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सरकार ने MSME चैंपियंस के तहत लॉन्च की MSME प्रतिस्पर्धी (LEAN) स्कीम

LEAN में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है और इसका लक्ष्य देश के MSMEs के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा की रूपरेखा प्रदान करना है: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे

सरकार ने MSME चैंपियंस के तहत लॉन्च की MSME प्रतिस्पर्धी (LEAN) स्कीम

Friday March 10, 2023 , 3 min Read

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे (Union Minister for MSME Narayan Rane) ने आज एमएसएमई चैंपियंस स्कीम (MSME Champions Scheme) के तहत एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (एलईएएन) स्कीम (MSME Competitive (LEAN) Scheme) लॉन्च की. इस अवसर पर संबोधित करते हुए राणे ने कहा कि LEAN में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है और इसका लक्ष्य देश के एमएसएमई के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा की रूपरेखा प्रदान करना है.

उन्होंने यह भी कहा कि LEAN न केवल गुणवत्ता, उत्पादकता और निष्पादन में सुधार लाने का प्रयास करेगा, बल्कि इसमें विनिर्माताओं की मानसिकता में बदलाव लाने तथा उन्हें विश्व स्तरीय विनिर्माताओं में रूपांतरित कर देने की क्षमता भी है. केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया.

यह स्कीम LEAN विनिर्माण प्रक्रियाओं के बारे में एमएसएमई के बीच जागरुकता का सृजन करने के लिए तथा उन्हें एमएसएमई चैंपियंस बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए LEAN स्तरों को अर्जित करने के लिए प्रेरित करने और प्रोत्साहित करने के लिए एक विस्तारित अभियान है.

इस स्कीम के तहत, एमएसएमई मूलभूत, मध्यवर्ती तथा उन्नत जैसे LEAN स्तरों को अर्जित करने के लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम LEAN परामर्शदाताओं के कुशल मार्गनिर्देशन के तहत 5एस, कैजेन, कानबन, विजुअल वर्कप्लेस, पोका योका आदि जैसे LEAN विनिर्माण टूल्स को कार्यान्वित करेंगे. एलईएएन यात्रा के माध्यम से, एमएसएमई अपव्यय में उल्लेखनीय रूप से कमी ला सकते हैं, उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं, अपने बाजारों का विस्तार कर सकते हैं, सुरक्षित तरीके से कार्य कर सकते हैं और अंत में प्रतिस्पर्धी तथा लाभप्रद बन सकते हैं.

एमएसएमई की सहायता करने के लिए, सरकार आरंभिक सहायता प्रदान करने के लिए कार्यान्वयन लागत और परामर्श शुल्क के 90 प्रतिशत का योगदान देगी. एमएसएमई के लिए 5 प्रतिशत का एक अतिरिक्त योगदान होगा जो महिला/एससी/एसटी के स्वामित्व वाले तथा पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित स्फूर्ति क्लस्टरों के हिस्से हैं. उपरोक्त के अतिरिक्त, वैसे एमएसएमई के लिए 5 प्रतिशत का एक अतिरिक्त योगदान होगा, जो सभी स्तरों को पूरा करने के बाद उद्योग संघों/समग्र उपकरण विनिर्माता (ओईएम) संगठनों के माध्यम से पंजीकरण करा रहे हैं. इस स्कीम में भागीदारी करने के लिए उनकी आपूर्ति श्रृंखला वेंडरों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग संघों और ओईएम को प्रेरित करने की एक अनोखी विशेषता है.  

आपको बता दें कि इस वक्त देश में 6.3 करोड़ MSME हैं और यह सेक्टर 11 करोड़ लोगों को रोजगार दिए हुए है. भारत की जीडीपी में MSMEs का योगदान एक तिहाई और एक्सपोर्ट में 48 प्रतिशत है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ECLGS का फायदा लेने वाले कुल बॉरोअर्स में से 83 प्रतिशत, माइक्रो एंटरप्राइजेस हैं.