10 लाख रुपये के निवेश से लेकर 20 करोड़ के फंड तक: कुछ ऐसी है अभिषेक अग्रवाल और रॉकस्टड कैपिटल की कहानी
ये 2014 की बात है। तब 29 वर्षीय अभिषेक अग्रवाल फॉर्च्यून इंटरफाइनेंस नामक एक रिसर्च फर्म चलाते थे। आठ साल से स्टॉक और मार्केट को बतौर रिसर्च एनालिस्ट ट्रैक कर अभिषेक ने सोचा कि अब आगे क्या किया जाए। पैसा भी अच्छा था। लेकिन अभिषेक को लगा कि वे चीजें बदल नहीं पा रहे हैं। अभिषेक कहते हैं, "मैं एक शेयर बाजार विशेषज्ञ (stock market expert) के रूप में बिजनेस मीडिया चैनलों पर रोज बैठता था। जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि मीडिया एक्सपोजर मेरा फोकस उस चीज से हटा रहा है जो मैं आगे कर सकता हूं। ये मेरा उस चीज से ध्यान हटा रहा है कि मैं और क्या हो सकता हूं। यह मेरे बिजनेस को बढ़ने में मदद भी नहीं कर रहा था।”
मुंबई से कॉमर्स में ग्रेजुएट करने के बाद, अभिषेक ने यूके में लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी से फाइनेंस की स्टडी की और 2007 में एक स्टॉक ब्रोकिंग फर्म में काम शुरू करने के लिए वापस भारत लौट आए। कुछ साल बाद उन्होंने अपनी खुद की रिसर्च फर्म शुरू की। अभिषेक ने शुरुआत फॉर्च्यून इंटरफाइनेंस से की, जोकि उनके परिवार के स्वामित्व में थी और एक रिसर्च फर्म के रूप में उनके पास ब्रोकिंग लाइसेंस भी था। शेयर बाजार में निवेश करने के तीन साल बाद, 2014 में, उन्होंने अपने पिता के पैसे को तीन गुना कर दिया और ठान लिया कि अब निवेश में हाथ आजमाने का समय आ गया है।
स्टार्टअप में निवेश
अभिषेक के निवेश का सपना तब शुरू हुआ जब उन्होंने 2014 में स्टार्टअप के बारे में पढ़ना शुरू किया और फ्लिपकार्ट और स्नैपडील का उदय देखा। उन्होंने पाया कि स्टार्टअप में निवेश करना सच में बहुत ही बड़ा फायदा पहुंचा सकता है। उनके दिमाग में था कि वह किसी भी आइडिया या उद्यमी पर दांव लगा सकते हैं। इसके बाद अभिषेक ने निवेश करने के लिए अपने पिता से 2 करोड़ रुपये उधार लिए।
अगल कदम उठाते हुए अभिषेक इंडियन एंजल नेटवर्क (Indian Angel Network) गए और नेटवर्क में शामिल होने की मांग की। वे कहते हैं, “ज्यादातर वीसी (वेंचर कैपिटल- Venture capital) वर्ल्ड कनेक्शन और नेटवर्क पर बना होता है। यहां मैं एक शेयर बाजार निवेशक था, जो एंजल नेटवर्क का सदस्य बनने के लिए कह रहा था। मेरी निवेश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें छह महीने का समय लगा।" इसके तुरंत बाद, अभिषेक ने अपने पैसे को इक्विटी में निवेश करना शुरू किया। क्वांच लाइब्रेरी सॉल्यूशंस (Kwench Library Solutions) में उनका पहला निवेश 10 लाख रुपये था; अभी भी कंपनी में उनका निवेश है। अन्य कंपनियों में Truckola, Insense, Loginext, Wellness Forever, 6Degrees, Wishberry, Growfitter और Insense शामिल हैं।
अब इनमें से हर कंपनी ग्रोथ स्टेज में है। हालांकि वैल्यूशन डिटेल्स का खुलासा नहीं किया गया क्योंकि वह इन कंपनी के कई निवेशकों में से एक हैं। 2017 तक, उन्होंने 24 स्टार्टअप्स में 3.25 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसमें 10 लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक का निवेश शामिल है। वह कहते हैं, “मेरे स्टार्टअप्स के पचास प्रतिशत ने ही मेरे रिटर्न में वृद्धि की है; बाकी तो चल ही रहा है। उनमें से एक को पेटीएम ने भी अधिग्रहित किया है और इसने मेरे रिटर्न में 10 गुना वृद्धि की है।” अभिषेक उस कंपनी के शेयरधारक बने हुए हैं, जो एक सहायक कंपनी के रूप में चलाई जाती है। हालांकि वे पेटीएम के शेयरधारक नहीं है।
धैर्य ही कुंजी है (Patience is key)
निवेश शुरू करने की अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए अभिषेक कहते हैं: "जब मैं निवेश करता हूं, तो मैं देखता हूं कि भारत में खपत कैसे बढ़ रही है। मेरा मानना है कि इक्विटी और बॉन्ड की तरह ही, कोई भी स्टार्टअप में निवेश कर सकता है क्योंकि जोखिम यहां भी है। स्टार्टअप के मामले में, आपको पैसे खोने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि बहुत सारी चीजें गलत हो सकती हैं। लेकिन जब यह काम करता है, तो आप बहुत अधिक पैसा कमा सकते हैं। मैं स्टॉक ब्रोकिंग और स्टार्टअप निवेश के बीच संतुलन में विश्वास करता हूं।” वह कहते हैं कि एंजेल नेटवर्क का हिस्सा होने के नाते, रिटर्न थोड़ा छोटा हो सकता है लेकिन बड़ा पैसा बनाने के लिए आपको धैर्य रखने की जरूरत है। "एक एंजेल निवेशक तभी सफल है जब आपका निवेश आपको 100 गुना रिटर्न देता हो।"
रॉकस्टड कैपिटल का जन्म (Rockstud Capital)
यह सच है कि अगर रिटर्न 100 गुना से ऊपर जाता है तो एंजेल्स इनवेस्टर बड़ा पैसा कमाते हैं। ओयो रूम्स में अनिरुद्ध दमानी के 50 लाख से भी कम के निवेश ने उन्हें 300 गुना रिटर्न दिया। इसी तरह, वेंक कृष्णन ने म्यूसिग्मा (MuSigma) में अपने निवेश पर 200 गुना रिटर्न हासिल किया। अभिषेक जो कर रहे हैं वह एक प्रकार का खेल है। 3One4 कैपिटल के अनुसार, भारत में 100 से अधिक-यूनिकॉर्न होंगे, जो कि 2025 तक वैल्यूएशन में एक बिलियन डॉलर वाली कंपनियां बन जाएंगे। इस लिहाज से स्टार्टअप में निवेश करना काफी अहम माना जा रहा है।
अभिषेक ने महसूस किया कि उनके फील्ड में अन्य प्लेयर्स की तुलना में अधिक सफलता हासिल करने के लिए, उन्हें अपने गेम को आगे बढ़ाने और फंड बनाने की जरूरत है। 2018 में, उन्होंने सेबी पंजीकृत एआईएफ श्रेणी 2 फंड बनने के लिए आवेदन किया; जिसके बाद उन्होंने सितंबर 2018 में एक पंजीकृत फंड स्थापित किया। यह फंड - रॉकस्टड कैपिटल - फंड साइज के 49 प्रतिशत को इक्विटी में निवेश की अनुमति देता है जबकि बाकी का गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश कर सकते हैं। जब अभिषेक ने अप्लाई किया था तब फंड साइज 25 मिलियन डॉलर था और वर्तमान में अभिषेक को 20 करोड़ रुपये की कमिटमेंट्स प्राप्त हुई हैं, जिनमें से कुछ फंड पहले ही निवेश किया जा चुका है। अभिषेक कहते हैं कि जब आप वीसी इंडस्ट्री में नए होते हैं तो यह कभी भी आसान नहीं होता है और "यह सब अपने आप से करना होता" है। वे कहते हैं, “कमिटमेंट मिलने से मुझे अच्छा लगा। मैं अभी भी मेरे साथ निवेश करने के लिए एचएनआई से मिल रहा हूं।”
भारतीय ग्रोथ पर नजरें
बाजार के आंकड़े बताते हैं कि अब निवेश केवल बढ़ेगा ही। केपीएमजी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक दशक पहले भारत में लगभग 7,000 स्टार्टअप थे; अब 50,000 हैं। केपीएमजी का कहना है कि एआई, एग्रीटेक, बायोटेक, हेल्थकेयर, आईओटी और फिनटेक जैसे क्षेत्रों को सबसे अधिक निवेश मिलेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों में 2025 तक स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। 34 साल के हो चुके अभिषेक, भारत में स्टार्टअप्स की ग्रोथ स्टोरी में भाग लेना जारी रखना चाहते हैं।
स्टार्टअप इंडिया की पहल में 14,565 से अधिक स्टार्टअप हैं, और अभिषेक जैसे निवेशकों के साथ कई और देश की वृद्धि में भाग ले सकते हैं। वे कहते हैं, "मैं सेक्टर-एग्नोस्टिक रहूंगा और अगले दो वर्षों में कई कंपनियों में निवेश करूंगा।" जब उनसे पूछा गया कि उनकी फर्म का नाम रॉकस्टड क्यों है, तो उन्होंने कहा कि रॉक "क्योंकि यह हार्ड और स्ट्रॉन्ग है" और "स्टड" क्योंकि उनका मानना है कि सभी चट्टानों को "निवेश करते समय उन्हें रखने के लिए स्टड की आवश्यकता होती है।"
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