिक लाभान्वित करेगी, क्योंकि हम अपने डिजिटल प्रोडक्ट्स के सूट में इस तरह के और अलग-अलग प्रोडक्ट्स को जोड़ना जारी रखेंगे."

Tata Capital की डिजिटल 'शेयरों पर लोन' सुविधा के जरिए लोन लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एक ऑनलाइन फॉर्म में अपनी बेसिक डिटेल्स दर्ज करनी होगी.

आपको बता दें कि इससे पहले टाटा कैपिटल ने हाल ही में 'म्यूचुअल फंड्स पर लोन' देने की सुविधा भी लॉन्च की थी, जिसे ग्राहकों से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.

क्या है 'शेयर पर लोन' के मायने?

आप अपना पैसा बढ़ाने के लिए निवेश करते हैं. लेकिन क्या होगा अगर आपको अचानक से पैसों की जरुरत पड़ जाए, जबकि पैसा तो आपने शेयरों या म्यूचुअल फंड में निवेश कर रखा है. अगर उन्हें बेचकर, आप पैसे जुटाने की सोचेंगे, तो ये घाटे वाला सौदा होगा. ऐसे में थोड़े समय के लिए पैसों की जरूरतों को पूरा करने के लिए, शेयरों (सिक्योरिटीज) पर लोन लेना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. क्योंकि आपको जल्दबाजी में अपने स्टॉक को बेचने की जरूरत नहीं होती. इसके अलावा, जिस ब्याज दर पर आपको शेयरों पर लोन मिलता है, वह पर्सनल लोन की तुलना में कम है.

सिक्योरिटीज पर लोन, ठीक उसी तरह है जैसे आप ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाते हैं. यह आपको उन सिक्योरिटीज पर लोन दिलाने में मदद करता है, जिन्हें आप कुछ समय के लिए गिरवी रख सकते हैं. आपके द्वारा दी गई ओवरड्राफ्ट लिमिट की वैल्यू आपके द्वारा गिरवी रखे गए इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और इंश्योरेंस जैसी सिक्योरिटीज के आधार पर तय किया जाता है.

अपनी सिक्योरिटीज को गिरवी रखने का लाभ यह है कि आप उस समय आसानी से नकदी प्राप्त करने में सक्षम होते हैं जब आपको इसकी सबसे अधिक जरुरत होती है. दूसरी बात यह है कि आप एक शेयरहोल्डर के रूप में लाभों से रहित नहीं होंगे. इसका मतलब यह है कि आप लाभांश (dividends) और बोनस प्राप्त करने के अपने अधिकारों का आनंद ले सकते हैं, साथ ही उन शेयरों में कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ उठा सकते हैं जिनके लिए आपने बैंक से लोन लिया है.

वर्तमान में भारत में SBI Bank, Bajaj Finserv, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, ICICI Direct, Federal Bank आदि इस तरह की समान सुविधा दे रहे हैं.