ECLGS के तहत MSME सेक्टर को अब तक मिले कितने लाख करोड़ रुपये? ये है डिटेल
इस वक्त देश में 6.3 करोड़ MSME हैं और यह सेक्टर 11 करोड़ लोगों को रोजगार दिए हुए है.
इमर्जेन्सी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत MSME सेक्टर को, निर्धारित 5 लाख करोड़ रुपये में से अब तक लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. यह बात केंद्रीय MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने ET MSME Awards 2022 के दौरान कही. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के समय और इस क्षेत्र पर इसके प्रभाव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय कई MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) बंद हो गए थे. कोविड19 के कारण उनकी आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई थी.
ईवेंट के दौरान वर्मा ने MSME सेक्टर को फिर से खड़ा होने में मदद करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए वित्तीय सहायता की लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई. इसी तरह नई सर्विस यूनिट्स के लिए वित्तीय सहायता की लागत 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है. इससे कारोबार खड़ा करने के साथ-साथ लोगों को रोजगार देने में भी मदद मिलेगी.
इस वक्त देश में 6.3 करोड़ MSMEs
वर्मा ने यह भी कहा कि MSMEs की देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है. इस वक्त देश में 6.3 करोड़ MSME हैं और यह सेक्टर 11 करोड़ लोगों को रोजगार दिए हुए है. भारत की जीडीपी में MSMEs का योगदान एक तिहाई और एक्सपोर्ट में 48 प्रतिशत है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ECLGS का फायदा लेने वाले कुल बॉरोअर्स में से 83 प्रतिशत, माइक्रो एंटरप्राइजेस हैं.
ECLGS को लेकर क्या कहा गया था आर्थिक सर्वे में
हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि अगले वित्त वर्ष में वैश्विक अनिश्चितता और धीमी आर्थिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए, सरकार MSMEs के लिए ECLGS के संभावित विस्तार पर विचार कर रही है. इस योजना को पहले ही दो बार बढ़ाया जा चुका है. पहली बार सितंबर 2021 में छह महीने की अवधि के लिए. इसके बाद केंद्रीय बजट 2022-23 में 31 मार्च 2023 तक. नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) योजना का संचालन करने वाली एजेंसी है.
महामारी के बीच मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) योजना के हिस्से के रूप में घोषित इस योजना को 31 मार्च, 2023 से छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 (Economic Survey) में कहा गया था कि ECLGS ने भारत के MSMEs को वित्तीय संकट से बचाया है. इकनॉमिक सर्वे के अनुसार, 'MSME सेक्टर में ऋण वृद्धि जनवरी-नवंबर 2022 के दौरान औसतन 30.6 प्रतिशत से अधिक रही, जो कि उल्लेखनीय रूप से उच्च है. यह एक्सटेंडेड ECLGS द्वारा समर्थित रही.'
Edited by Ritika Singh