Gautam Adani ने एक और कंपनी खरीदी, अब एयरक्रॉफ्ट मेंटेनेंस कारोबार में रखा कदम
अडानी ग्रुप सात हवाई अड्डों का संचालन करता है और इस हालिया अधिग्रहण इसे तीनों विमान रखरखाव वर्टिकल - एयरलाइन, बिजनेस जेट और डिफेंस में रखरखाव क्षमता प्रदान करेगा.
एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी के ग्रुप ने देश की दूसरी सबसे पुरानी मेंटेनेंस रिपेयर और ओवरहॉल कंपनी एयर वर्क्स का 400 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. यह खरीद अडानी ग्रुप की कंपनी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने किया है.
अडानी ग्रुप सात हवाई अड्डों का संचालन करता है और इस हालिया अधिग्रहण इसे तीनों विमान रखरखाव वर्टिकल - एयरलाइन, बिजनेस जेट और डिफेंस में रखरखाव क्षमता प्रदान करेगा.
1951 में दो दोस्तों पीएस मेनन और बीजी मेनन द्वारा स्थापित, एयर वर्क्स की 27 शहरों में मौजूदगी है, जिसमें मुंबई, होसुर और कोच्चि में हैंगर शामिल हैं. देश का सबसे पुराना निजी मेंटनेंस मरम्मत और ओवरहाल (MRO) इंदामेर एविएशन 1947 में स्थापित किया गया था.
एयर वर्क्स में छह निवेशक हैं और इसने 2007 में जीटीआई समूह और पुंज लॉयड से अपना पहला बाहरी वित्त पोषण प्राप्त किया था. मेनन सहित सभी मौजूदा निवेशक लेनदेन के बाद कंपनी से बाहर निकल जाएंगे.
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा, "रक्षा और नागरिक एयरोस्पेस क्षेत्र दोनों में एमआरओ क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है." उन्होंने कहा कि भारत को रक्षा विमानों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने के लिए चल रहा आधुनिकीकरण कार्यक्रम इस क्षेत्र के लिए व्यापक अवसर प्रस्तुत करता है.
एयर वर्क्स ग्रुप के एमडी और सीईओ डी. आनंद भास्कर ने कहा कि सिविल और डिफेंस एमआरओ के अभिसरण सहित सरकार के नीतिगत उपायों और पहलों से बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं और रोजगार के विशाल अवसर पैदा होंगे.
दोनों कंपनियों ने अपनी घोषणा में कहा कि भारत का MRO बाजार 2030 तक 1.7 अरब डॉलर से तीन गुना बढ़कर 5 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. वर्तमान में, एयर वर्क्स और बोइंग भारतीय नौसेना द्वारा संचालित तीन P-8I विमानों पर भारी रखरखाव जांच कर रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में, एयर वर्क्स ने दुबई में एयरलाइनों को लाइन रखरखाव सेवाएं प्रदान करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात स्थित मच टेक्निक के साथ भागीदारी की.
कुछ दिन पहले ही, अडानी ग्रुप ने कोलकाता की SIBIA Analytics and Consulting Services Private Limited के साथ 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की टर्म शीट साइन कर ली है. यह एक एडवांस एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग कंपनी है, जिसे अंशुमन भट्टाचार्या (Angshuman Bhattacharya) ने शुरू किया था. अभी अंशुमन इस कंपनी के सीईओ भी हैं.
एनडीटीवी का भी किया अधिग्रहण
अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी ने भी इसी महीने में इस बात की घोषणा की थी कि वह एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है. साथ ही कहा था कि कंपनी के अधिग्रहण के लिए वह 26 फीसदी के शेयरों का ओपन ऑफर भी लाएगी. यह अधिग्रहण विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) की तरफ से किया जा रहा है. यह कंपनी अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी AMG Media Network Ltd (AMNL) की सब्सिडियरी है. बता दें कि इस कंपनी (AMNL) का मालिकाना हक अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के पास है.
हाल ही में सीमेंट सेक्टर में रखा है कदम
इस साल मई में अडानी समूह ने स्विटजरलैंड के होल्सिम लिमिटेड से अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड को खरीद लिया था. हाल ही में यह डील पूरी हुई है, जो 10.5 अरब डॉलर (करीब 81,361 करोड़ रुपये) में हुई है. अडानी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (Ambuja Cements Ltd.) और उसकी सहायक एसीसी सीमेंट (ACC Cement) की 63.19 प्रतिशत हिस्सेदारी जबरदस्त बोली में हासिल की. इसी के साथ अडानी समूह अब भारत का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता बन गया है.
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Edited by Vishal Jaiswal