कृषि विविधता, किसानों के कल्याण के लिए भारत की चिंता को दर्शाता है जी20 का मटेरा घोषणा पत्र
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इटली के मटेरा में जी-20 विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक में समकालीन चुनौतियों पर मंगलवार को अपने विचार साझा किए
"मटेरा घोषणा पत्र में जी20 मंत्रियों ने इस बात को मान्यता दी कि भुखमरी समाप्त करने, सामाजिक एकता एवं सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने, सामाजिक आर्थिक असमानता को कम करने, समग्र समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और स्थायी खाद्य प्रणालियां आवश्यक हैं।"
मटेरा : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खाद्य सुरक्षा को रेखांकित करने के लिए इटली की सराहना की और कहा कि मटेरा घोषणा पत्र कृषि-विविधता को मान्यता देने और छोटे एवं मध्यम किसानों के कल्याण जैसे मामलों पर भारत की चिंता को दर्शाता है। जयशंकर ने इटली के मटेरा में जी-20 विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक में समकालीन चुनौतियों पर मंगलवार को अपने विचार साझा किए।
उन्होंने ट्वीट किया,
"मैं खाद्य सुरक्षा के लिए इटली की सराहना करता हूं। मटेरा घोषणा पत्र लघु एवं मध्यम किसानों के कल्याण, स्थानीय खाद्य संस्कृतियों को बढ़ावा देने और कृषि विविधता को मान्यता देने को लेकर भारत की चिंताओं को दर्शाता है।"
उन्होंने कहा,
"आजीविका, स्वास्थ्य, डिजिटल पहुंच और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाना अब विकास की नई प्राथमिकताओं का हिस्सा होना चाहिए।"
जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक मटेरा में हुई और इसके बाद विदेश एवं विकास मंत्रियों की संयुक्त बैठक हुई। विदेश एवं विकास मंत्रियों की पहली संयुक्त बैठक में मटेरा घोषणापत्र पारित किया गया, जिसमें जीवन एवं आजीविका पर कोविड-19 के प्रभाव को सीमित करने के प्रयास तेज करने, समावेशी एवं लचीली खाद्य श्रृंखला बनाने और सभी के लिए पर्याप्त पोषण सुनिश्चित करने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है, ताकि 2030 तक ‘‘शून्य भुखमरी’’ का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
मटेरा घोषणा पत्र में जी20 मंत्रियों ने इस बात को मान्यता दी कि भुखमरी समाप्त करने, सामाजिक एकता एवं सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने, सामाजिक आर्थिक असमानता को कम करने, समग्र समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और स्थायी खाद्य प्रणालियां आवश्यक हैं।
उन्होंने महिलाओं एवं युवाओं के सशक्तीकरण के लिए भी प्रभावी कदम लागू करने की अपील की। मंत्रियों ने सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने वाले कदमों एवं कार्यक्रमों पर भी जोर दिया। घोषणा पत्र में कोविड-19 से निपटने के लिए पर्याप्त आपातकालीन निधि, दीर्घकालिक राष्ट्रीय आर्थिक विकास योजनाओं और पैकेजों के तहत निवेश बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया, ताकि खाद्य सुरक्षा, पोषण, टिकाऊ खाद्य प्रणालियों और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
इसमें कृषि एवं खाद्य प्रणालियों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने की गति तेज करने पर जोर दिया गया, क्योंकि जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी तीव्र गतिविधियों के कारण खेती पर असर पड़ता है और यह वैश्विक भुखभरी बढ़ने का कारण बनता है। घोषणा पत्र में अंतरराष्ट्रीय खाद्य व्यापार को मुक्त रखने और सुरक्षित, ताजा एवं पौष्टिक भोजन के लिए वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय विविध मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने के साथ-साथ विज्ञान आधारित समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
जी-20 एक प्रभावशाली समूह है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाता है। जी-20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
(साभार : PTI)