फ्लिपकार्ट ने पश्चिम बंगाल में स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों की ऐसे बदली किस्मत
फ्लिपकार्ट समर्थ एक देशव्यापी पहल है, जिसने पारदर्शी एवं किफायती तरीके से 17.6 लाख से ज्यादा कुशल कारीगरों को फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना कारोबार शुरू करने में मदद की है. इस प्रोग्राम को 2019 में लॉन्च किया गया था.
ई-कॉमर्स के तेजी से बदलते परिदृश्य में फ्लिपकार्ट (
) एक अग्रणी कंपनी बनकर सामने आई है, जो स्थानीय उत्पादों की समृद्ध विरासत को राष्ट्रव्यापी बाजार से जोड़कर पूर्वी भारत के विकास में सक्रियता से योगदान दे रही है. क्षेत्र की विविधतापूर्ण संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों को लेकर गहरी समझ के साथ फ्लिपकार्ट ने न केवल प्रेफर्ड ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि स्थानीय सेलर्स एवं क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है.फ्लिपकार्ट के विविधतापूर्ण कस्टमर बेस एवं व्यापक पहुंच का लाभ लेते हुए पूर्वी भारत के सेलर्स के लिए कंपनी ने बहुमूल्य अवसर सृजित किए हैं, जिससे उन्हें अपने विशिष्ट उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का मौका मिल रहा है. ऐसे ही कुछ सेलर्स की कहानी यह दिखाती है कि फ्लिपकार्ट ने न सिर्फ स्थानीय कारीगरों के शिल्प को सम्मान दिया है, बल्कि देशभर के उपभोक्ताओं को पूर्वी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परंपरा को अनुभव करने का मौका भी प्रदान किया है.
आइए, बिट्टू दत्ता जैसे फ्लिपकार्ट सेलर की कहानी को गहराई से जानते है, जिन्होंने दत्ता साड़ी घर से अपने सफर को आगे बढ़ाया है. यह साड़ी घर नादिया की सांस्कृतिक समृद्धि के प्रति एक श्रद्धांजलि है. वह फ्लिपकार्ट समर्थ के साथ मिलकर इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ा रहे हैं. इसी तरह, कोमल प्रसाद पॉल ने जीवन की एक बड़ी दुर्घटना से उबरते हुए अल्टीमेट हाईजीन के साथ अपनी सफलता की कहानी स्वयं रची है. फ्लिपकार्ट समर्थ के साथ मिलकर उन्होंने पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. यह समृद्धि की राह पर दृढ़ता की झलक दिखाता है.
बंगाली संस्कृति में नादिया जिले का महत्वपूर्ण स्थान है. कहा जाता है कि यहीं पर आज बोली जाने वाली बंगाली भाषा ने अपना वाक्यविन्यास विकसित किया था. नादिया की जीवंत विरासत का एक और उदाहरण यहां साड़ी बुनाई की समृद्ध संस्कृति है. हथकरघा एवं पावरलूम से सूती साड़ियां बनाने के विशेषज्ञ और नादिया में जन्मे व पले-बढ़े बिट्टू दत्ता के लिए साड़ियां न केवल अतीत के प्रति उनकी एक श्रद्धांजलि हैं, बल्कि उनके भविष्य के लिए भी एक महत्वाकांक्षी कदम हैं. 2013 में जब उन्होंने अपने पिता के इस व्यवसाय को संभाला था, उस समय दत्ता साड़ी घर एक छोटे से मकान से संचालित होता था.
अपने शुरुआती स्कूली दिनों से ही बिट्टू दत्ता के मन में यह भरोसा था कि उद्यमिता में कदम रखकर ही व्यक्तिगत आजादी जीने का मौका मिल सकता है. उनके मन में हमेशा यह सपना पलता था. वर्तमान समय में दत्ता साड़ी घर नादिया की समृद्ध विरासत का प्रतीक है, जहां विभिन्न एथनिक वियर आइटम्स के साथ-साथ हाथों से बुनी हुई सूती एवं सिल्क की साड़ियां तैयार होती हैं. दत्ता साड़ी घर इस समय देशभर के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर रहा है. यहां स्थानीय समुदायों में से सावधानी से चुने गए 25 बुनकरों की टीम काम करती है. बिट्टू ने अपने अनुभव के आधार पर उन सभी बुनकरों को गुणवत्ता के मानकों को बेहतर करने के लिए प्रशिक्षित किया है, जिससे देशभर के ग्राहकों से उनकी साड़ियों को प्रशंसा मिली है.
उन्होंने कुछ संकोच के साथ अपने कारोबार को ऑनलाइन करने के लिए फ्लिपकार्ट समर्थ से हाथ मिलाया था. फ्लिपकार्ट समर्थ ने उनके विकास एवं प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ने में उनकी मदद की तथा उन्हें 300 हाई-परफॉर्मिंग लिस्टिंग में पहुंचाया. बिट्टू मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'फ्लिपकार्ट की वजह से ई-कॉमर्स में मेरा सफर बहुत सुगम रहा है.' इस प्रक्रिया में बिट्टू स्थानीय समुदाय के लिए उम्मीद एवं आशा की किरण बनकर सामने आए हैं. कारीगरों, बुनकरों एवं कई अन्य लोगों ने, जिन्होंने उनकी सफलता को संभव किया है, उनके लिए बिट्टू इस बात का प्रमाण हैं कि अवसर आपके निकट ही होता है.
दिसंबर, 2017 में कोलकाता के उपनगर बारासात में एक ट्रक की टक्कर से 33 वर्षीय मेडिकल रिप्रजेंटेटिव कोमल प्रसाद पॉल गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दुर्घटना के कुछ ही समय के भीतर उन्हें आईसीयू में भर्ती करा दिया गया था, लेकिन तब तक शरीर को बड़ा नुकसान हो चुका था, उनका दाहिना हाथ काटना पड़ा था. इस दुघर्टना ने कोमल प्रसाद के समक्ष एक प्रश्न खड़ा कर दिया था कि इस शारीरिक अक्षमता के साथ वह अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे. अस्पताल में महीनों भर्ती रहने के उस कठिन दौर में पेंटिंग एवं स्केचिंग ने उनके मन को सुकून तो दिया, लेकिन परिवार के लिए कमाने की चिंता उनके कंधे पर किसी बोझ की तरह थी. इसलिए अपनी अक्षमता से प्रभावित हुए बिना कोमल प्रसाद डिस्चार्ज के बाद काम पर वापस पहुंच गए थे. लेकिन अब स्थिति पहले जैसी नहीं रह गई थी. माइक्रोबायोलॉजी से स्नातक करने वाले कोमल प्रसाद, जो कभी अपने काम में पारंगत थे, उन्होंने अनुभव किया कि अब वह नौकरी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं. इसलिए उन्होंने अपने अभिभावकों एवं अपनी बहन के पालन-पोषण के लिए कमाई के नए तरीकों पर विचार करना प्रारंभ कर दिया. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पूरा परिवार टूट गया था.
परिस्थिति को देखते हुए कोमल ने उद्यमिता का रास्ता अपनाया. उन्होंने अपने संपर्कों का प्रयोग किया और मां एवं बच्चों से जुड़े उत्पाद जैसे नेब्युलाइजर एवं ब्रेस्ट पंप आदि की बिक्री प्रारंभ कर दी. शुरुआत धीमी थी, लेकिन इससे प्रभावित हुए बिना कोमल की निगाह केवल सफलता पर टिकी हुई थी. व्यापक रेफरेंस एवं रिसर्च के बाद मई, 2019 में कोमल फ्लिपकार्ट सेलर हब पर रजिस्टर हो गए. कुछ ही दिनों में फ्लिपकार्ट की टीम से आए सदस्यों ने उन्हें प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया और सारी कागजी कार्यवाही पूरी कर दी. यहां से उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई.
फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम के अंतर्गत कोमल पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की बिक्री करते हैं. इस प्लेटफॉर्म ने भारत के हाशिए पर जी रहे उद्यमियों एवं कारीगरों के लिए ई-कॉमर्स में अवसरों को विस्तार दिया है. फ्लिपकार्ट से बतौर सेलर जुड़ने के बाद उन्होंने पहले एक प्रोडक्ट बेचा था. आज बिक्री प्रतिदिन 50 से ज्यादा पर पहुंच गई है. कोमल के समर्पण और उनकी दृढ़ता ने बिक्री में 100 प्रतिशत से ज्यादा की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करने में उनकी सहायता की है. आज वह पैकेजिंग में मदद के लिए एक अन्य व्यक्ति को रोजगार देने में भी सक्षम हुए हैं. कोमल को यह प्रेरणा अपने माता-पिता तथा ईश्वर पर विश्वास से मिली है. उन्हें श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने से ताकत का अनुभव होता है. वह मानते हैं कि इससे उन्हें चुनौतियों से बाहर निकलने की शक्ति मिलती है. कोमल को विश्वास है कि फ्लिपकार्ट के साथ वह सफलता के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं.
फ्लिपकार्ट समर्थ एक देशव्यापी पहल है, जिसने पारदर्शी एवं किफायती तरीके से 17.6 लाख से ज्यादा कुशल कारीगरों को फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना कारोबार शुरू करने में मदद की है. इस प्रोग्राम को 2019 में लॉन्च किया गया था. इसे एक सस्टेनेबल एवं इनक्लूसिव प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार किया गया है, जो स्थानीय समुदायों एवं कारोबारियों को विकास एवं बेहतर आजीविका के अवसर देते हुए उन्हें सशक्त करता है. फ्लिपकार्ट समर्थ वर्तमान समय में देशभर के दस लाख से ज्यादा कारीगरों, बुनकरों एवं शिल्पकारों को समर्थन प्रदान कर रहा है और ऐसे और भी सेलर्स को प्लेटफॉर्म से जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है.