Goldman Sachs अपने 4000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी में, वजह?
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैच (Goldman Sachs) अपने 4,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकता है. कंपनी के टॉप मैनेजर्स को ऐसे लोगों का नाम फाइनल करने को कहा गया है जिन्हें नौकरी से निकाला जा सके. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अभी तक फाइनल Job Cut का आंकड़ा तय नहीं हो पाया है लेकिन यह 4000 के करीब हो सकता है.
Goldman Sachs में 4000 लोगों की नौकरी जाने का मतलब है बैंक के कुल वर्कफोर्स का करीब 8% कम होना. हालांकि इस मामले में बैंक के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. बैंक का हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के सीईओ डेविड सोलोमन (David Solomon) ने 'मेन स्ट्रीट' बैंकिंग महत्वाकांक्षाओं को कम करने की योजना की घोषणा के बाद आया है. वही बैंकिंग प्रमुख अपने मार्कस-ब्रांडेड रिटेल बैंकिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पर्सनल लोन की पेशकश बंद करने की योजना बना रही है. सोलोमन ने अक्टूबर माह में घोषणा की थी कि कई सालों के घाटे और बढ़ती लागत के बाद गोल्डमैन अपनी खुदरा बैंकिंग इकाई को कम करेगी.
इस छंटनी की योजना को कंपनी ने ऐसे समय में बनाया है, जब वह अपने मुश्किल समय का सामना कर रही है. वही कंपनी अपने कंज्यूमर बिजनेस को रिस्ट्रक्चर करने पर जोर दे रही है. कंपनी ऐसी योजना इसलिए बना रही है, जिससे वह आने वाले मंदी के दौर में अपने खर्चो को कम करके खुद को तैयार कर सके. कंपनी को रिटेल बैंकिंग बिजनेस में काफी घाटा हो रहा है और ऐसे में वह कर्मचारियों की छंटनी ही एक रास्ता है. मालूम हो कि दुनिया भर में 49,000 से अधिक लोगों को ये कंपनी रोजगार दे रही है. कंपनी में अभी करीब 81,567 कर्मचारी काम करते हैं.
कंपनी में ये छंटनी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की वार्षिक छंटनी के अतिरिक्त होगी. आमतौर पर बैंकिंग फर्म हर साल ऐसा करती है. साल 2023 में संभावित मंदी के लिए गोल्डमैन कंपनी भी तैयार है. सोलोमन ने कहा कि गोल्डमैन ने 'खर्च कम करने की कुछ योजनाओं को शुरू कर दिया है. इसके लाभों को महसूस करने में कुछ समय लगेगा.
Goldman Sachs ने पिछले कुछ साल में कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ाई है. इसकी वजह है कि कंपनी के CEO डेविड सोलोमॉन ने कुछ अधिग्रहण पूरा कराया था और कंपनी डायवर्सिफाई करना चाह रही थी. लेकिन कंपनी के विस्तार में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होने और मुनाफा घटने से कंपनी मुश्किल में घिर गई.
इस साल की तीसरी तिमाही में बैंक में कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 49,000 पहुंच गई थी. यह 2018 के अंतत से 34% ज्यादा है.