अब विदेश में बैठकर भारत बिल पेमेंट सिस्टम से भर सकेंगे घर का बिजली-पानी बिल
RBI की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 प्रतिशत हो गई है.
प्रवासी भारतीय (NRI) अब भारत में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भारत बिल भुगतान प्रणाली (Bharat Bill Payment System) से बिजली, पानी जैसी सुविधाओं के बिल और स्कूल, कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकेंगे. भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS), स्टैंडर्डाइज बिल पेमेंट्स के लिए एक इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म है. BBPS से बिल भेजने वाली करीब 20,000 इकाइयां जुड़ी हैं. इस प्रणाली पर मासिक आधार पर आठ करोड़ लेनदेन होते हैं.
रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि बीबीपीएस ने भारत में यूजर्स के बिल भुगतान के अनुभव को बदला है. अब इसमें सीमा पार से बिल भुगतान की प्रणाली को भी शुरू किया जा रहा है. RBI (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है. ऐसा खुदरा महंगाई (Retail Inflation) को काबू में लाने के लिए किया गया है. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 प्रतिशत हो गई है.
बुजुर्गों को विशेष रूप से फायदा
गवर्नर ने कहा, ‘‘इससे NRI भारत में अपने परिवारों की ओर से बिजली, पानी के बिलों का भुगतान कर सकेंगे. साथ ही इसके जरिए वह शिक्षा से जुड़े शुल्कों का भी भुगतान कर पाएंगे.’’ दास ने कहा कि इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा. केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि इस फैसले से बीबीपीएस प्लेटफॉर्म पर एक इंटरऑपरेबल मैनर में ऑनबोेर्डेड किसी भी बिलर के बिलों के पेमेंट में भी फायदा होगा. केंद्रीय बैंक जल्द इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी करेगा.
यह महत्वपूर्ण फैसला भी हुआ
दास ने मुंबई इंटरबैंक आउटराइट रेट (मिबोर) आधारित ‘ओवरनाइट इंडेक्स स्वैप’ (ओआईएस) अनुबंधों के लिये वैकल्पिक मानक दर तय करने की संभावना के अध्ययन के लिए एक समिति के गठन की भी घोषणा की है. इसका विदेशी बाजार में ब्याज दर डेरिवेटिव्स (आईआरडी) के रूप में व्यापक इस्तेमाल होता है. रिजर्व बैंक द्वारा भागीदारों के बेस में विविधता और नए आईआरडी इंस्ट्रूमेंट्स के लिए कदम उठाए जाने से मिबोर आधारित डेरिवेटिव अनुबंध का इस्तेमाल बढ़ा है.
एकल प्राथमिक डीलरों को मिली यह अनुमति
इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीधे प्रवासी भारतीयों और अन्य से, विदेशी मुद्रा निपटान ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (एफसीएस-ओआईएस) लेनदेन की अनुमति दे दी है. वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार करने की अनुमति है. एसपीडी में बैंक आदि आते हैं. इस साल फरवरी में बैंकों को विदेशी एफसीएस-ओआईएसबाजार में प्रवासियों और अन्य से लेनदेन की अनुमति दी गयी थी.
Edited by Ritika Singh