[स्टार्टअप भारत] कैसे इंजीनियरिंग छात्रों को इंडस्ट्री में परचम फहराने के लिए तैयार कर रहा है कोयंबटूर स्थित मैकेन इनोवेशन
2020 में स्थापित, कोयंबटूर स्थित स्टार्टअप Machenn Innovations इंजीनियरिंग छात्रों को डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग ट्रेनिंग प्रदान करता है।
"2017 में अपने इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लेसमेंट के दौरान 17 कंपनियों से रिजेक्ट होने के बाद आंत्रप्रेन्योर विष्णु टीयू ने भी व्यक्तिगत रूप से इस समस्या को महसूस किया था। विष्णु एक बायोमेडिकल इंजीनियर हैं, हालांकि उनको आखिरकार एक जूनियर सेल्स एसोसिएट के रूप में जॉब मिल गई, लेकिन कुछ दिनों के भीतर उन्हें एहसास हुआ कि उनकी इंजीनियरिंग का इस्तेमाल उनकी जॉब में नहीं किया जा रहा था।"
देश में एक से अधिक कौशल सीखने की जरूरत लगातार बढ़ रही है। लोग महसूस कर रहे हैं कि अब जॉब हासिल करने और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए केवल एक ही अकादमिक डिग्री पर्याप्त नहीं है।
2017 में अपने इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लेसमेंट के दौरान 17 कंपनियों से रिजेक्ट होने के बाद आंत्रप्रेन्योर विष्णु टीयू ने भी व्यक्तिगत रूप से इस समस्या को महसूस किया था। विष्णु एक बायोमेडिकल इंजीनियर हैं, हालांकि उनको आखिरकार एक जूनियर सेल्स एसोसिएट के रूप में जॉब मिल गई, लेकिन कुछ दिनों के भीतर उन्हें एहसास हुआ कि उनकी इंजीनियरिंग का इस्तेमाल उनकी जॉब में नहीं किया जा रहा था।
पिछले साल, विष्णु ने अपने कॉलेज जूनियर निवेदिता आर के साथ, इंजीनियरिंग छात्रों को डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए कोयंबटूर में मैकेन इनोवेशन लॉन्च किया।
वे कहते हैं, “मेरे मानना है कि हायर एजुकेशन को पर्सनलाइज्ड, कस्टमाइज्ड और इंडस्ट्री के मुताबितक होना चाहिए। हम इंजीनियरिंग छात्रों को इंडस्ट्री के मुताबिक ट्रेनिंग प्रदान करना चाहते हैं और इंटर्नशिप या प्लेसमेंट के अवसरों के लिए कुशल कार्यबल को व्यवसायों से जोड़ना चाहते हैं।”
इंजीनियरिंग के छात्रों को एक से ज्यादा स्किल सिखाना
विष्णु बताते हैं कि स्टार्टअप मुख्य रूप से थर्ड इयर इंजीनियरिंग स्टूडेंट को टारगेट कर रहा है और उन्हें इंडस्ट्री स्किल बनाने में मदद कर रहा है। यह मेडिकल डिवाइस डिजाइनिंग, इम्प्लांट डिजाइनिंग, सर्जिकल मॉडलिंग, हेल्थ, एयरोस्पेस और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में एडवांस मैन्युफैक्चरिंग पर कोर्स ऑफर करता है।
वह कहते हैं, “ट्रेनिंग पहले से रिकॉर्ड किए गए सेशन और लाइव वन-टू-वन ट्रेनिंग दोनों के माध्यम से ऑफर की जाती है। सभी मॉड्यूल इंडस्ट्री तक पहुंचने और वर्तमान आवश्यकताओं को समझने के बाद डिजाइन किए गए हैं। हमारा उद्देश्य कुशल छात्रों को इंटर्नशिप के अवसरों के लिए इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियों के साथ जोड़ना है। जहां हम प्लेसमेंट के लिए भी जुड़े हैं, हमारा मुख्य ध्यान इंटर्नशिप पर है।”
सह-संस्थापक कहते हैं कि स्टार्टअप मुख्य रूप से छात्रों को ऑनबोर्ड करने के लिए कॉलेजों को टारगेट करता है। छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करके खुद को रजिस्टर करने की जरूरत होती है।
FIED, IIM काशीपुर में इनक्यूबेट, Machenn दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बेंगलुरु), विद्या अकादमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (त्रिशूर), कल्पतरु इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (टिप्टूर), केनरा इंजीनियरिंग कॉलेज (मैंगलोर), श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (कोयंबटूर) सहित पूरे भारत में 15 से अधिक कॉलेजों के साथ काम करने का दावा करता है।
इसके अलावा, मैकेन इनोवेशन के पास पूरे भारत में ऑफलाइन 3डी प्रिंटिंग लैब भी हैं जहां छात्र डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऑन-साइट ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।
बिजनेस और उससे आगे
विष्णु बताते हैं कि स्टार्टअप पे-पर-सर्विस मॉडल पर काम करता है। उन्होंने कहा कि मैकेन ने अब तक लगभग 3,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया है और उनमें से लगभग 50-60 प्रतिशत ने इंटर्नशिप के अवसरों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है।
बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप ने अपने संचालन के लिए अब तक लगभग 16 लाख रुपये का निवेश किया है, जिसे परिवार और दोस्तों से जुटाया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप को आईआईएम उदयपुर द्वारा डीएसटी के तहत लॉन्च और जूम 3.0 एक्सेलेरेटर प्रोग्राम के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया गया था, और उसे 1 लाख रुपये का अनुदान मिला। स्टार्टअप को वाधवानी फाउंडेशन का भी समर्थन प्राप्त है।
भविष्य के कार्यबल की जरूरतों (future workforce needs) पर मैकिन्से ग्लोबल सर्वे के अनुसार, 10 में से लगभग नौ एग्जीक्यूटिव और मैनेजर्स ने खुलासा किया कि उनकी ऑर्गनाइजेशन या तो पहले से ही स्किल गैप का सामना कर रही हैं या अगले पांच वर्षों के भीतर गैप विकसित होने की उम्मीद करते हैं।
सह-संस्थापक ने खुलासा किया कि मैकेन मुख्य रूप से अन्य उल्लेखनीय कंपनियों जैसे कौरसेरा, उडेमी और स्किल-लिंक के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, विष्णु कहते हैं, “हम निवेशकों, सरकारी अनुदानों से अपनी सीड फंडिंग जुटाना चाहते हैं। हम 2022 तक वैश्विक विस्तार का भी लक्ष्य बना रहे हैं।"
Edited by Ranjana Tripathi