बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने लागू किया आपातकालीन कानून

भारत के कई पावर प्लांट आयातित कोयले का उपयोग करते हैं, हालांकि, उन्होंने हाल के समय में उन्होंने पूरी क्षमता से काम नहीं किया है, क्योंकि उन्हें सस्ते घरेलू कोयले से उत्पन्न बिजली के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है.

बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने लागू किया आपातकालीन कानून

Tuesday February 21, 2023,

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गर्मी के मौसम में बिजली की खपत में संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को एक आपातकालीन कानून लागू किया. इस आपातकालीन कानून को लागू करने का उद्देश्य आयातित कोयले पर चलने वाले बिजली संयंत्रों को उत्पादन को अधिकतम करने के लिए मजबूर करना है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ऊर्जा मंत्रालय के आंतरिक नोटिस के हवाले से यह खबर दी है. बता दें कि, पिछले कई सालों में यह दूसरी बार है जब आपातकालीन कानून लागू किया गया है.

भारत के कई पावर प्लांट आयातित कोयले का उपयोग करते हैं, हालांकि, उन्होंने हाल के समय में उन्होंने पूरी क्षमता से काम नहीं किया है, क्योंकि उन्हें सस्ते घरेलू कोयले से उत्पन्न बिजली के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया है. इसमें पश्चिमी राज्य गुजरात में स्थित अडानी पावर और टाटा पावर के स्वामित्व वाले पावर प्लांट भी शामिल हैं.

रॉयटर्स ने पिछले महीने कोयला बिजली उत्पादन को अधिकतम करने के लिए कानून का उपयोग करने की भारत की योजना पर सूचना दी.

सभी आयातित कोयला आधारित पावर प्लांटों को भेजे गए नोटिस में मंत्रालय ने कहा है कि वह उम्मीद करता है कि वे पूरी क्षमता से काम करेंगे और एक्सचेंजों पर खरीदारों को बिजली बेचेंगे. भारत के आयातित कोयला संयंत्रों की कुल क्षमता 17 गीगावाट है.

यह निर्देश 16 मार्च से लागू हो जाएगा, जिससे संयंत्रों को खपत में आवश्यक बढ़ोतरी से पहले कोयले का आयात करने का समय मिल गया है. यह 15 जून तक वैध रहेगा.

नोटिस में कहा गया कि सरकार द्वारा गठित एक पैनल इन प्लांटों के लिए वैरिएबल टैरिफ तय करेगी. पैनल हर प्लांट के लिए वैरिएबल टैरिफ की गणना के लिए आयातित कोयले की सबसे कम लागत वाले सूचकांक का उपयोग करेगा.

नोटिस में कहा गया है कि मंत्रालय को अप्रैल में 229 गीगावाट की भारी मांग की उम्मीद है और यह पता लगाने के लिए कि भारत को उस महीने 193 गीगावाट की थर्मल क्षमता संचालित करने की आवश्यकता होगी.

भारत को उम्मीद है कि उसके बिजली संयंत्र मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में लगभग 8 फीसदी अधिक कोयला जलाएंगे, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि और अनिश्चित मौसम के कारण बिजली की मांग में वृद्धि जारी रहेगी.


Edited by Vishal Jaiswal