सरकारी बीमा कंपनियों को पांच साल में स्वास्थ्य कारोबार में हुआ इतने करोड़ रुपये का नुकसान
संसद में हाल में पेश कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा खंड में नुकसान ने अन्य क्षेत्रों के लाभ को घटा दिया है या कुल नुकसान को और बढ़ा दिया है.
मेडिकल इमरजेंसी किसी को भी और कभी भी मुश्किल में डाल सकती है. इससे निपटने के लिए लगने वाली लागत आपकी जेब ढीली कर सकती है. इस तरह की समस्याओं से निपटने का एक तरीका स्वास्थ्य बीमा योजना (health insurance scheme) खरीदना भी है. यह बीमा गंभीर बीमारी के इलाज में लगने वाली लागत, अस्पताल में भर्ती होने और इस तरह के अन्य खर्चों को कवर करके आर्थिक मदद करता है. साथ ही साथ स्वास्थ्य बीमा खरीदने से आयकर धारा 80 D के तहत इनकम टैक्स (income tax) में भी छूट मिलती है.
सार्वजनिक क्षेत्र की सभी चार बीमा कमानियों (PSU) को पिछले पांच साल के दौरान स्वास्थ्य बीमा कारोबार में 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नियंत्रक एवं महालेखक परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है.
संसद में हाल में पेश कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा सेगमेंट में नुकसान ने अन्य क्षेत्रों के लाभ को घटा दिया है या कुल नुकसान को और बढ़ा दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान इन चार बीमा कंपनियों.....न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NIACL), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (UIICL), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (OICL) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NICL) का कुल नुकसान 26,364 करोड़ रुपये था.
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए स्वास्थ्य बीमा दूसरा सबसे बड़ा कारोबार क्षेत्र है. पहले स्थान पर वाहन बीमा क्षेत्र है. इस क्षेत्र का पिछले पांच साल का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम 1,16,551 करोड़ रुपये रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी निजी कंपनियों की तुलना में लगातार घट रही है.
कैग ने कहा कि ऑडिट में यह भी पाया गया कि सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों द्वारा मंत्रालय के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया और इन कंपनियों का समूह स्वास्थ्य बीमा सेगमेंट में संयुक्त अनुपात 125 से 165 प्रतिशत था.
दावों के प्रबंधन के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की आईटी प्रणाली में सत्यापन जांच और नियंत्रण का अभाव है. इससे कामकाज के अलावा रिपोर्ट करने की प्रणाली भी प्रभावित होती हे.
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य बीमा अस्पताल में भर्ती होने या किसी बीमारी के इलाज के कारण होने वाले खर्चों को कवर करने के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. यह बीमा कंपनी और पॉलिसीधारक के बीच एक एग्रीमेंट है. जिसके तहत कंपनी मेडिकल खर्च को कवर करने के लिए पॉलिसीधारक को बीमा राशि या कवरेज राशि प्रदान करने के लिए सहमत होती है. यह लाभ पाने के लिए, बीमाधारक को प्रीमियम के रूप में एक निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता है. हालांकि, इस कवरेज को प्राप्त करने के लिए, बीमा कंपनी द्वारा लिस्टेड अस्पतालों में से एक की सेवाओं का उपयोग करना होता है. हालांकि, सभी प्रकार की स्थितियों और मामलों को स्वास्थ्य बीमा द्वारा कवर नहीं किया जाता है. इन्हें अपवाद कहते हैं.
Edited by रविकांत पारीक