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जितेंद्र गुप्ता, कुणाल शाह और बाकियों से फिनटेक स्टार्टअप 'कार्बन कार्ड' ने जुटाए 2 मिलियन डॉलर

जितेंद्र गुप्ता, कुणाल शाह और बाकियों से फिनटेक स्टार्टअप 'कार्बन कार्ड' ने जुटाए 2 मिलियन डॉलर

Wednesday March 11, 2020 , 3 min Read

बेंगलुरु और शंघाई बेस्ड फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप 'कार्बन कार्ड' ने 2 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है। फंडिंग के इस राउंड के जरिए स्टार्टअप ने भारत और चीन में फंडिंग जुटाई। फंडिंग में हिस्सा लेने वाले एजेंल्स (स्टार्टअप में पूंजी लगाने वाला विशेष व्यक्ति) में Cred के फाउंडर और सीईओ कुणाल शाह, Citrus Payments के कॉ-फाउंडर अमरीश राउ और Jupiter के कॉ-फाउंडर जितेंद्र गुप्ता शामिल रहे। 


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Karbon Card की टीम (फोटो क्रेडिट: Inc42)



फिनटेक स्टार्टअप ऐसे स्टार्टअप होते हैं जो वित्तीय सेवाओं को सरल बनाने के लिए नई-नई तकनीकी खोजते रहते हैं। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने उत्पादों के विकास, मार्केट बढ़ाने और ऑपरेशन्स के लिए किया जाएगा। साल 2019 के आखिर में कार्बनकार्ड की शुरुआत हुई। यह कंपनी कार्बन कार्ड जारी करने का काम करती है। यह कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है जो देश के नए स्टार्टअप्स को जारी किया जाता है। 


फंडिंग जुटाने के बारे में बात करते हुए कार्बन कार्ड के को-फाउंडर और सीईओ पेई-फू-शे ने एक बयान में कहा,

'एक स्टार्टअप खड़ा करना और अपने पैशन को फॉलो करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। स्टार्टअप की जर्नी के साथ-साथ कई फाउंडर्स इच्छा रखते हैं कि स्टार्टअप की महत्वकांक्षाओं के हिसाब से बैंक थोड़े अधिक सहायक हों। दुर्भाग्य से किसी भी कीमत पर अपने ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा वाली पॉलिसी के कारण बैंक स्टार्टअप्स के प्रति अपनी नीतियां कठोर और प्रतिकूल रखते हैं।'


वह आगे कहते हैं,

'कार्बन कार्ड एक ऐसा स्टार्टअप है जिसकी स्थापना का उद्देश्य सभी भारतीय स्टार्टअप्स को एक कार्बन कार्ड के जरिए सशक्त करना है।'


पेटर कहते हैं,

'हम क्रेडिट के जरिए आपके कैशफ्लो को बेहतर करने का प्रयास करेंगे और उत्पादों के पूरे सेट के जरिए आपको समझदारी से पैसे खर्च करने और पैसों के प्रबंधन में मदद करेंगे। आप केवल दुनिया बदलने पर ध्यान लगाएं और बाकी इन मुद्दों के लिए हम हैं ना!'


यह स्टार्टअप एक इंटरेस्ट फ्री कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड ऑफर करता है। इसके तहत हर स्टार्टअप के लिए खास रिवॉर्ड और खर्च प्रबंधन सॉफ्टवेयर मिलता है।


कार्बन कार्ड की शुरुआत से पहले पेई अमेरिका बेस्ड वेंचर कैपिटल फंड Kleiner Perkins और चीनी फंड 01वीसी के लिए काम करते थे। दोनों ही भारत में इन्वेस्टमेंट पर केंद्रित थे। उससे पहले वह McKinsey और रॉकेट इंटरनेट के साथ भी काम कर चुके हैं। 


कार्बन कार्ड के को-फाउंडर अमित जांगिड़ ने बताया, 'कार्बन कार्ड स्टार्टअप की यह यात्रा बाकी स्टार्टअप्स की तरह ही कई उतार-चढ़ावों भरी रही। हमारे लिए सबसे गर्व का पल वह था जब हमने देखा कि हमारे अधिकतर शुरुआती ग्राहक कार्बन कार्ड की प्रशंसा करते हुए उसे बाकी स्टार्टअप्स को रेफर करते हैं। इसमें हमें सैकड़ों स्टार्टअप्स से सहयोग मिला। इनमें Cred, Jumbotail, MyGate जैसे नाम शामिल हैं। इन सबने हमारी टीम को प्रोत्साहित किया और हमें बताया कि हम सही ट्रैक पर हैं।'


वर्तमान में कार्बन किसी भी तरह की फी चार्ज नहीं करता है। यह कार्ड और Hubspot, Segment जैसे प्लैटफॉर्म्स पर मिलने वाले रिवॉर्ड स्टार्टअप्स के लिए एकदम फ्री हैं। रेवेन्यू मॉडल की बात करें यह फिलहाल मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) पर निर्भर है। जब भी कोई स्टार्टअप हमारे कार्ड को स्वाइप करता है एमडीआर का एक हिस्सा हम लेते हैं।


जुपिटर के फाउंडर जितेंद्र गुप्ता ने कहा,

'मैं पहली नजर में देख सकता हूं कि कुछ महीनों की एक छोटी अवधि में ही कार्बन कार्ड को अधिकतर भारतीय स्टार्टअप्स ने अपनाया है। हम भारत में इस सेक्टर में बहुत संभावनाएं देखते हैं। अगर मैं खुद की बात करूं तो मैं केवल एक इन्वेस्टर ही नहीं हूं बल्कि कार्बन कार्ड का एक ग्राहक भी हूं।'