सरकार ने वित्त वर्ष 23 में LTCG टैक्स से जमा किए 98,681 करोड़ रुपये
हाल ही में 23 जुलाई को घोषित 2024-25 के बजट में इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर LTCG टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया. छूट सीमा को भी पहले के 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया.
सरकार ने 2022-23 में लिस्टेड इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स से 98,681 करोड़ रुपये जमा किए हैं. यह पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि है. मंगलवार को संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में वित्त वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच LTCG टैक्स से जमा की गई राशि की जानकारी दी.
इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की इकाइयों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस अप्रैल 2018 से लाया गया था. इस तरह के लाभ पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया गया था, जिसमें सालाना 1 लाख रुपये तक के लाभ को छूट दी गई थी.
संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, 2022-23 में LTCG से 98,681.34 करोड़ रुपये जमा किए गए, जो वित्त वर्ष 2021-22 में जमा किए गए 86,075.49 करोड़ रुपये से 15 प्रतिशत अधिक है.
2020-21 में यह संग्रह लगभग 38,589 करोड़ रुपये, 2019-20 में 26,008 करोड़ रुपये और 2018-19 में 29,220 करोड़ रुपये था.
इस सवाल पर कि क्या सरकार 2024-25 के दौरान इक्विटी/म्यूचुअल फंड पर LTCG टैक्स को खत्म करने पर विचार कर रही है, चौधरी ने कहा, "ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है".
गौरतलब हो कि हाल ही में 23 जुलाई को घोषित 2024-25 के बजट में इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड पर LTCG टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया. छूट सीमा को भी पहले के 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) की गणना के उद्देश्य से इक्विटी के लिए होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक है.