सरकार ने MSMEs को राहत देने के लिए शुरू की ‘विवाद से विश्वास’ योजना; बजट में की थी घोषणा

सरकार ने कोविड-19 अवधि के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को राहत देने के लिए ‘विवाद से विश्वास’ योजना शुरू कर दी है. इसक योजना की घोषणा वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में की गई थी. योजना के तहत दावा भेजने की अंतिम तिथि 30.06.2023 है.

सरकार ने MSMEs को राहत देने के लिए शुरू की ‘विवाद से विश्वास’ योजना; बजट में की थी घोषणा

Wednesday May 03, 2023,

3 min Read

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को कोविड अवधि के लिए राहत प्रदान करने के लिए “विवाद से विश्वास - I एमएसएमई को राहत” (Vivad se Vishwas I – Relief to MSMEs) योजना का शुभारम्भ किया है. इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी. उन्होंने केंद्रीय बजट के अनुच्छेद 66 में कहा था — “एमएसएमई द्वारा कोविड अवधि के दौरान अनुबंधों को निष्पादित करने में विफलता के मामलों में, बोली या प्रदर्शन सुरक्षा से संबंधित जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत सरकार और सरकारी उपक्रमों द्वारा उन्हें वापस कर दिया जाएगा. इससे एमएसएमई को राहत मिलेगी”.

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 06.02.2023 को एक आदेश जारी कर योजना के व्यापक ढांचे का संकेत दिया था. इस संबंध में अंतिम निर्देश कोविड से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को हुए नुकसान को कवर करने के लिए विस्तार और रिफंड की सीमा में छूट 11.04.2023 को जारी की गई थी. यह योजना 17.04.2023 से शुरू की गई थी और दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30.06.2023 है.

मानव इतिहास के सबसे बड़े संकटों में से एक, कोविड-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर गहन असर पड़ा है. विशेष रूप से एमएसएमई पर इस महामारी का विनाशकारी प्रभाव पड़ा है. इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राहत एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसे जारी रखने में सरकार के प्रयासों का प्रतिरूप है.

योजना के तहत, मंत्रालयों को प्रदर्शन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और कोविड-19 महामारी के दौरान ज़ब्त/कटौती किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा गया है.

वित्त मंत्रालय ने इस योजना के माध्यम से कोविड-19 अवधि के दौरान प्रभावित एमएसएमई को निम्नलिखित अतिरिक्त लाभ देने का निर्णय लिया:

  • जब्त की गई परफॉर्मेंस सिक्योरिटी का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा.

  • बोली सिक्योरिटी का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा.

  • काटे गए परिनिर्धारित नुकसान (एलडी) का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा.

  • वसूल की गई जोखिम खरीद राशि का 95 प्रतिशत वापस किया जाएगा.

  • यदि किसी फर्म को केवल ऐसे अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण प्रतिबंधित किया गया है, तो खरीद इकाई द्वारा उचित आदेश जारी करके इस तरह के प्रतिबंध को भी रद्द कर दिया जाएगा.

हालांकि, अगर किसी फर्म को अंतरिम अवधि (यानी इस आदेश के तहत प्रतिबंधित करने की तारीख और निरस्त करने की तारीख) में प्रतिबंध के कारण किसी अनुबंध की नियुक्ति के लिए नजरअंदाज कर दिया गया है, तो कोई दावा नहीं किया जाएगा.

  • ऐसी वापसी राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा.

भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को व्यय विभाग द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, किसी के द्वारा किए गए माल और सेवाओं की खरीद के सभी अनुबंधों में राहत प्रदान की जाएगी. एमएसएमई के साथ मंत्रालय/विभाग/संबद्ध या अधीनस्थ कार्यालय/स्वायत्त निकाय/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE)/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक/वित्तीय संस्थान आदि, जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं:

  • आपूर्तिकर्ता/ठेकेदार द्वारा दावा किए जाने की तिथि को एमएसएमई मंत्रालय की प्रासंगिक योजना के अनुसार एक मध्यम, लघु या सूक्ष्म उद्यम के रूप में पंजीकृत. एमएसएमई को किसी भी श्रेणी के सामान और सेवाओं के लिए पंजीकृत किया जा सकता है.

  • अनुबंध में निर्धारित मूल वितरण अवधि/पूर्णता अवधि 19.02.2020 और 31.03.2022 के बीच थी (दोनों तिथियां सम्मिलित हैं).

 

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने इस योजना को लागू करने के लिए एक समर्पित वेब पेज बनाया है. पात्र दावों को केवल GeM के माध्यम से निपटाया जाएगा.

यह भी पढ़ें
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का थर्ड-पार्टी मूल्यांकन कर रहा है DPIIT