उत्तराखंड के मुनस्यारी में देश का पहला ‘कवक उद्यान’ विकसित किया गया
देहरादून, उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के नयनाभिराम पर्वतीय इलाके मुनस्यारी में राज्य के वन विभाग के अनुसंधान प्रकोष्ठ ने देश का पहला ‘कवक उद्यान’ विकसित किया है।

फोटो साभार: metro vaartha
कवक (लाइकेन) एक प्रकार की वनस्पति है। यह पेड़ों के तनों, दीवारों, चट्टानों और मिट्टी पर पनपता है ।
मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान प्रकोष्ठ) संजीव चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में इस उद्यान को विकसित किया गया है।
चतुर्वेदी ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि बर्फ से ढंकी चोटियों से घिरे मुनस्यारी को उद्यान विकसित करने के लिये इसलिये चुना गया क्योंकि इसे कवक के पनपने के लिये अनुकूल माना जाता है। कवक को स्थानीय भाषा में 'झूला' या 'पत्थर के फूल' भी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि लगभग दो एकड़ भूमि पर फैले इस उद्यान में कवक की 80 से अधिक प्रजातियां हैं। इन्हें मशहूर हैदराबादी बिरयानी में भी डाला जाता है। यह पकवान को स्वादिष्ट बनाता है और इससे सुगंध भी आती है।
उद्यान का शनिवार को उद्घाटन कर इसे आम लोगों के लिये खोल दिया गया है।
दुनिया भर में कवक की 20,000 से ज्यादा प्रजाति पायी जाती है। भारत में कवक की 2714 प्रजाति है। उत्तराखंड में इसकी करीब 600 प्रजाति है, जो कि मुनस्यारी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, रामनगर, और नैनीताल में पायी जाती है।
Edited by रविकांत पारीक