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UK India Young Professional Scheme: ब्रिटेन ने भारतीय नागरिकों के लिए 3000 वीजा को दी हरी झंडी

UK India Young Professional Scheme: ब्रिटेन ने भारतीय नागरिकों के लिए 3000 वीजा को दी हरी झंडी

Friday November 18, 2022 , 3 min Read

इंडोनेशिया के बाली में G-20 समिट (G-20 Summit) खत्म होने के साथ ही अगले साल G-20 समिट की अध्यक्षता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी जा चुकी है. इसी के साथ भारत को औपचारिक तौर पर G-20 की मेजबानी मिल गई है. इस साल की G-20 समिट कई मायनों में बेहद खास रही है. कोरोना के दौर के बाद पहली बार इतने हेड ऑफ द स्टेट्स एक ही मंच पर मौजूद थे.

ग्लोबल GDP का 85% G20 के पास

G20 समिट इसलिए भी ख़ास होता है क्योंकि G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य फोरम है, क्योंकि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की GDP का 85% हिस्सा है. G-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीयन यूनियन है.  इन देशों में दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या रहती है. G-20 देशों की जीडीपी पूरी दुनिया की 80 फीसदी से अधिक है. दुनियाभर का 75 फीसदी व्यापार इन्हीं 20 देशों में होता है.

यूके-भारत के बीच व्यापारिक समझौते पर बातचीत जारी

इस G-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर पिछले महीने कार्यभार संभालने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक संक्षिप्त बैठक हुई जिसमें ब्रिटेन में काम करने के इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारतीय पेशेवर युवाओं को हर साल यूके (UK) में काम करने के लिए 3000 वीजा जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत 18-30 वर्षीय डिग्रीधारी-शिक्षित भारतीयों को ब्रिटेन में आकर रहने और दो वर्ष तक काम करने के लिए हर साल 3,000 वीजा प्रदान किये जायेंगे. यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय, 10 डाउनिंग स्ट्रीट, द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला देश है जो यूके-इंडिया माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप की ताकत को उजागर करता है. 


'यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम' की शुरुआत को द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक ''महत्वपूर्ण क्षण'' और भारतीय और ब्रिटिश दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए अहम बताया जा रहा है. इसे मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए-FTA) वार्ता को आगे बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है. 'डाउनिंग स्ट्रीट' ने कहा कि मई 2021 में ब्रिटेन और भारत के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य दोनों  देशों के बीच गतिशीलता बढ़ाना था. भारत-ब्रिटेन प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी (एमएमपी) के तहत इस योजना पर पिछले साल सहमति बनी थी और अब इसे 2023 की शुरुआत में औपचारिक रूप से शुरू किया जायेगा.


दोनों देशों के बीच अगर इसे लेकर सहमति बन जाती है तो यह भारत के किसी यूरोपीय देश के साथ किया गया अपनी तरह का पहला सौदा होगा. हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लगभग किसी भी देश की तुलना में ब्रिटेन के भारत के साथ महत्वपूर्ण संबंध हैं क्योंकि भारतीय डायस्पोरा ब्रिटेन की अप्रवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है और ब्रिटेन में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों का लगभग एक चौथाई हिस्सा भारत से है. भारतीय निवेश पूरे यूके में 95,000 नौकरियों का समर्थन करता है. यूके-भारत व्यापारिक संबंध पहले से ही 24 बिलियन पाउंड का है.


(फीचर इमेज क्रेडिट: @PMOIndia)