GST चोरी को लेकर सरकार सख्त, वित्त मंत्रालय ने बताया अब क्या होगा...
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली जीएसटी जांच इकाई ने कानूनी कार्रवाई संबंधी दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा, "अभियोजन शुरू करने का निर्णय लेने में जिन अहम बातों पर विचार किया जाएगा उनमें से एक है पर्याप्त सबूत की उपलब्धता."
जीएसटी अधिकारी अब ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकते हैं जहां चोरी या दुरुपयोग किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की राशि पांच करोड़ रुपये से अधिक है. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
हालांकि यह मौद्रिक सीमा आदतन चोरों के मामले में या उन मामलों में लागू नहीं होगी जहां जांच के समय गिरफ्तारी की जा चुकी है.
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली जीएसटी जांच इकाई ने कानूनी कार्रवाई संबंधी दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा, "अभियोजन शुरू करने का निर्णय लेने में जिन अहम बातों पर विचार किया जाएगा उनमें से एक है पर्याप्त सबूत की उपलब्धता."
इसमें कहा गया कि कानूनी कार्रवाई सामान्य तौर पर उन मामलों में शुरू की जा सकती है जहां कर चोरी की राशि, आईटीसी का दुरुपयोग या धोखाधड़ी से लिए गए रिफंड की राशि पांच करोड़ रुपये से अधिक है.
कर अधिकारी को कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए अपराध की प्रकृति, गंभीरता, कर चोरी या आईटीसी के दुरुपयोग की राशि, धोखाधड़ी कर रिफंड जुटाने के सबूत जमा करने होंगे. उसके बाद ही आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा. वित्त मंत्रालय ने कहा, पर्याप्त सबूत तभी कार्रवाई का फैसला लेंगे कर अधिकारी. अपराध की प्रकृति, कर चोरी या आईटीसी का दुरुपयोग, धोखाधड़ी कर रिफंड जुटाने के सबूत जमा करने होंगे.
किसी कंपनी या करदाता को आदतन चोर तब घोषित किया जाएगा, जब उस पर पिछले दो साल में 5 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी या आईटीसी के दुरुपयोग या धोखाधड़ी से रिफंड जुटाने और तथ्यों को छिपाने समेत अन्य गैर-कानूनी मामलों में दो या दो से अधिक केस शामिल होने की पुष्टि होगी. इस पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बताया कि आदतन चोरों की पहचान करने के लिए डिजिट डाटाबेस का इस्तेमाल किया जा सकता है.
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अगर जांच के दौरान किसी आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है और उसकी जमानत नहीं होती है तो गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर उसके खिलाफ कोर्ट में मामला पेश करने का पूरा प्रयास किया जाना चाहिए. बाकी सभी मामलों में आरोपी के खिलाफ तय समय-सीमा के भीतर जीएसटी टीम की ओर से शिकायत दर्ज करनी होगी.
आपको बता दें कि, बीते अगस्त 2022 के महीने में एकत्र किया गया सकल जीएसटी राजस्व (gross GST revenue collection) 1,43,612 करोड़ रुपए रहा, जिसमें से सीजीएसटी 24,710 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 30,951 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 77,782 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्रित 42,067 करोड़ रुपए सहित) और 10,161 करोड़ रुपए (माल के आयात पर एकत्रित 1,018 करोड़ रुपए सहित) उपकर है.