पश्चिमी तराई की गोरिल्ला बाफिया की 54 साल की उम्र में मौत, विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी है प्रजाति
बाफिया नाम की यह गोरिल्ला 1969 से सरे के लेदरहेड में स्थित चेसिंगटन वर्ल्ड ऑफ एडवेंचर्स थीम पार्क के चिड़ियाघर में रहती थी.
विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी पश्चिमी तराई के गोरिल्ला की एक प्रजाति के एक गोरिल्ला की 54 वर्ष की आयु में ब्रिटेन के एक चिड़ियाघर में मृत्यु हो गई है.
बाफिया नाम की यह गोरिल्ला 1969 से सरे के लेदरहेड में स्थित चेसिंगटन वर्ल्ड ऑफ एडवेंचर्स थीम पार्क के चिड़ियाघर में रहती थी.
चिड़ियाघर ने उसे बेहद सज्जन बताया और कहा कि बाफिया की मौत के बारे में हर कोई बेहद दुखी है. चिड़ियाघर ने कहा कि पहले कई बीमारियों का इलाज करा चुकी बाफिया को गुरुवार को सुला दिया गया.
चिड़ियाघर के कलेक्शन मैनेजर सैम व्हिटब्रेड के अनुसार, बाफिया की तबीयत बेहद तेजी से खराब होने लगी थी. आगे के इलाज और टीम के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, बाफिया की स्थिति में सुधार नहीं हुआ. इस तरह, पशु चिकित्सक और हमारे कल्याण विशेषज्ञों द्वारा कल रात उसे सुलाने के लिए एक मुश्किल भरा लेकिन एकमत फैसला किया.
कैद में पैदा हुई, बाफिया लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रजनन कार्यक्रम का हिस्सा थी, हालांकि उसकी कोई संतान नहीं थी. वह नौ अन्य पश्चिमी तराई गोरिल्लाओं के साथ चिड़ियाघर में रहती थी और इस चिड़ियाघर की देखभाल में सबसे पुराना जानवर थी.
चेसिंगटन चिड़ियाघर 1931 में स्थापित किया गया था और 1987 में सवारी के साथ एक थीम पार्क बन गया. यह विभिन्न लुप्तप्राय प्रजातियों सहित 1,000 से अधिक जानवरों का घर है.
इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में दुनिया के दूसरे सबसे उम्र दराज गोरिल्ला की अमेरिका के केंटकी के लुइसविले चिड़ियाघर में मौत हो गई थी. हेलेन नाम की इस गोरिल्ला की उम्र 64 साल थी. पश्चिमी तराई गोरिल्ला को लोग प्यार से “ग्रैंड डेम” कहते थे. आमतौर पर गोरिल्ला की औसत उम्र 39 साल होती है.
Edited by Vishal Jaiswal