सरकार ने BPCL की बिक्री टाली, जानें किस वजह से बीच में रोकी प्रॉसेस
सरकार साल 2019 से BPCL का प्राइवेटाइजेशन करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने कंपनी में पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) के विनिवेश की प्रक्रिया सरकार ने फिलहाल के लिए टाल दी है. सरकार ने BPCL में अपनी समूची 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश वापस ले ली है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है कि ज्यादातर बोलीदाताओं ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा स्थिति के कारण प्राइवेटाइजेशन में भाग लेने को लेकर असमर्थता जताई है.
2019 से करना चाहती है प्राइवेटाइजेशन
सरकार साल 2019 से BPCL का प्राइवेटाइजेशन करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने कंपनी में पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी. इसके लिए मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र आमंत्रित किए गए थे और नवंबर 2020 तक कम-से-कम तीन बोलियां आईं. अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह, अमेरिकी वेंचर फंड अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल एडवाइजर्स ने BPCL में सरकार की 53 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने BPCL को बेचने का प्लान किया, लेकिन इसकी बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टल गई. 18 मई 2022 को खबर आई कि BPCL का निजीकरण रुक गया है क्योंकि ईंधन कीमतों पर स्पष्टता की कमी के चलते दो बोलीदाता पीछे हट गए और सिर्फ एक बोलीदाता बचा.
पहले रिव्यू, उसके बाद प्रॉसेस दोबारा शुरू करने का फैसला
पीटीआई के मुताबिक, निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुई वैश्विक स्थिति से दुनियाभर के उद्योग खासकर तेल एवं गैस क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा हालात के कारण, अधिकतर पात्र इच्छुक पक्षों (क्यूआईपी) ने BPCL के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है. इसको देखते हुए विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने BPCL में रणनीतिक विनिवेश के लिए रुचि पत्र प्रक्रिया बंद करने का निर्णय किया है. विभाग ने आगे कहा कि BPCL में रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय अब स्थिति की समीक्षा के आधार पर उपयुक्त समय पर किया जाएगा.
मार्च तिमाही में 82% घट गया मुनाफा
BPCL का शुद्ध लाभ मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में 82 प्रतिशत घटकर 2,130.53 करोड़ रुपये रह गया. BPCL की परिचालन आय 25 प्रतिशत बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये रही. BPCL जब शुरू हुई थी तो यह प्राइवेट सेक्टर की कंपनी थी. साल 1976 में Act on the Nationalisation of Foreign Oil companies ESSO (1974) के तहत BPCL का राष्ट्रीयकरण हो गया और यह सरकार के स्वामित्व में आ गई.