11 वर्षों में पहली बार, घरेलू पेटेंट दायर करने की संख्या अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग की संख्या से अधिक हुई
पिछले सात वर्षों में पेटेंट दायर किए जाने की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक बढोतरी हुई। वित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में पैंटेंट प्रदान किए जाने की संख्या में लगभग पांच गुनी बढोतरी हुई।
भारत ने आईपी इनोवेशन इकोसिस्टम के संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित कर ली है जिसमें 11 वर्षों में पहली बार, जनवरी-मार्च 2022 के दौरान घरेलू पेटेंट दायर किए जाने की संख्या भारत में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग की संख्या से अधिक हो गई, अर्थात दायर किए गए कुल 19796 पेटेंट आवेदनों में से भारतीय आवेदकों द्वारा 10706 पेटेंट आवेदन दायर किए गए जबकि गैर भारतीयों ने 9090 आवेदन दायर किए। इसका निम्नानुसार प्रतिनिधित्व किया गया है:
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में IPR व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देने और अनुपालन बोझ में कमी लाने के जरिये DPIIT द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों की सराहना की।
DPIIT तथा IP कार्यालय के समन्वित प्रयासों के कारण समाज के सभी वर्गों के बीच IP जागरूकता में बढ़ोतरी हुई है। इन प्रयासों के कारण जहां एक तरफ IPR दायर करने की संख्या में वृद्धि हुई है तो वहीं दूसरी तरफ IP कार्यालयों में पेटेंट आवेदन की विचाराधीन अवधि में कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह भारत को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के एक कदम और निकट ले जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा की गई कुछ प्रमुख पहलों ने भारत की IP व्यवस्था को मजबूत बनाया है जिसमें ऑनलाइन फाइलिंग पर 10 प्रतिशत की छूट, स्टार्टअप्स, छोटी संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80 प्रतिशत शुल्क रियायत तथा अन्य वर्गों के साथ साथ स्टार्टअप्स, और MSME के लिए त्वरित परीक्षा के प्रावधान शामिल हैं।
नेशनल IPR पॉलिसी द्वारा निर्धारित आधारशिला तथा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की बदौलत भारत ने निम्नलिखित उपलब्धियां अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है:
- पेटेंट दायर करने की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 42763 से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 66440 तक पहुंच गई जो सात वर्षों की अवधि में 50 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है।
- वित्त वर्ष 2014-15 (5978) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 (30,074) में पेटेंट प्रदान किए जाने की संख्या में लगभग पांच गुनी बढोतरी हुई
- विभिन्न टेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए पेटेंट की जांच के समय में कमी जिसमें 2016 के दौरान 72 महीनों का समय लगता था जबकि अब 5 से 23 महीनों तक का समय लगता है।
- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग वित्त वर्ष 2015-16 के 81वें स्थान की तुलना में बेहतर होकर 2021 के दौरान 46वें स्थान पर आ गई (35 स्थान ऊपर)।
Edited by Ranjana Tripathi